03 जगहों पर बेली में थोड़ी-थोड़ी दूर पर हुई कार्रवाई

07 घंटे तक चली तीनों जगहों चली जेसीबी

16 कमरों का राशिद ने बनवा रखा था लॉज

23 कमरे थे करीब कम्मो और जाबिर के मकान में

-अतीक के करीबी रहे राशिद व कम्मो एवं जाबिर के मकान को किया गया जमींदोज

-महिलाओं और बच्चों के विरोध के बावजूद चलती रही कार्रवाई

PRAYAGRAJ: अपराध के दम पर साम्राज्य खड़ा कर रखा था। लॉज बनाकर बिना कुछ किए धरे हर महीने हजारों रुपए कमा रहे थे। लेकिन मंगलवार को प्रशासन की कार्रवाई के बाद यह छत को मोहताज हो गए। बात हो रही है माफिया अतीक के करीबी रहे हिस्ट्रीशीटर राशिद, कम्मो और जाबिर की। सारा फन सीखने के बाद कुछ वर्षो से तीनों ने अतीक का हाथ छोड़ दिया था। अब वह खुद प्रॉपर्टी से लेकर अन्य तमाम कार्य करने लगे थे। इनके मकान पर जेसीबी चलने की बात सुन पहुंचे तमाम लोग तमाशबीन बने रहे। एक्शन के विरोध में सड़क पर धूप में बैठी महिलाओं की आवाज जेसीबी के शोर में गुम हो गई। यह कार्रवाई करीब सात घंटे तक चली। हालांकि राशिद के दूसरे मकान का आंशिक हिस्सा ही तोड़ा जा सका।

एक मकान का कुछ ही हिस्सा टूटा

सुबह करीब 11 बजे जेसीबी और फोर्स के साथ पीडीए अफसर बेली पहुंचे। यह सब कुछ देख बेली में हड़कंप मच गया। लोग समझ गए कि आज फिर यहां मकान जमींदोज किए जाएंगे। तब तक दर्जन भर से अधिक महिलाएं बच्चों के साथ जा पहुंच गई। कार्रवाई शुरू होते ही वह विरोध स्वरूप सड़क पर बैठ गई। तर्क था कि उनका मकान जबरदस्ती तोड़ा जा रहा था। हालांकि प्रशासन के पास मकान होने के पुख्ता प्रमाण थे। ऐसे में कार्रवाई शुरू हो गई। सबसे पहले राजकीय आस्थान 450 वर्गगज जमीन पर बने राशिद के आलीशान मकान को ढहाने का काम शुरू हुआ। यह मकान बेसमेंट व भूतल को मिलाकर दो मंजिला और करीब 16 कमरों का था। देखते ही देखते यह मकान ध्वस्त कर दिया गया।

यहां भी चली जेसीबी

इसी तरह बेली गांव में कम्मो और जाबिर की तीन मंजिला बिल्डिंग भी ढहा दी गई। अफसरों ने बताया कि यह मकान भी राजकीय आस्थान की लगभग 300 वर्गगज जमीन पर बनाया गया था। मकान में 22 से 23 कमरे होने की बात बताई गई। राशिद का वह मकान पर भी जेसीबी चलाई गई जिसे रविवार को विरोध के चलते पूरा नहीं तोड़ा जा सका था। चूंकि यह मकान सुराही आकार का है। इस लिए मंगलवार को भी सामने का हिस्सा ही गिराया जा सका। कार्रवाई में एसीएम द्वितीय प्रेमचंद्र मौर्या, पीडीए के जोनल अधिकारी सत शुक्ला, विशेष कार्याधिकारी आलोक कुमार पांडेय, तहसीलदार अर¨वद मिश्रा, सीओ अजय सिंह चौहान, इंस्पेक्टर कैंट नीरज वालिया आदि शामिल थे।

राशिद व कम्मो और जाबिर ने राजकीय आस्थान की जमीन पर अवैध निर्माण करवाया था। इनके आपराधिक इतिहास भी हैं। राजकीय आस्थान की जमीन पर मकान बने होने के कारण उसे ढहाया गया। राशिद के एक मकान का पूरा हिस्सा नहीं टूट सका है। फिर कार्रवाई की जाएगी।

सत शुक्ला, पीडीए के जोनल अधिकारी

Posted By: Inextlive