अतीक और अशरफ के जेल जाने के बाद गुर्गों के लिए ऐशगाह बन गई थी यह खंण्डहर बिल्डिंग एक-एक चीज बिल्डिंग में मौजूद माफिया के गुर्गों के गुनाह की चीख-चीख के कर रहीं चुगली

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। कुख्यात अपराधी माफिया अतीक अहमद का दफ्तर किसी रहस्यमयी गुफा से कम नहीं है। खण्डहर सरीखे दिखाई देने वाले इस दफ्तर के कमरों में आज भी गुर्गों का आना जाना था। यहां गुर्गे सिर्फ रुकते ही नहीं थे, उनकी शाम भी रंगीन हुआ करती थी। दफ्तर के एक रूम में पड़े युवतियों के नए कीमती लहंगे व मेकअप के सामान और कुछ कपड़े इस बात के पुख्ता उदाहरण हैं। खाना बनाने के बर्तन व हीटर तक के इंतजाम किचन में मौजूद हैं। बैठने के लिए सोफा तक इस टूटे हुए कार्यालय की आज भी शोभा बढ़ा रहा है। आलमारियों में रजाई और गद्दा तो कमरे में तख्त तक रखे गए हैं। कमरों के अंदर की मौजूदा तस्वीर व खण्डहर हो चुकी बिल्डिंग अतीक व उसके गुर्गों के बुलंदियों दास्ता अब भी बयां कर रही हैं। यह वही बिल्डिंग है, जिसमें मंगलवार को पुलिस के द्वारा अवैध असलहों का जखीरा और करीब 72 लाख रुपये कैस बरामद किए थे। कभी अतीक के रसूख का हिस्सा रही इस दफ्तर की बिल्डिंग में आज भी कई ऐसे राज दफन हैं, जिसके बारे में आम आदमी सिर्फ कल्पना मात्र ही कर सकता है। रहस्यों का के पर्दे को उठाना शायद ही किसी के बस की बात हो।

खण्डहर बता रहे बुलंदियों की दास्तां
एक वक्त था जब माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ का करबला चौकी के पास स्थित दफ्तर में बैठकें हुआ करती थीं। गुर्गों की हुंकार से पूरा इलाका थर्रा उठता था। उस समय माफिया अतीक के रुआब की चर्चाएं पूरे प्रदेश की जनता में ही नहीं राजनीतिक गलियारों में भी हुआ करती थी। अतीक के दम पर उसके गुर्गों के भी तेवर काफी तल्ख हुआ करते थे। दबी जुआं आज भी अतीक के उस रौब और खौफ को याद करके सिहर उठते हैं। माफिया अतीक व उसका भाई अशरफ और दो बेटे उमर और अली अहमद जेल भले हैं, लेकिन बाहर उसके गुर्गों का रौब और खौफ पहले जैसा ही था। अतीक व उसके गुर्गों के दहशत का अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि अब भी कोई खुलकर उसके बारे में मुंह खोलने को तैयार नहीं है। जबकि बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह उमेश पाल के कत्ल के बाद कार्रवाई से उसकी पूरी फैमिली सहमी हुई है। बताते चलें कि विधायक राजू पाल की हत्या के बाद बसपा सरकार एक्शन मोड में आ गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री रहीं मायावती के इशारे पर उसके इस दफ्तर को जेसीबी लगाकर ढहा दिया गया था। हालांकि निजाम बदला और फिर अतीक अपने अस्तित्व में आ गया। अस्तित्व में आते ही वह दफ्तर की बिल्डिंग को फिर खड़ा कर लिया था। भाजपा सरकार द्वारा माफियाओं के खिलाफ चलाए गए अभियान में पीडीए ने फिर अतीक के दफ्तर की बिल्डिंग का अवैध हिस्सा गिरा दिया था। माफिया अतीक अहमद और अफसर जेल चले गए। भाजपा सरकार का रुख माफियाओं के खिलाफ सख्त है। लिहाजा खण्डहर में तब्दील यह बिल्डिंग अतीक के दुर्दिन की दास्तां बया कर रही है। आका यानी अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ जेल जाने के बाद खण्डहर हो चुकी इस दफ्तर की बिल्डिंग उसके गुर्गों की पनाहगार बन गई।

