-संडे को सर्च कमेटी ने किया इंट्रैक्शन सेशन

ALLAHABAD: अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो यह तय मानिए कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी इलाहाबाद को वाइस चांसलर जल्द मिलने जा रहा है। संडे को वीसी की तलाश के लिए गठित सर्च कमेटी ने इस पद के लिए आवेदन करने वाले अनन्तिम दावेदारों के साथ इंट्रैक्शन किया। इंटरैक्शन सेशन एयू के कार्यवाहक वीसी प्रो। ए सत्यनारायण के कैम्प कार्यालय पर हुआ।

16 उम्मीदवार हुए शामिल

जानकारों का कहना है कि सेशन का पर्पज पद के दावेदारों की प्रशासनिक दक्षता, कार्यकुशलता, उनकी फ्यूचर प्लानिंग आदि का आकलन करना था। सूत्रों का कहना है कि सेशन में सभी 17 में 16 उम्मीदवारों के साथ इंट्रैक्शन हुआ। सेशन की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुबह 10:30 बजे शुरू हुई बैठक शाम पांच बजे तक चली, जिसमें कमेटी सदस्यों ने सभी को एक-एक करके परखने की कोशिश की। इससे मुकाबला टफ नजर आ रहा है। बैठक पर यूनिवर्सिटी के दिग्गज टीचर्स की भी निगाहें लगी रहीं। वे पल पल की खबर लेने को आतुर दिखे।

11 से 17 हो गई थी संख्या

बता दें कि बीते 24 अक्टूबर को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर ए सत्यनारायण के एमएनएनआईटी स्थित आवास पर हुई बैठक में पूर्व में निर्धारित 11 नामों पर विचार किया गया। इसके अलावा छह और नामों को शामिल गया। जिससे अभ्यर्थियों की कुल संख्या बढ़कर 17 हो गई। संडे को हुई बैठक के बाद उन चर्चाओं पर भी विराम लग गया। जिनमें कहा जा रहा था कि चयन के लिए बढ़ते दबाव के बाद कमेटी के एक सदस्य ने इस्तीफा दे दिया है। इससे कुलपति के चयन का मामला फिर से अटक गया है।

जुलाई 2014 से खाली है पद

बैठक में इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवर्ृत्त न्यायाधीश और विजिटर नामिनी सखाराम सिंह यादव, पटना हाईकोर्ट के एक्स। चीफ चस्टिस रवि एस धवन और जेएनयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर एसके सोपोरी शामिल रहे। गौरतलब है कि एयू में 28 जुलाई 2014 के बाद से कुलपति का पद खाली चल रहा है। 2011 में आए एयू के स्थाई वीसी प्रो। एके सिंह ने मठाधीश शिक्षकों की राजनीति से परेशान होकर 28 जुलाई 2014 को इस्तीफा दे दिया था। उनके जाने के बाद कार्यवाहक वीसी के तौर पर मेडुअल हिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रो। एनआर फारुखी ने कार्यभार देखा। जिनके कार्यकाल में 20 सितम्बर 2014 को बुलाई गई कार्य परिषद की बैठक में सर्च कमेटी के लिए दो नाम तय करके मंत्रालय को भेजा गया। बीच में लम्बे समय तक सर्च कमेटी के गठन का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में फंसा रहा। जिसमें सदस्यों की योग्यता को चुनौती दी गई। इससे वीसी की नियुक्ति में अच्छा खासा समय व्यतीत हो गया।

तय करना है एक नाम

जानकारों का कहना है कि यूनिवर्सिटी में स्थाई वीसी की खोज अब पूरी होने वाली है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो नए साल की शुरुआत तक एयू को वीसी मिल जाएगा। क्योंकि सर्च कमेटी कुछ नाम पर मुहर लगाकर जल्द ही एमएचआरडी को भेजेगी और फिर एमएचआरडी किसी एक के नाम पर चयन के लिए इसे यूनिवर्सिटी के विजिटर यानी भारत के राष्ट्रपति के पास भेजेगी। इस काम में इसलिए भी देरी होने की संभावना कम लग रही है। क्योंकि खुद एमएचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी कई मौकों पर कह चुकी हैं कि एयू को वीसी जल्द मिलेगा।

Posted By: Inextlive