- एक साल तक लड़ी जंग अंत में हुई जीत एसआरएन अस्पताल में चला लंबा इलाज


प्रयागराज ब्यूरो । कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जंग लडऩा आसान नहीं होता है। वह भी तब जब बीमारी अपनी थर्ड स्टेज की शुरुआत में पहुुंच चुकी हो। फतेहपुर के रहने वाले जियालाल वह शख्स हैं जिन्होंने एक साल लड़ाई लड़कर इस गंभीर बीमारी को हरा दिया। उनके इस जज्बे में एसआरएन अस्पताल के डॉक्टर्स ने पूरा साथ दिया। डॉक्टर्स के मुताबिक जियालाल अपनी बाकी की जिंदगी एक स्वस्थ इंसान की तरह बिताएंगे। छोटी आंत में पहुंंच चुका था इंफेक्शन
फतेहपुर के जियालाल एक साल पहले एसआरएन अस्पताल के कैंसर सर्जरी विभाग में एडमिट हुए थे। उनको न तो भूख लग रही थी और न ही लैट्रिन पास हो रही थी। सीटी स्कैन में पता चला कि कैंसर उनकी बड़ी आंत से होकर छोटी आंत की शुरुआत में पहुंच चुका है। इसके बाद उनकी तमाम जांच कर डॉक्टर्स ने आपरेशन किया। जिसमें संक्रमित आतंों के हिस्से को काटकर निकाल दिया गया। हालांकि इस आपरेशन बाद भी मरीज की दिक्कत कम नही हो रही थी। आंत का अधिक हिस्सा कट जाने के बाद समस्या जस की तस बनी हुई थी। इसके बाद डॉक्टर्स को दोबारा आपरेशन करना पड़ा। मरीज को दो माह आब्जर्वेशन में रखने के बाद डिस्चार्ज किया गया। शुरू की गई कीमोथेरेपी


दूसरी सर्जरी के बाद मरीज की कीमोथेरेपी शुरू की गई। छह कीमों के बाद फिर से मरीज के पेट की जांच की गई। जिसमें पता चला कि थर्ड स्टेज होने के बावजूद 80 फीसदी ट्यूमर खत्म हो चुका है। अब कैंसर छोटी आंत के थोड़े से हिस्से में ही बचा हुआ था। डॉक्टर्स ने तीसरी बार सर्जरी का फैसला किया और बचा हुआ ट््यूमर भी बाहर निकाल दिया। फिलहाल मरीज स्वस्थ है और उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि वह अब बाकी की लाइफ आसानी से जी सकेगा। एक साल पहले मरीज हमारे पास आया था। जांच में पता चला कि कैंसर बड़ी आंत से होकर छोटी आंत की शुरुआत में चला गया है। जबकि ऐसा देखने को नही मिलता। यह रेयर मामला था। फिर भी उसकी सर्जरी की गई। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है और अपने घर चला गया है। डॉ। राजुल अभिषेक, असिस्टेंट प्रोफेसर, कैंसर सर्जरी विभाग एसआरएन अस्पताल प्रयागराज

Posted By: Inextlive