- जगह-जगह बैरिकेडिंग होने से जरूरी काम से निकले लोगों को हुई दिक्कत

ढाई महीने के लॉकडाउन के बाद पिछले करीब एक डेढ़ महीने से सब कुछ सामान्य था। किसी सड़क पर न कोई बैरिकेडिंग थी और न ही रोक-टोक। शुक्रवार रात से एक बार फिर से लॉकडाउन शुरू हुआ और रास्तों को ब्लॉक किया गया तो पब्लिक घनचक्कर बन गई। एक रोड से दूसरे रोड पर और दूसरे रोड से तीसरे रोड होते हुए पुराने शहर से सिविल लाइंस की तरफ लोग आ सके। सिविल लाइंस से पुराने शहर की ओर जा सके।

रोड को कर दिया गया 'लॉक'

एक बार फिर शुरू हुए लॉकडाउन में लोगों को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी, लेकिन जरूरी काम के साथ आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को आने-जाने की छूट दी गई थी। इसलिए सड़कों पर गाडि़यों का आवागमन जारी रहा, लेकिन लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए ट्रैफिक डिपार्टमेंट द्वारा जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई। रोड को ब्लॉक कर दिए जाने की वजह से लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ा।

बैरीकेडिंग ने बढ़ायी दूरी

- लोक सेवा आयोग की तरफ से बेली की तरफ जाने वाली दोनों लेन बंद कर दिया गया। जिसकी वजह से लोगों को यात्रिक होटल चौराहा से धोबी घाट चौराहा होते हुए पुराने जीटी रोड पर आना पड़ा।

- इसी तरह बालसन चौराहा, मेडिकल चौराहा, सुभाष चौराहा

- रामबाग चौराहा, जॉनसेनगंज चौराहा, चंद्रलोक चौराहा, घंटाघर चौराहा के साथ ही शहर के अन्य इलाकों में भी आवश्यक सेवाओं के लिए लोगों को यहां से वहां भटकना पड़ा।

निरंजन पुल के नीचे पानी भरा होने से ज्यादा हुई परेशानी

सबसे ज्यादा दिक्कत शनिवार की सुबह उस समय हुई जब बारिश के बाद निरंजन पुल के नीचे पानी भर गया। पुराने शहर से सिविल लाइंस की तरफ आने के लिए लोग काफी परेशान हुए। कोई दवा लेने निकला था। कोई अन्य जरूरी काम के लिए। लोगों को बैरिकेडिंग के चक्रव्यूह से होते हुए सिविल लाइंस आने में काफी दिक्कत हुई। जॉनसेनगंज चौराहे से पानी टंकी पुल की तरफ और रामबाग फ्लाईओवर तक पहुंचने में लोग यहां-वहां भटकते रहे, क्योंकि मेन रास्ते को बंद कर दिया गया था, जिसके बाद अगल-बगल के रास्तों व गलियों से भटकते हुए लोग पहुंचे।

Posted By: Inextlive