कहां कितना रजिस्ट्रेशन प्रजेंट

अमिताभ बच्चन कॉम्लेक्स 36 07

मदन मोहन मालवीय स्टेडियम 24 05

(आंकड़ा दस साल तक के बच्चों का है)

-प्रैक्टिस के लिए है रजिस्ट्रेशन लेकिन बंद पड़े हैं घरों में

-परिजनों का कहना है कि बच्चों पर है संक्रमण का खतरा

PRAYAGRAJ: जिले में हर रोज कोरोना केसेज बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में पैरेंटस के मन में भी डर समाने लगा है। यही वजह है कि रजिस्ट्रेशन कराने के बावजूद वह अपने बच्चों को प्रैक्टिस के लिए स्टेडियम भेजने से कतरा रहे हैं। हर रोज स्टेडियम आने वालों के आंकड़े भी इस बात का गवाही देते हैं। रजिस्ट्रेशन की तुलना में केवल तीस फीसदी बच्चे ही प्रैक्टिस के लिए स्टेडियम पहुंच रहे हैं। इसमें भी दस साल तक के बच्चों की संख्या ज्यादा है।

क्या कहते हैं पैरेंट्स

सोमवार को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने तमाम पैरेंट्स से मोबाइल पर बात की। इस दौरान इनसे बच्चों को स्टेडियम न भेजने की वजहें पूछी गई। इस दौरान पैरेंट्स ने कोरोना को लेकर अपना डर जताया। कुछ पैरेंट्स का कहना था कि उनके बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर है। उनका कहना है कि जरा सा मौसम बदलता है तो उनके बच्चे सर्दी, खांसी और बुखार की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में कोरोना काल में उन्हें स्टेडियम प्रैक्टिस के लिए भेजना सही नहीं है।

बच्चे खुद को कैसे संभालेंगे

वहीं कई पैरेंट्स का यह भी कहना है कि बच्चे कहां परहेज और बचाव की गंभीरता समझ पाएंगे। उन्हें क्या पता कि क्या टच करना है और कैसे रहना है? दूसरी बात बच्चे खेलने-कूदने में इतना मगन हो जाते हैं कि उन्हें अंदाजा ही नहीं होता कि वह कितनी आसानी से संक्रमण की चपेट में आ जा रहे हैं। ऐसे में इम्यून सिस्टम की कमजोरी उन्हें बीमारी की चपेट में ला देगी।

-बुजुर्गो और बच्चों को कोरोना का खतरा ज्यादा है।

-यह उम्र की ऐसी स्टेज होती है कि दोनों में इम्यूनिटी कम होती है।

-ओल्ड एज लोगों की इम्यूनिटी नहीं बढ़ाई जा सकती।

-लेकिन बच्चों के खाने-पीने और रूटीन को बदल कर उनकी इम्यूनिटी इंप्रूव की जा सकती है।

इम्यूनिटी सिस्टम को अच्छा बनाने के लिए सबसे जरूरी है पूरी नींद। बच्चों में रात को जल्दी सोने की आदत डालें। उन्हें बताएं कि देर तक जागने उसे उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होगा। छोटे बच्चों को नौ घंटे की पूरी नींद लेनी चाहिए।

-डॉ। जितेंद्र जैन, फिजियोथैरेपी

बच्चों को हेल्दी फूड खिलाएं। उन्हें बासी या जंक फूड से दूर रखें। इस बात भी ध्यान रखें कि आपका बच्चा सिर्फ एक ही चीज ज्यादा न खाता हो। उसे सभी कुछ, यानी सही आहार मिले और दूध पीने की आदत बच्चों में जरूर डालें।

-डॉ। अरुण गुप्ता, बीएचएमएस

इस टाइम केसेस बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए बच्चे को भेजने से डर लगता है। रजिस्ट्रेशन तो करा रखा है। लेकिन अभी घर वाले भी मना कर रहे हैं। फिलहाल घर पर प्रैक्टिस चालू है।

-गुड्डू यादव, पैरेंट्स

स्टेडियम में पता नहीं कौन कहां से आ रहा है। बच्चे बिना हाथ धोये सामान टच कर लेते है। स्टेडियम के अंदर बच्चों के साथ किसी गार्जियन की भी एंट्री नहीं है।

-अर्पणा चौधरी, पैरेंट्स

Posted By: Inextlive