राजभवन ने डीएम को अगली तैनाती तक कार्य करते रहने का दिया आदेश

इंद्रजीत ग्रोवर ने खुद को बताया निदेशक, कहा जाएंगे अदालत

सात राज्यों में लोक कलाओं और संस्कृति के संवर्धन के लिए संगम नगरी में स्थापित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) के निदेशक की कुर्सी को लेकर रार की स्थिति बन गई है। जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने राजभवन से आदेश मिलने के बाद इस पद का अतिरिक्त कार्यभार संभाल लिया। उधर कुर्सी पर शाम तक आसीन रहे इंद्रजीत ग्रोवर ने खुद को निदेशक बताया है। उनका कहना है कि उनके पास संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय का पत्र है। राजभवन किसी की नियुक्ति नहीं कर सकता। वह इस मामले में अदालत की शरण लेंगे।

दिसंबर 2017 में निदेशक बने थे ग्रोवर

चित्रकार इंद्रजीत ग्रोवर की नियुक्ति 18 दिसंबर 2017 को एनसीजेडसीसी में निदेशक के रूप में तीन साल के लिए हुई थी। 17 दिसंबर 2020 को उनका कार्यकाल खत्म होना था। निदेशक पद के लिए मंत्रालय ने आवेदन भी मांगे थे पर तैनाती की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। ग्रोवर का दावा है कि संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय ने 18 दिसंबर को पत्र भेजकर उनका कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ा दिया। इंद्रजीत ग्रोवर ने सोमवार को रोज की तरह कामकाज भी निपटाया। रात करीब आठ बजे जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी राजभवन से मिले निर्देश के क्रम में यहां पहुंचे और निदेशक का अतिरिक्त पदभार संभाल लिया। राजभवन से यह पदभार संभालने के लिए राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने उन्हें पत्र भेजा था। इसमें कहा गया है कि नए निदेशक की नियुक्ति होने अथवा अग्रिम आदेशों तक वह (जिलाधिकारी प्रयागराज) निदेशक के रूप में कार्यभार करते रहें। पदभार ग्रहण कर इसकी सूचना ईमेल से देने की हिदायत भी राजभवन के आदेश में थी। राज्यपाल इस केंद्र के अध्यक्ष होते हैं।

वेबसाइट पर ग्रोवर ही निदेशक

वैसे संस्थान की वेबसाइट रात नौ बजे तक इंद्रजीत ग्रोवर को ही प्रयागराज में सर्वेसर्वा बता रही थी। संगमनगरी में इस केंद्र की स्थापना के लिए 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने घोषणा की थी। वर्ष 1986 में सर्किट हाउस के पास केंद्र बनाया गया। देश में कुल सात सांस्कृतिक केंद्र संचालित हैं। प्रयागराज स्थित केंद्र के कार्यक्षेत्र में उत्तर प्रदेश, बिहार, मप्र, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड एवं दिल्ली शामिल हैं।

Posted By: Inextlive