गुरुवार को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी दारागंज में अखाड़े की बैठक

संत बोले, जैसी करनी वैसी भरनी, आशाराम न कोई संत थे न महात्मा

ALLAHABAD: गुरुवार को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी दारागंज में अखाड़े के पंचपरमेश्वर की बैठक महन्त नरेन्द्र गिरि की अध्यक्षता में हुई। इसमें प्रयाग कुम्भ मेला 2019 पर विस्तृत चर्चा हुयी। निर्णय लिया गया कि अब किसी भी संन्यासी को महामण्डलेश्वर बनाने से पूर्व उसकी सम्पूर्ण योग्यता की जांच होगी। उसके रहन सहन और आचरण को भी परखा जायेगा। इसके बाद सम्पूर्ण जांच रिपोर्ट पंचपरमेश्वर श्री निरंजनी अखाड़े के समक्ष रखी जाएगी।

कुंभ से कोई नहीं जाएगा भूखा

यह भी निर्णय हुआ है कि आगामी कुम्भ मेले से किसी भी संत, महात्मा, श्रद्धालु को भूखा नहीं जाने दिया जायेगा। इसके लिए अलग से अन्न क्षेत्र खोला जायेगा। उसमें सभी को भोजन दिया जायेगा। पंचपरमेश्वरों ने कहा कि कथावाचक आशाराम पर कोर्ट ने जो भी फैसला सुनाया है। सभी संत महात्मा उसका समर्थन करते हैं। उसके साथ वही हुआ जो न्यायसंगत था। जैसी करनी वैसी भरनी आशाराम पर लागू होती है। वह न कोई संत है और न ही महात्मा। बैठक में महन्त डोंगर गिरि, महन्त प्रकाश गिरि, महन्त प्रेम गिरि, महन्त राधे गिरि, महन्त मनीष भारती आदि शामिल हुए।

Posted By: Inextlive