ऐश से लेकर मौत तक का सामान मौजूद
तोड़े जाने की वजह से खण्डहर दिखाई देने वाली इस बिल्डिंग में उसके गुर्गे आज भी आया जाया करते थे। उनका सिर्फ बिल्डिंग में आना जाना ही नहीं था, यहां उनके जरिए मौत के सामान व भारी मात्रा कैस भी छिपाया करते थे। अवैध असलहों का जखीरा और रुपये छिपाने के लिए बाहर से खण्हर नुमा दिखाई देने वाली बिल्डिंग महफूज अड्डा बन गई थी। शायद यही कारण था कि उमेश पाल मर्डर केस के कातिलों व उनके सहयोगियों की तलाश में जुटी पुलिस को इस बिल्डिंग से अवैध असलहों का पूरा जखीरा मिला। साथ ही लाखों रुपये भी बरामद किए गए। इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर आईएस 227 गैंग के सरगना माफिया अतीक अहमद का कार्यालय खुर्शियों में आ गया है।

गुर्गे बनाते थे खाना और बिताते थे रात
खण्डहर होने के बावजूद अहमदाबाद जेल में बंद माफिया अतीक के गुर्गों का इस बिल्डिंग से नाता नहीं टूटा। गुर्गे सिर्फ यहां आते और जाते ही नहीं थे, उनकी शाम भी यहां रंगीन हुआ करती थी। असलहों का जखीरा और भारी मात्रा में रुपये बरामद होने के दूसरे दिन बुधवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम अतीक अहमद के खण्डहर हो चुके दफ्तर पहुंची। यहां तमाम मीडिया कर्मी पहले से ही मौजूद मिले। टीम द्वारा की गई पड़ताल में जो तथ्य व हालात दिखाई दिए वह बेहद चौंकाने वाले एवं रहस्यों से भरे रहे। सीढिय़ों से ऊपर चढ़ते ही किचन का डोर खुला हुआ दिखाई दिया। किचन में मौजूद बर्तन की स्थिति ऐसी थी मानों कुछ दिन पहले ही उन्हें धुल कर रखा गया हो। किचन में बर्तन के पास एक पाउडर दूध नया डिब्बा इस बात की तरफ इशारा कर रहा था कि गुर्गे यहां चाय कॉपी के लिए इस दूध का इस्तेमाल करते रहे होंगे। इतना ही नहीं बगल में एक खुले हुए डिब्बे के अंदर कुछ रोटियां भी रखी हुई थीं। इन रोटियों की कंडीशन से लग रहा था कि वह बहुत पुरानी नहीं थीं। उसकी चमक और साफ्टनेस देखने से ही पता चल रहा था। खाना बनाने के बर्तन तो थे ही साथ ही अच्छी कंडीशन में चलता हुआ हीटर का भी इंतजाम था। इससे साफ मालूम चलता है कि बिल्डिंग में पहनाह लेने वाले गुर्गे यहां खाना बनाते और खाते भी। खुली हुई आलमारी में मौजूद रजाई व गद्दे एवं कपड़े और दो तख्त इस बात की पुष्टि कर रहे थे कि गुर्गे यहां रात बिताया करते थे। साफ सुथरा साफ कीमती सोफा भी किचन के बगल दूसरे कमरे में रखा दिखाई दिया।

लहंगे में छिपा है रंगीन शाम का राज
माफिया अतीक अहमद के खण्डहर हो चुके दफ्तर में चौड़ी रोड से प्रवेश करते ही बाईं तरफ एक कमरा है। कमरे के ओपन डोर में एक तख्त पर कपड़ों का ढेर और जमीन पर बर्तन बिखरे हुए थे। कपड़ों में युवतियों के कीमती नये कई लहंगे व टॉप और शूट भी पड़े थे। युवतियों के इन कपड़ों पर धूल के एक भी कड़ नहीं थी। युवतियों के कुछ कीमती कपड़े पालीथिन में पैक दिखाई दिए। यदि कपड़े पुराने होते जिस वक्त बिल्डिंग तोड़ी गई थी उस पर धूल की कम से कम एक लेयर परत जरूर रही होती। युवतियों के न्यू ब्रांडेंड कपड़े इस बात की तरफ इशारा कर रहे थे इसका यूज बराबर हो रहा था। इन कपड़ों को व प्रथम तल पर खुली हुई आलमारी में मेकअप व किचन में खाना बनाने के मौजूद सामान इस बात के पुख्ता उदाहरण है कि बिल्डिंग में आने जाने वाले गुर्गे अक्सर यहां शाम रंगीन किया करते थे।

