- जाम और अतिक्रमण से चौक बजाजा पट्टी और हार्डवेयर मार्केट में भी खत्म हो रही दुकानदारी

- रोड पर नहीं मिलती कस्टमर को आने-जाने की जगह, कैसे करेंगे शापिंग

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PRAYAGRAJ: चौक बजाजा पट्टी और हार्डवेयर मार्केट हमेशा से ही शापिंग के लिए लोगों की पसंदीदा जगह रही है। लेकिन समय के साथ लगातार बढ़ते हुए इक्रोचमेंट और जाम ने सिटी की सबसे पुरानी मार्केट में शामिल इन बाजारों के दुकानदारों का बिजनेस ही लगभग खत्म कर दिया है। इक्रोचमेंट के चलते

60 फिट की रोड पर चलने के लिए 10 फिट ही जगह मिल पाती है। बाकी रोड पर अतिक्रमण और उसके बाद बची रोड पर ई रिक्शा वालों की कतार रोड पर चलने के लिए जगह ही नहीं देती। हालत ये है कि अगर कोई फोर व्हीलर वहां पहुंच गई, तो जाम लगना तय है। ऐसे में कस्टमर भी समय की बर्बादी से बचने के लिए इस मार्केट का रूख करने से बचते हैं।

पार्किंग की भी नहीं है कोई व्यवस्था

मार्केट में आने वाले कस्टमर के लिए पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। स्थानीय व्यापारी की माने तो प्रत्येक दुकान के सामने थोड़ी ही जगह बचती है। ऐसे में दुकान के अपने वाहन खड़े हो जाते हैं। बाकी सड़क पर ठेले और ई रिक्शा वालों का कब्जा हो जाता है। ऐसे में अगर कोई कस्टमर टू व्हीलर से भी आता है, तो अपने वाहन को खड़ा करने के लिए उसे जगह ही नहीं मिलती है। जिसके कारण वह दूर जाकर वाहन खड़ा करता है। ऐसे में वहां से पैदल आने से बेहतर व दूसरी जगह से ही सामन खरीदना मुनासिब समझता है। ऐसे में इस एरिया के दुकानदारों की करीब 70 फीसदी तक दुकानदारी अब खत्म होने के कगार पर पहुंच गई है। इस बारे में दुकानदारों ने कई बार कंप्लेन भी की, लेकिन किसी भी अधिकारी का ध्यान इस ओर नहीं जाता है। जबकि मार्केट पास ही चौक कोतवाली है। उसके बाद भी अतिक्रमण करने वाले और रोड पर ही दुकान सजा कर बैठने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है।

इक्रोचमेंट के खिलाफ परमानेंट चले अभियान

बजाजा पट्टी और हार्डवेयर मार्केट के दुकानदारों का कहना है कि अतिक्रमण हमेशा के लिए खत्म होना चाहिए। दिन में जिस मार्केट में चलने के लिए जगह नहीं मिलती है। उसी मार्केट में रात में चारों तरफ रोड ही रोड दिखती है। ऐसे में जरूरी है कि मार्केट में इक्रोचमेंट को खत्म करने के लिए परमानेट व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे दुकानदारों को सहूलियत हो सके।

ठेले वालों के साथ ही साथ कुछ दुकानदारों का भी इस इक्रोचमेंट में बड़ा रोल है। वह अपनी दुकान को रोड तक बढ़ा देते हैं। जिसके कारण होने वाले अतिक्रमण से जाम की स्थिति खराब हो जाती है। ऐसे में दूसरे दुकानदार भी परेशान होते हैं। वहीं जब कभी नगर निगम अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाता है, तो ये

दुकानदार अपना सामान पहले ही हटा लेते हैं। अभियान खत्म होने के बाद फिर से वहीं स्थिति बन जाती है।

