- स्कूलों का माहौल बेहतर बनाने पर दिया जोर पढऩे की आदत डालने पर चर्चा


प्रयागराज ब्यूरो ।नई शिक्षा पद्धति का उददेश्य विद्यार्थियों का समग्र विकास है। जिससे वह जीवन में अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकें। लगातार बढ़ती तकनीक की वजह से बच्चों में पढऩे की आदत का विकास नही हो रहा है। इस पर अधिक जोर देना होगा। यह बात शुक्रवार को जगत तारन गोल्डेन जुबिली स्कूल में सीबीएसई दिल्ली के अकादमिक निदेशक डॉ। जोसेफ इमैन्यूअल ने कही। वह नए सत्र 2024-2025 के शुरू होने पर
'साइंस आफ रीङ्क्षडगÓ विषय पर आयोजित में संबोधित कर रहे थे। मुख्य अतिथि ने कहा कि विद्यालय में सकारात्मक वातावरण और संवाद की आवश्यकता है। कहा कि जब बच्चा पढऩे की कला से परिचित नहीं होगा, तो शिक्षा उसे बोझ लगेगी। इसलिए आवश्यकता है कि विद्यालय को एक खुशहाल स्थान बनाया जाय। विशिष्ट अतिथि सीबीएसई आरओ ललित कपिल, यहीं के प्रधान सीओई (सेंटर आफ एक्सिलेंस) अखिलेश कुमार रहे। इसमें मंडल के 200 से अधिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य व गणमान्य लोग शामिल हुए। मुख्य वक्ता इंग्लिश लैंग्वेज ट्रेनर भानु पौडेल ने सीबीएसई रीङ्क्षडग मिशन, रीङ्क्षडग चैलेंज, सीबीएसई रीङ्क्षडग एप, निपुण कार्यक्रम व पठन क्रिया पर चर्चा की। कहा, पढऩे का विज्ञान ध्वन्यात्मक जागरूकता, भाषा और शब्दावली जैसे मूलभूत कौशल के महत्व से जुड़ा है। प्रधानाचार्य सुष्मिता कानूनगो, जगत तारन एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष प्रदीप मुखर्जी, सचिव संजीव चंदा, मनोज बैनर्जी, अमित नियोगी, माधुरी श्रीवास्तव, सरिता दुबे आदि मौजूद रहीं।

Posted By: Inextlive