रहस्यों से भरी है आलमारी की फाइलें
करबला चौकी के पास स्थित माफिया अतीक अहमद के फस्ट फ्लोर पर स्थित हॉल में मौजूद आलमारी में सरकारी फाइलों का ढेर लगा हुआ है। उतने ही सरकारी कागजातों की फाइलें आलमारी के पास फर्श पर बिखरी हुई हैं। बिखरी हुई फाइलों में साफ दिखाई दे रहा था कि उनमें ज्यादातर कागजात आपराधिक मुकदमों व रेलवे एवं जमीन से सम्बंधित हैं। इन फाइलों को यदि गहनता के साफ पुलिस प्रशासन के द्वारा अध्ययन किया जाय तो अतीक व उसके जमीन सहित अन्य धंधों से जुड़े कई राज बेनकाब हो सकते हैं। माना जा रहा है कि इन फाइलों में माफिया अतीक द्वारा कब्जा की गई जमीन के भी दस्तावेज हो सकते हैं। मंगलवार को इस बिल्डिंग से असलहों का जखीरा बरामद करने वाली पुलिस की नजर इन फाइलों पर क्यों नहीं गई? इस सवाल को लेकर बिल्डिंग में पहुंचे लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई। कहना था कि इन फाइलों को बारीकी के साथ पुलिस को खंगालने की जरूरत है। इनमें ऐसे माफिया अतीक व उसके गुर्गों के कई राज का फांस हो सकता है।

मुजरा के लिए रूम में है 'तख्ते तामील
आज खण्डहर की तरह दिखाई देने वाली माफिया अतीक अहमद के दफ्तर की बिल्डिंग में कभी मुजरा भी हुआ करता था। बिल्डिंग के अंदर एक कमरे में मुजरा के लिए लकड़ी का शानदार 'तख्ते तामीलÓ बना हुआ है। इस कमरे के चारों कोने में बैठने के लिए शानदार प्रबंध किए गए हैं। जमीन में नाचते वक्त डांसर के पांव न दुखें इसका भी पूरा ख्याल रखा गया है। बाकायदे फर्श पर ऐसे कारपेट बिछे हुए हैं जिस पर पांव रखते ही वह काफी शॉफ्ट लगे। हालांकि रूम की कंडीशन यह बता रही थी कि उसमें पिछले कई साल से महफिल नहीं सजी। बैठने के लिए बनाए गए शानदार तख्त पर छत से झरी हुई पेंट की परत पड़ी हुई है। सीट व फर्श पर धूल की कई परत जमी हुई है। रूम के दीवार व छत के पेंट भी जगह-जगह से गिर रहे हैं। ऐसे में माना यह जा रहा कि इस कमरे में मुजरा उस दौर में होता रहा होगा जब माफिया अतीक अहमद के सितारे बुलंदी पर हुआ करते थे। उस दौर में माफिया अतीक व उसका भाई अशरफ यहां बाहर से आने वाले सियासी मित्रों और अपराध की दुनिया के बदशाहों का इस्तकबाल और स्वागत करता रहा होगा।

xअतीक के मिल्कियत की हिफाजत कर रहे गुर्गे
अधिवक्ता उमेश पाल व उसके दो गनर की हत्या के बाद शुरू हुई कार्रवाई से माफिया अतीक की रस्सी भले जल गई, पर उसके गुर्गों की ऐठन आज भी कम नहीं हुई है। इतने के बावजूद गुर्गे चोरी छिपे आंख दिखाने से बाज नहीं आ रहे। मंगलवार को पुलिस द्वारा अतीक के टूटे कार्यालय से अवैध असलहों का जखीरा और भारी मात्रा में रुपये बरामद किए गए थे। दूसरे दिन बुधवार को तमाम मीडियाकर्मी व कुछ लोकल के लोग वहां जा पहुंचे। बिल्डिंग के अंदर तो कई रोड पर कब्रिस्तान की चहारदीवारी पर बैठे थे। इस बीच बाइक से पीली टीशर्ट पहने हुए एक करीब चालीस वर्ष का शख्स पहुंचा। उसके चेहरे पर गुस्से की परछाई झलक रही थी। कड़क आवाज में मीडियाकर्मियो से पूछा किस मीडिया से हो। जवाब नहीं मिलने पर दोबारा बोला अरे तुम्ही लोगों से पूछ रहे हैं। एक मीडियाकर्मी ने सवाल दागा पूछा आप कौन हैं? पहले ये बताइए। इतना सुनते ही वह शख्स बाइक में किक लगाया और बोला मत बताओ हम तो एक अच्छी न्यूज देने आए थे। न्यूज क्या है यह मीडियाकर्मी पूछते उसके पहले वह फ्लाई ओवर की तरफ बाइक बढ़ा कर चला गया। वह उसी तरफ से आया भी था। यह देखकर अनुमान लगाया गया कि माफिया अतीक के गुर्गे अतीक से जुड़ी हर चीज पर बड़ी बारीकी से नजर गड़ाए हुए हैं।

Posted By: Inextlive