रेल ट्रैक के इलेक्ट्रिफिकेशन का वर्क हुआ पूरा, ट्रेन का इंजन नहीं करना होगा चेंज

प्रयागराज से मुंबई रूट पर भी खत्म हो चुका है इंजन चेंज करने का झंझट

हावड़ा-मुंबई रूट का पूरी तरह से इलेक्ट्रिफिकेशन करने के बाद सेंट्रल आर्गेनजाइजेशन ऑफ रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन 'कोर' ने दिल्ली-डिब्रूगढ़ रेल रूट को भी पूरी तरह से इलेक्ट्रिफाई कर दिया है। अब डिब्रूगढ़ तक जाने वाली ट्रेनों का इंजन चेंज नहीं करना पड़ेगा। इससे प्रयागराज से डिब्रूगढ़ के बीच करीब 60 मिनट तक का समय बचेगा। वहीं ट्रेन की नई टाइम टेबल शिड्यूल भी जल्द जारी की जायेगी।

मुगलसराय में बदलना पड़ता था इंजन

दिल्ली-डिब्रूगढ रेल रूट के पूरी तरह से इलेक्ट्रिफाई होने का सबसे ज्यादा फायदा दिल्ली से डिब्रूगढ़ जाने वाली ब्रह्मापुत्र मेल और राजधानी एक्सप्रेस के पैसेंजर्स को होगा। अभी तक अप और डाउन में इन ट्रेनों का इंजन पं। दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन यानी मुगलसराय में बदला जाता था। क्योंकि दिल्ली-डिब्रूगढ़ रेल रूट पर किउल स्टेशन के आगे कुछ दूर तक रेलवे लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन नहीं हो सका था। जिसकी वजह से डिब्रूगढ़ से पं। दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तक ट्रेन डीजल इंजन से आती थी, फिर इलेक्ट्रिक इंजन लगने के बाद ट्रेन दिल्ली की तरफ जाती थी। वहीं डाउन लाइन में पं। दीन दयाल उपध्याय जंक्शन पर इलेक्ट्रिक इंजन हटाकर डीजल इंजन लगाया जाता था।

एक ट्रेन से साल में बचेंगे 20.4 करोड़ रुपये

पूरे रेलवे लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन होने का अगर केवल एक ट्रेन ब्रह्मपुत्र मेल पर असर देखा जाए तो ब्रह्मपुत्र मेल के इलेक्ट्रिक इंजन से चलने से रेलवे को हर साल 20.4 करोड़ रुपये की बचत होगी। इस ट्रैक के इलेक्ट्रिफाइड हो जाने से एक तरफ जहां डीजल पर होने वाले खर्च में कमी आएगी वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण में भी कमी आएगी।

रेलवे ने 'नेट जीरो कार्बन एमिशन मास ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क' पर वर्क कर रहा है। रेलवे ट्रैक इलेक्ट्रिफिकेशन होने से डीजल की खपत कम होगी। वहीं समय की भी बचत होगी। रेस्टोरेशन के बाद अन्य ट्रेनों पर भी इसका असर दिखाई देगा।

अमित मालवीय

पीआरओ, एनसीआर

Posted By: Inextlive