जवाहर पंडित मर्डर केस वापस लेने की अर्जी पर आपत्ति दाखिल, पीडि़त पक्ष का दावा सरकार को अधिकार नहीं

अभियोजन पक्ष 14 और बचाव पक्ष 65 गवाह कर चुका है पेश

पूर्व विधायक की तरफ से पेश 35 पेज की आपत्ति पर आज होगी सुनवाई

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PRAYAGRAJ: बहुचर्चित विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड का मुकदमा वापस लेने के मामले में आपत्ति दाखिल हो गई है। पूर्व विधायक विजमा यादव के अधिवक्ता लल्लन सिंह ने सोमवार को कोर्ट में 35 पेज की आपत्ति पेश की। इस पर सुनवाई करते हुए एडीजे रमेश चंद्र ने शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि व विशेष अधिवक्ता आरपी सिंह को आपत्ति की नकल देने का आदेश दिया। साथ ही सुनवाई की तिथि छह नवंबर मुकर्रर की।

सरकार को अधिकार नहीं

पीडि़त पक्ष की ओर से दी गई आपत्ति में कहा गया है कि सरकार को मुकदमा वापस लेने का अधिकार नहीं है। सरकार का काम प्रशासनिक कार्य देखना है। पूरे केस का विवरण देते हुए सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के विधि व्यवस्था का भी हवाला दिया गया है। आपत्ति में अभियोजन की अर्जी खारिज करने की मांग भी की गई है। प्रदेश सरकार ने जवाहर पंडित हत्याकांड का मुकदमा वापस ले लिया है। इस पर वादी पक्ष से आपत्ति पेश की है।

अभियोजन पेश करेगा तर्क

मंगलवार को अभियोजन कोर्ट में आपत्ति पर अपना तर्क पेश प्रस्तुत करेगा, इसके लिए अदालत ने मौका दिया है। सुनवाई के दौरान आरोपित पूर्व विधायक उदयभान और उनके भाई व रामचंद्र मिश्रा कोर्ट में हाजिर हुए। पूर्व सपा विधायक विजमा यादव के पति जवाहर पंडित की सिविल लाइंस के सुभाष चौराहे पर 13 अगस्त 1996 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या की गई थी।

भाई ने दर्ज कराया था केस

एफआइआर जवाहर पंडित के भाई सुलाकी यादव की तहरीर पर दर्ज हुई थी। हत्याकांड में पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया, उनके भाई पूर्व विधायक उदयभान, सूरज भान व रामचंद्र मिश्र अभियुक्त हैं। इस मुकदमे में अभियोजन की तरफ से 14 गवाह और बचाव पक्ष की ओर से 65 गवाह की पेशी हुई थी।

22 साल पहले थर्राया था शहर

13 अगस्त 1996 की वह सुबह जब जवाहर पंडित अपनी कार से सिविल लाइंस के लिए निकले थे। सिविल लाइंस पहुंचने पर पुरा इलाका एके 47 की गोलियों की तड़ताड़हाट से गूंज उठा था। हत्यारों ने उन्हें गोलियों से भून दिया था। हत्याकांड के बाद से करवरिया बंधुओं व जवाहर पंडित के परिवार के बीच दुश्मनी की शुरूआत हुई। हत्याकांड के बाद करवरिया बंधुओं पर हत्या का आरोप लगाया गया था। पिछले चार साल से करवरिया भाई जेल में बंद है। अचानक प्रदेश सरकार द्वारा बहुचर्चित हत्याकांड का मुकदमा वापस लिए जाने से एक बार फिर मामला गरमा गया है। शूटरों की गोली से जवाहर पंडित के अलावा कार चालक गुलाब यादव व एक राहगीर की मौत हो गई थी।

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रंगनाथ मिश्रा के विरूद्ध वारंट जारी

आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमे में गैरहाजिर होने पर एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्रा के खिलाफ वारंट जारी किया है। विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने मुकदमे की अगली तारीख 19 दिसंबर मुकर्रर की। भदोही जिले के सुरियांवा थाने में पांच मार्च 2017 को रंगनाथ के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले में अभियोजन को भी कोर्ट ने आदेशित किया है कि वे विधिक प्रकिया का अनुसरण करते हुए आदेश का पालन कराए।

मंत्री ओम प्रकाश राजभर तलब

एमपी एमएलए कोर्ट ने युवा एवं कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर व अन्य को तलब किया है। सोमवार को मुकदमे की सुनवाई के दौरान ओम प्रकाश राजभर, शशी प्रताप सिंह, राजकुमार, सुभाष राजभर, राजेंद्र प्रताप, धीरेंद्र प्रताप, प्रहलाद, रमेश व अरविंद हाजिर नहीं हुए। इस पर सभी को 21 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने का आदेश हुआ है। वाराणसी जिले के कैंट थाने में तीन जनवरी 2011 को भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश व अन्य ने अतिक्रमण हटाने के विरोध में धरना, प्रदर्शन, पुतला दहन किया था। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था, जिस पर सुनवाई हो रही है।

नंदी हमला मामले में हुई गवाही

कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर हुए हमले के मुकदमे में सोमवार को तत्कालीन इंस्पेक्टर शशिकांत सिंह की गवाही हुई। एमपी एमएलए कोर्ट में अभियोजन अधिकारी राधाकृष्ण मिश्रा ने 59वें गवाह शशिकांत का बयान रिकार्ड करवाया, विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने गवाह से जिरह के लिए 21 नवंबर की तिथि तय की। इस मामले में कोर्ट ने हमले से संबंधित माल मुकदमाती पेश नही करने पर कोतवाली पुलिस को फटकार लगाई। पुलिस ने कोर्ट में लिखकर भेजा था कि हेड कांस्टेबल संतोष कुमार की मौत हो चुकी है। हेड मुहर्रिर श्याम नारायण के चार्ज लेते ही माल मुकदमाती पेश किया जाएगा।

Posted By: Inextlive