एक दर्जन जन औषधि केंद्रों के लाइसेंस हुए सरेंडर

डॉक्टर्स पर है महंगी और ब्रांडेड दवाएं लिखने का आरोप

ALLAHABAD: प्रधानमंत्री के सस्ती दवा के सपने को डॉक्टर्स ने पलीता लगा दिया है। इसका प्रमाण हैं धड़ाधड़ बंद हो रहे जन औषधि केन्द्र जिन्हें छह महीने पहले ही खोलने की पहल की गयी थी। डॉक्टर्स जेनेरिक दवाओं को लिख नहीं रहे थे। मजबूरी में पब्लिक महंगी दवाएं खरीद रही थी। दुकानदारों को घाटे का सौदा लगा तो उन्होंने लाइसेंस सरेंडर करके किनारा कस लिया।

छह माह के भीतर ही बंद हो गए केंद्र

एक साल पहले प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के मेडिकल स्टोर खोले जाने के आवेदन मांगे गए थे। सस्ती जेनेरिक दवाओं के इन केंद्रों को छह माह भी नही हुए कि संचालकों ने लाइसेंस सरेंडर कर दिए। उनकी मानें तो डॉक्टर्स केवल ब्रांडेड और महंगी दवाएं ही मरीजों को लिखते हैं। लोगों को इन केंद्रों की जानकारी भी नही है। बिक्री नही होने से उनका लगातार घाटा हो रहा था तो लाइसेंस सरेंडर करने में ही भलाई समझी है।

पूरे मंडल में मची है खलबली

यह योजना काफी धूम धड़ाके से केंद्र सरकार ने लांच की थी। इसके तहत मरीजों को जेनेरिक दवाएं 70 फीसदी तक डिस्काउंट के साथ बेची जानी थी। पूरे मंडल में सौ के आसपास लाइसेंस दिए गए हैं और इनमें से एक दर्जन ने सरेंडर कर दिया है। उम्मीद है कि अभी दुकानें और बंद हो सकती हैं।

सरकार की योजना

20

फीसदी मुनाफा मिलना था जन औषधि केंद्र संचालक को दवा की बिक्री पर

10

फीसदी इंसेंटिव का प्रावधान किया गया था बिजनेस बढ़ाने के लिए

70

फीसदी तक सस्ते हो जाने थे दवाओं के दाम

02

लाख रुपए तक की वित्तीय मदद दी गयी थी जन औषधि केन्द्रों को

100

ने आवेदन किया था इलाहाबाद मंडल में जन औषधि केन्द्र के लिए

06

महीने पहले हुई थी इन केन्द्रों की शुरुआत

12

सरेंडर कर चुके हैं लाइसेंस छह महीने के भीतर

ऐसी अच्छी योजनाओं का यही हश्र होता है। अभी भी शहर में कई जन औषधि केंद्र हैं जहां लोगों का फायदा हो सकता है। इसलिए उम्मीद है कि डॉक्टर्स जेनेरिक दवाएं भी लिखेंगे।

अभिनव शर्मा

जनता को अपने फायदे नुकसान की समझ होनी चाहिए। वह डॉक्टर से जेनेरिक दवाएं लिखने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं। उनके इस कदम से दूसरे मरीजों का फायदा होगा।

आकाश कुशवाहा

स्टोर संचालकों को थोड़ा और इंतजार करना चाहिए। धीरे धीरे लोगों को इसकी जानकारी हो जाएगी। अभी लोगों को पता नही है इसलिए वह इन केंद्रों का लाभ नही उठा पा रहे हैं।

आयुष्मान गुप्ता

सरकार को दोष है कि ऐसी महत्वपूर्ण योजनाओं का प्रचार प्रसार नहीं किया जाता है। इसकी वजह से आम जनता को जानकारी नही होती और वह अनजाने में महंगी दवाओं से इलाज कराती है।

नीरज वर्मा

Posted By: Inextlive