15हजार से अधिक जिला कचहरी में हैं अधिवक्ता10से पांच हजार वकील हर रोज यहां करते हैं प्रैक्टिस15से 20 हजार के करीब प्रतिदिन यहां आते हैं वादकारी06यूरिनल प्लेस मात्र कचहरी परिसर व आसपास हैं निर्मित जिला कचहरी परिसर व आसपास बने यूरिनल प्लेस और परिसर में गंदगी का अम्बार

प्रयागराज ब्यूरो ।महिला अधिवक्ता और वादकारियों के लिए यूरिनल प्लेस की भी नहीं है मुकम्मल व्यवस्था
नगर निगम की उपेक्षा के चलते मूलभूत जरूरत के अभाव में रोज परेशान होते हैं करीब तीस हजार लोग
क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: नगर निगम प्रशासन द्वारा अधिवक्ताओं और वादकारियों से जुड़ी मूलभूत समस्या की उपेक्षा की जा रही है। जिला कचहरी परिसर से लेकर अधिवक्ताओं चैंबर के लिए बनाई गई बिल्डिंग तक में कूड़े का ढेर लगा है। हर रोज करीब तीन हजार यहां मौजूद रहने वाले लोगों के लिए गिने चुके सार्वजनिक यूरिनल प्लेस व बनाए गए शौचालय में गंदगी का अम्बार है। इस गंदगी से उठ रही दुर्गंध के बीच बैठकर अधिवक्ता काम वादकारियों को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लडऩे को मजबूर हैं। यूरिनल प्लेस व शौचालय की मानों वर्षों से सफाई नहीं कराई गई। कचहरी परिसर में गंदगी और दुर्गंध की कुरूप तस्वीर शुक्रवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर द्वारा किए गए रियलिटी चेक में सामने आई।

इस उपेक्षा पर अधिवक्ता खामोश क्यों?
रिपोर्टर सबसे पहले जिला कचहरी की पुरानी बिल्डिंग के पुरुष शौचालय में पहुंचा। यहां पर बनाए गए यूरिनल प्लेस व शौचालय के शीट इतनी गंदी मिली मानों काफी दिनों से सफाई हुई ही नहीं। यहीं पर कुछ यूरिनल बेसिन की स्थिति ठीक दिखाई दी। सफाई के अभाव में दुर्गंध इतनी थी कि दो दो मिनट भी खड़ा होना मुश्किल था। जिला अधिवक्ता संघ की बिल्डिंग के सामने दाहिने साइड गली के अंदर एक पुराना शौचालय है। इसमें एक तरफ महिला तो दूसरी ओर पुरुष यूरिनल प्लेस व शौचालय बनाए गए हैं। जर्जर अवस्था में पहुंच चुके इस शौचालय में भी बदतर सफाई व्यवस्था थी। इन समस्याओं
के बीच बैठकर अधिवक्ता वादकारियों को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लडऩे को मजबूर है। हर समस्या की लड़ाई लडऩे में माहिर अधिवक्ता अपने बैठने के स्थान व यूरिनल प्लेस एवं शौचालय में व्याप्त गंदगी व दुर्गंध को हर रोल झेलने के बावजूद शांत क्यों हैं?


हर तरफ गंदे हैं यूरिनल प्लेस व टॉयलेट
कलक्ट्रेट के ठीक सामने अधिवक्ताओं चैंबर के लिए बिल्डिंग बनाई गई है। इस बल्डिंग में टॉयलेट या यूरिनल प्लेस कहीं नहीं है।
जबकि इस बिल्डिंग में तमाम अधिवक्ताओं का चैंबर है। बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर से लेकर थर्ड फ्लोर तक गलियारे में जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा हुआ है।
यूरिनल प्लेस नहीं होने से सामने सदर तहसील गेट के पास बने शौचालय व तहसील के शौचालय का प्रयोग अधिवक्ता और वादकारी करते हैं।
यहां एक शौचालय में पैसा लगता है, लिहाजा उसकी कंडीशन थोड़ी ठीक है, मगर सार्वजनिक यूरिनल प्लेस की कंडीशन काफी खराब है।
उठ रहे दुर्गंध व गंदगी से आसपास खड़ा होना भी मुश्किल है। सदर तहसील गेट के बाईं ओर तहसील का एक शौचालय और भी है।
मगर उपेक्षा व सफाई नहीं होने से वह काफी जर्जर हो चुका है। गंदगी इतनी है कि इस शौचालय के गेट में प्रवेश करते ही दुर्गंध से सिर चकराने लगता है।
कलक्ट्रेट गेट के पास स्थित शौचालय में पैसा लगता है लिहाजा यहां अंदर की कंडीशन थोड़ी ठीक है। मगर बगल में बने सार्वजनिक यूरिनल प्लेस की स्थिति काफी खराब है।
वह रोड से काफी ऊपर भी है। इसकी भी सफाई मानों कभी की ही नहीं जाती। आबकारी विभाग के सामने कलेक्ट्रेट परिसर में बने शौचालय में तो वर्षों से सफाई ही नहीं है।
बगल में सार्वजनिक यूरिनल बनाया गया है। जिसका प्रयोग अधिवक्ता व वादकारी एवं अन्य फरियादी भी किया करते हैं।
यह शौचालय और यूरिनल प्लेस सफाई नहीं होने से इसकी भी स्थिति काफी खराब है। कुछ लोग बताते हैं कि अब इसे कंडम घोषित कर दिया गया है।


