लाइट एंड साउंड सिस्टम के युग में भी परंपरागत तरीके से रामलीला करते हैं कलाकार

मंच पर प्रसंग के हिसाब से जो संवाद बोलते हैं उसी की रिहर्सल के दौरान करते हैं प्रैक्टिस

ALLAHABAD: रामलीला का नाम जेहन में आते ही मंच पर राम जन्म से लेकर वनवास, राक्षसों से युद्ध व लंका पर आक्रमण जैसे अनगिनत प्रसंगों की याद आ जाती है। आज के युग में भले ही लाइट एंड साउंड के जरिए रामलीलाओं का मंचन होता है लेकिन सिविल लाइंस, दारागंज व रेलवे की रामलीला कमेटियां अभी प्राचीनतम परंपरा को जिंदा रखी हैं।

मिलती है डायलाग की कापी

रेलवे की रामलीला 50 वर्षो की हो चुकी है। सिविल लाइंस की बाल रामलीला की परंपरा 39 वर्ष पुरानी है। दारागंज की रामलीला का इतिहास भी 60 वर्ष पुराना है। इन तीनों कमेटियों की रामलीला बेहतरीन तरीके से कराने की जिम्मेदारी लीला निर्देशक के जिम्मे होती है। निर्देशक ही कलाकारों को डायलाग की कापी देते हैं। इसकी प्रैक्टिस कलाकार घर पर करते हैं और उसी की प्रस्तुति रिहर्सल के दौरान भी करते हैं।

सिर्फ पानी का सहारा

श्री श्री बाल रामलीला कमेटी की ओर से रामलीला का मंचन 16 सितम्बर से किया जाएगा। रेलवे की रामलीला की शुरुआत पांच अक्टूबर से होगी। सिविल लाइंस की रामलीला के लिए रिहर्सल चल रहा है। इसमें करीब 45 कलाकार अभिनय करेंगे। डायलाग को बेहतरीन तरीके से बोलने के लिए सभी कलाकार सिर्फ पानी का सेवन करते हैं।

साउंड सिस्टम का इस्तेमाल

श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी व श्री कटरा रामलीला कमेटी के अलावा पजावा की रामलीला में भी लाइट एंड साउंड सिस्टम के जरिए मंच पर डायलाग बोला जाता है। इसमें कलाकार सिर्फ भाव भंगिमा दिखाता है।

डायलाग बोलते समय कोई दिक्कत न हो इसलिए पानी और जूस का इस्तेमाल करता हूं। भारी खाने से एक महीने परहेज किया जाएगा।

अरविंद यादव

16 अगस्त से रिहर्सल शुरू है। हल्का खाना ले रही हूं। ड्राई फ्रूट्स और पानी का सेवन करने से डायलाग बोलने में दिक्कत नहीं होती है।

शिवानी

प्रैक्टिस में सबसे ज्यादा गले को तरोताजा करना होता है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पानी और जूस का सेवन कर रही हूं।

लवली कश्यप

रिहर्सल से लेकर रामलीला के समापन तक सात्विक भोजन करना है। डायलाग बेहतरीन ढंग से बोला जा सके इसके लिए पानी का ज्यादा इस्तेमाल करता हूं।

राजकुमार

परंपरा को जीवित रखने के लिए डायलाग के प्रचलन पर हर वर्ष जोर दिया जाता है। रिहर्सल शुरू होने से पहले कलाकारों को एक-एक कापी डायलाग की दी जाती है।

शंकर सुमन, रामलीला निर्देशक, श्रीश्री बाल रामलीला कमेटी सिविल लाइंस

Posted By: Inextlive