45000 है रजिस्टर्ड पेंशनर्स की संख्या10000 ने नवंबर में जमा किया लाइफ सर्टिफिकेट1500 ने ऑनलाइन प्रक्रिया को अंजाम दिया है.ट्रेजरी ऑफिस में सुबह से शाम तक लग रही है जीवित प्रमाणपत्र जमा करने वालों की लाइनकाम नहीं आ रही ऑनलाइन व्यवस्था नहीं जमा किया तो रुक जाएगी पेंशन

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ALLAHABAD: उम्र के आखिरी पड़ाव में खुद को जिंदा बताने की होड़ लगी है। ट्रेजरी ऑफिस में सैकड़ों की संख्या में रोजाना बुजुर्ग पहुंचकर दस्तक दे रहे हैं। उनको अपनी पेंशन बचाने के लिए जीवित प्रमाण पत्र जमा करना जरूरी है। हालांकि, इस उम्र में कार्यालय पहुंचकर खुद को जीवित बताना कष्टकारी तो है लेकिन सिस्टम फॉलो करना भी जरूरी है। ऑनलाइन सिस्टम बेकार साबित होने से रिटायर्ड पर्सस को ट्रेजरी का चक्कर काटना पड़ रहा है।

 

बिना सहारे आना मुश्किल

जीवित प्रमाण जमा कराने वालों में अधिकतर की उम्र 60 साल से अधिक है। इन रिटायर्ड पर्सस में कइयों को यहां तक आने में सहारे की जरूरत भी पड़ती है। बता दें कि ट्रेजरी ऑफिस में कुल 45000 पेंशनर्स रजिस्टर्ड हैं और इनमें से दस हजार ने नवंबर महीने में प्रमाण पत्र जमा कराया है। वही तकरीबन डेढ़ हजार ने ऑनलाइन प्रक्रिया को अंजाम दिया है।

 

ऑनलाइन सिस्टम हुआ डब्बा

सरकार ने ऑनलाइन लाइफ सर्टिफिकेट जमा कराने का भी ऑप्शन दिया है लेकिन यह काम नहीं आ रहा। हालिया रिटायर्ड पर्सस तो इसे फॉलो कर रहे हैं, लेकिन पुराने लोग इसमें इंट्रेस्टेड नहीं हैं। ओल्ड एज पर्सस की फिंगर प्रिंट और आई स्कैनिंग में दिक्कत आने से भी ऑनलाइन प्रॉसेस पूरा नहीं हो पा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अधिक एज हो जाने से फिंगर प्रिंट मिट जाते हैं। इसके चलते मैनुअल सर्टिफिकेट लेना मजबूरी हो जाता है।

 

इसलिए पड़ती है जरूरत

पेंशनर्स को सरकार 11 माह पेंशन देती है और बारहवें महीने उनसे जीवित रहने का सुबूत मांगती है। आमतौर पर यह प्रक्रिया नवंबर माह में पूरी होती है। प्रमाणपत्र जमा नहीं कराने पर पेंशन रुक सकती है।

 

कॉलिंग

ऑनलाइन सिस्टम के बारे में जानकारी नहीं है। अगर होता है तो कोशिश की जाएगी। ट्रेजरी ऑफिस में साल में एक बार प्रमाण पत्र जमा कराने आना पड़ता है।

-पारकेश्वर प्रसाद पाठक, पेंशनर

ट्रेजरी ऑफिस में सुविधा मिल रही है। मेरे पास आधार और पैन कार्ड दोनों मौजूद है लेकिन ऑनलाइन की जानकारी नही है। इसके बारे में पता करेंगे।

-रामेश्वर पाठक, पेंशनर

कुछ भी हो, प्रमाण पत्र तो देने आना ही पड़ेगा वरना पेंशन रोक दी जाएगी। इसी बहाने पुराने लोगों से मिलना हो जाता है। उनका हालचाल मिल जाता है।

-पीसी कनौजिया, पेंशनर

कई साल से लगातार यहां आ रहे हैं। अब तो आदत पड़ गई है। खुद को जीवित बताना भी बेहतर तजुर्बा है। सरकारी नियम का पालन तो करना पड़ेगा।

-रामधारी सिंह, पेंशनर

पेंशनर्स के लिए व्हीलचेयर, कुर्सी के अलावा कई काउंटर्स लगवा दिए गए हैं। उनका काम फटाफट निपटाया जा रहा है। ऑनलाइन की सुविधा भी है लेकिन पेंशनर्स फॉलो नहीं करते। पेंशनर्स को बारह महीने से पहले जीवित प्रमाण पत्र जमा कराने का नियम है।

-अवनीश चंद्र द्विवेदी, चीफ ट्रेजरी ऑफिस

Posted By: Inextlive