-बढ़ती मौतों से परेशान प्रशासन ने बनाई टीम, कोरोना के फैमिली मेंबर्स से करेंगे बात

-आखिर इलाज शुरू कराने में कैसे हुई देर, इसका लगाएंगे पता

-बख्शे नहीं जाएंगे इलाज में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर्स

PRAYAGRAJ: जिले में कोरोना से होने वाली मौतों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचने वाले ऐसे गंभीर मरीजों की हिस्ट्री पता लगाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। इन मरीजों के देर से हास्पिटल पहुंचने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। अगर कोई डॉक्टर दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है। ऐसी कई क्लीनिक और नर्सिग होम्स को नोटिस भी थमाई जा चुकी है।

पहले क्यों नहीं हुए भर्ती?

गंभीर मरीजों के परिजनों से उनकी हिस्ट्री लेने के लिए कोरोना कंट्रोल रूम में डॉक्टरों को लगाया गया है। इनका काम ऐसे मरीजों के परिजनों से फोन पर बातचीत कर पूरी जानकारी प्राप्त करना है। कई मरीजों के परिजनों ने बताया कि मरीज का इलाज पिछले कुछ दिनों से किसी डॉक्टर के अंडर में चल रहा था। लक्षण पहचानते हुए भी डॉक्टर ने मरीज को जांच कराने की सलाह नहीं दी। जब मरीज सीरियस हो गया तो उसे एसआरएन में भेज दिया गया।

लगातार दी जा रही नोटिस

जिन डॉक्टर्स की कमी सामने आ रही है उनको तत्काल नोटिस भिजवाया जा रहा है। अभी तक लगभग आधा दर्जन प्राइवेट हॉस्पिटल्स को ऐसी नोटिस थमाई जा चुकी हैं। कई मरीजों के परिजनों ने बताया कि डॉक्टर के शुरुआती इलाज से मरीज का फीवर उतर गया था लेकिन खांसी आ रही थी। अचानक पांचवें या छठे दिन मरीज की सांस फूलने लगी। जांच में ऑक्सीजन लेवल कम आने पर डॉक्टर ने भर्ती कराने की सलाह ली। ऐसे में कई मरीजों की जान बचाना मुश्किल हो जाता है।

आखिर क्यों नहीं कराते जांच?

प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि कई मामलों में यह निकलकर आया कि डॉक्टर्स मरीजों का शुरुआती दौर में जांच नही करा रहे हैं। फ्लू, फीवर या खांसी का मरीज उनके पास आता है तो उसकी कोविड जांच कराने के बजाय इलाज शुरू कर दिया जाता है। इस दौरान कोरोना प्रोटोकाल का इलाज में पालन नहीं होने से मरीज ठीक होने के बजाय सीरियस हो जाता है। नोटिस में डॉक्टर्स से जांच नहीं कराने की वजह पूछी जा रही है। सही जवाब नहीं मिलने पर उनके संस्थान का लाइसेंस भी कैंसिल किया जा सकता है।

प्रकाशित कराए जाएंगे ऐसे मामले

डॉक्टर और मरीजों की इस लापरवाही होने होने वाली अनहोनी घटनाओं के बारे में जल्द ही जनता को बताया जाएगा। लोगों को न्यूज के जरिए अवेयर किया जाएगा जिससे वो जा सकें कि लक्षण आने पर कोरोना की जांच कराना बेहद जरूरी है। इससे मरीज और उनके परिजनों को संक्रमण से बचाया जा सकता है .ऐसे मरीजों का पूरा डाटा तैयार कर शासन को भी भेजा जा रहा है।

कंट्रोल रूम और एसआरएन हॉस्पिटल में डॉक्टर्स की टीम को मरीजों की हिस्ट्री पता लगाने के लिए तैनात किया गया है। इससे यह पता चलेगा कि आखिर सीरियस हालत में हॉस्पिटल आने वाले कोरोना मरीजों का जिम्मेदार कौन है?

-भानुचंद्र गोस्वामी, डीएम

Posted By: Inextlive