जिला कचहरी परिसर में व्याप्त गंदगी एक बड़ी समस्या है। यहां पर हर रोज कम से कम बीस से तीस हजार लोगों की उपस्थिति रहती है। महिला अधिवक्ताओं व महिला वादकारियों को ज्यादा परेशानी होती है। नगर निगम प्रशासन या जिला प्रशासन इस समस्या की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।
गौरव मिश्रा, एडवोकेट

यूरिनल प्लेस की समस्या जिला कचहरी परिसर में वर्षों से है। कचहरी परिसर एक सार्वजनिक प्लेस है। यहां पर नगर निगम व प्रशासन को यूरिनल प्लेस का निर्माण कराना चाहिए। समस्या सिर्फ इतनी ही नहीं, यहां पर सफाई की भी है। इस सार्वजनिक प्लेस पर नगर निगम को नियमित सफाई व फागिंग कराना चाहिए।
पंकज त्रिपाठी, एडवोकेट


पूरे कचहरी परिसर में गंदगी का अम्बार है। यहां इस समस्या से अधिवक्ता समाज और वादकारी रोज परेशान होते हैं। एक सार्वजनिक स्थान होने के बावजूद नगर निगम द्वारा ध्यान नहीं दिया जाना घोर लापरवाही है। जिला अधिवक्ता संघ को इस समस्या की लड़ाई लडऩे की जरूरी है।
रत्नेश शुक्ला, एडवोकेट


समस्या काफी बड़ी है। इसकी लड़ाई सभी अधिवक्ताओं को एक जुट होकर लडऩे की जरूरत है। कचहरी परिसर या आसपास का एरिया किसी की निजी नहीं सार्वजनिक प्लेस है। इस लिए यहां पर नगर निगम को सफाई से लेकर यूरिनल जैसी समस्याओं को दूर कराना चाहिए।
विनय शुक्ल, एडवोकेट


जिला कचहरी में करीब पंद्रह हजार अधिवक्ता हैं। इनमें से दस हजार अधिवक्ता नियमित प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं। ऊपर से कम से कम बीस हजार वादकारी रोजाना आते हैं। एक तो यूरिनल प्लेस कम हैं, ऊपर से जो तीन चार हैं भी सफाई नहीं होने से जर्जर हैं। उसमें भी इतना दुर्गंध उठ रहा कि दो मिनट भी खड़े होना मुश्किल है। जबकि बिजली, पानी व सफाई मूलभूत सुविधाओं में शामिल है।
विनय यादव, एडवोकेट


जिला कचहरी परिसर व आसपास बनाए गए चंद यूरिनल प्लेस बदबूदार एवं काफी गंदे हैं। जिस बिल्डिंग में तमाम अधिवक्ता बैठते हैं, उसमें गली में कूड़े का ढेर लगा है। यह एक सार्वजनिक प्लेस है। नगर निगम द्वारा अधिवक्ताओं और वादकारियों की यहां इस समस्या की उपेक्षा की जा रही। जल्द ही नगर निगम को लेटर लिखा जाएगा।
अवधेश कुमार यादव 'गिरधरÓ
कोषाध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ इलाहाबाद


कचहरी परिसर व यूरिनल प्लेस पर गंदगी की समस्या अधिक है, इस बात की जानकारी नहीं थी। शीर्ष अफसरों से बात करने के बाद वहां सफाई की व्यवस्था कराई जाएगी। हालांकि इस समस्या की बाबत कभी कोई शिकायत नहीं आई है।
डॉ। अभिषेक सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

Posted By: Inextlive