बनाई गई व्यवस्थाओं व सिस्टम का अनुपालन कराने से ही बनेगी बात पर अफसर नहीं दे रहे ध्यानबड़े शहरों की तहत शहर में बनाए गए बस स्टॉपेज पर बसों के नहीं रुकने से बर्बाद हो रही व्यवस्था

प्रयागराज ब्यूरो । महाकुंभ 2025 के पूर्व शहर को स्मार्ट बनाने का लक्ष्य है। इसी के तहत इस शहर में पिछले कई साल से तमाम विकास के कार्य चल रहे हैं। इन कार्यों में एक बस स्टॉपेज यानी यात्री शेड भी शामिल है। स्मार्ट सिटी के तहत करीब नौ करोड़ रुपये की लागत से जगह-जगह कुल 113 स्थानों पर बस स्टॉपेज बनाया गया। मगर आज तक यहां पर एक भी बस का ठहराव शुरू नहीं हुआ। जबकि इस बस स्टॉपेज पर सिटी बसों को रुककर सवारी बैठाने और उतारने की मंशा थी। सरकार की इस मंशा को विभागीय जिम्मेदार लोग पलीता लगाने पर उतारू है।

कल की तरह आज भी है ट्रैफिक सिस्टम
यहां बसों के नहीं रुकने से यात्री इधर उधर रोड पर भटकते रहते हैं। आलम यह है कि बसों के इंतजार में यात्रियों को इस धूप के बीच रोड पर चौराहों के पास खड़े रहना पड़ता है। जबकि यदि बसें इस बस स्टॉपेज पर ठहरें तो यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। हद तो यह है कि यहां किस रूट पर बस कितने समय पहुंचेगी इसका भी कोई सिड्यूल निर्धारित नहीं है। एक तो यहां बसें रुकती नहीं, ऊपर से बसों की कोई टाइमिंग भी तय नहीं है। हाथी पार्क के पास रोड पर बनाए गए बस स्टॉपेज पर बसें एक भी दिन नहीं रुकीं। बावजूद इसके बगैर प्रयोग के यहां का इस बस स्टॉपेज का बोर्ड जर्जर हो गया है। जर्जर बोर्ड बस स्टॉपेज की उपेक्षा की दास्तां बयां कर रहा है।

बस स्टॉपेज तो कई जगह बनाए गए हैं। मगर किसी पर आज तक बसों को रुकते हुए नहीं देखा। जब बसें ही नहीं रुकतीं तो बेवजह वहां खड़े होकर लोग उसका इंतजार क्यों करेंगे? व्यवस्था अच्छी है उपेक्षा से बर्बाद हो रहा है।
वरुण मिश्रा, जार्जटाउन

प्रशासन व्यवस्था के नाम पर शहर में केवल पैसों की बर्बादी कर रही है। बस स्टॉपेज बनाने के बाद उसके रखरखाव की बात जिम्मेदार भूल गए हैं। हाथी पार्क के पास दो बस स्टॉपेज यात्री शेड बनाए गए हैं। दोनों की कंडीशन जर्जर हो गई है।
रुद्रप्रताप सिंह, स्वराजनगर

यह सुविधा शहर में सफर करने वाली महिलाओं व युवतियों के लिए काफी बेहतर है। बसर्ते इसे मंशा व उद्देश्य के अनुरूप प्रॉपर संचालित किया जाय तब। कई ऐसी जगह यह यात्री शेड बना दिए गए हैं। जहां पब्लिक का ठहराव है ही नहीं। अकूत पैसा है अधिकारी जैसे चाह रहे बहा रहे हैं।
अनीता, सलोरी

यात्री शेड बनाने के पीछे जो मंशा थी शहर में वह फलीभूत नहीं हो रही है। वजह सिर्फ इतनी है कि यहां पर बसों का ठहराव होता ही नहीं है। कहने के लिए प्रयागराज स्मार्ट सिटी है। मगर यहां स्मार्ट जैसा कुछ दिखाई नहीं देता। सिर्फ व्यवस्था करने से कुछ नहीं होगा। व्यवस्थाओं का यूज भी कराया जाना जरूरी है।
प्रदीप कुमार, मऊआइमा

Posted By: Inextlive