लड़ने तो तैयार हो जाते हैं ठेले-खुमचे वाले

चौक बजाजा पट्टी के व्यापारियों ने बताया कि दुकान के सामने लगने वाले ठेले को अगर मना करो, तो वह सब मिलकर लड़ने को तैयार हो जाते हैं। ऐसे में व्यापारी लड़ाई करें या व्यापार। यही कारण है कि चौक, बाजाजा पट्टी, हार्डवेयर मार्केट की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। पूरे चौक एरिया में एक भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। जबकि चौके जैसे पुरानी मार्केट में हर पर्व, शादियों व दूसरे फंक्शन से लेकर हर तरह के आयोजनों के लिए सभी सामना कम कीमतों पर उपलब्ध है। उसके बाद भी जाम और अतिक्रमण से होने वाली परेशानी के कारण कस्टमर दूसरे एरिया में जाकर अधिक दाम पर सामन खरीदना प्रेफर करता है। क्योकि उसका काफी समय बचता है।

मुन्सिपल मार्केट में भी नहीं रही पहले जैसी बात

बजाजा पट्टी के पास ही मुन्सिपल मार्केट के दुकानदारों का भी यही हाल है। कास्मेटिक व बच्चों के खिलौना, घर के डेकोरेशन से लेकर दूसरे सामानों के लिए मुन्सिपल मार्केट हमेशा ही महिलाओं की पहली पसंद हुआ करता था। लेकिन जाम और अतिक्रमण व पार्किंग की अव्यवस्था का असर यहां के दुकानदारों को भी झेलना पड़ रहा है। यहां के दुकानदारों ने बताया कि इस समस्या के जिम्मेदार कई दुकानदार भी हैं। कुछ अतिक्रमण दुकानदार करते हैं। जबकि ठेले और खोमचे वालों के कारण हमेशा जाम की स्थिति बन जाती है।

- अतिक्रमण हमेशा के लिए हटना चाहिए। अतिक्रमण से 60 फिट की रोड पर 10 फिट की जगह ही बचती है। जिसके कारण व्यापार पर सीधा असर पड़ता है। प्रशासन का ध्यान भी सिर्फ पॉश एरिया पर होता है। यहीं कारण है कि शहर का सबसे प्राचीन व्यापार केंद्र उपेक्षा का शिकार हो गया है। यहां पर पार्किंग की कोई व्यवस्था आज तक नहीं हो सकी है।

संजीव मेहरोत्रा

कल्पना शू हाउस

- अतिक्रमण के कारण 70 फीसदी के करीब दुकानदारी खत्म हो गई है। मुन्सिपल मार्केट में उनके दादा जी ने दुकान शुरू की थी। तब से लेकर अभी तक

अतिक्रमण के चलते बाजार की सूरत बदल गई है। बची रोड पर ठेला और खोमचे वालों का कब्जा हो जाता है। ऐसे में कस्टमर कहां तक रूकेगा।

उज्जवल टंडन

चाचा जी टोपी वाले

- दुकान के बाहर गाडि़यों को खड़ी करने की जगह पहले ही नहीं होती है। उस पर रोड किनारे ठेले या फिर टेबल लगाकर दुकान करने वालों के कारण पूरा एरिया ही ब्लाक हो जाता है। ऐसे में यहां खरीदारी करने के लिए लोग कतराते हैं। जिसका असर व्यापार पर पड़ रहा है।

काशिफ अमान

- होलसेल होजरी का बिजनेस है। लेकिन लॉकडाउन व ट्रैफिक के कारण हमारे बिजनेस को बहुत प्रभावित कर दिया है। प्रशासन को चाहिए कि ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार हो। जिससे कस्टमर यहां तक आसानी से पहुंच सके।

फैसल सिद्दीकी

हार्डवेयर साइट चौक

- अतिक्रमण और ठेले-खुमचों की मनमानी से यहां लगने वाले जाम से हर कोई परेशान हैं। कस्टमर के साथ ही दुकानदारों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हम सभी चाहते हैं कि अतिक्रमण खत्म हो और पार्किंग आदि की सुविधा बढ़े। जिससे उनका व्यापार भी बढ़े।

मो। गुफरान

वैरायटी चप्पल

Posted By: Inextlive