-कोरोना के चलते लोगों ने बस से ट्रैवेल करने को नहीं दी प्राथमिकता

PRAYAGRAJ: कोरोना काल में बीएड एंट्रेंस एग्जाम देने पहुंचे अभ्यर्थियों ने निजी साधनों को वरीयता दी। इसके पीछे सीधा सा मकसद अनजान लोगों के कॉन्टैक्ट में आने से बचना रहा। लोगों ने अपनी क्षमता के मुताबिक फोर व्हीलर्स और टू व्हीलर्स को तरजीह दी। बाल-बच्चेदार फीमेल कैंडिडेट्स ने ने फोर व्हीलर्स और मेल कैंडिडेट्स टू व्हीलर्स से अपने तय सेंटर पर पहुंचे। इसका नतीजा रहा कि अतिरिक्त रोडवेज बसें नहीं चलानी पड़ीं।

चलाई गई 100 बसें

बीएड परीक्षाíथयों के लिए रविवार शाम को परीक्षा खत्म होने पर सिविल लाइंस बस अड्डे से सौ बसें चलाई गई। प्रत्येक बस में 40 से 45 परीक्षाíथयों को ही बैठने दिया गया। करीब चार से साढ़े चार हजार परीक्षार्थी होने के कारण परिवहन निगम को अतिरिक्त बसें चलाने की जरूरत नहीं पड़ी। हालांकि, परीक्षा समाप्त होने पर बस अड्डे पर परीक्षाíथयों की भीड़ हो गई थी। सिविल लाइंस बस अड्डे से विभिन्न रूटों के लिए नियमित रूप से सौ बसें चलाई जा रही हैं। इन्हीं बसों को शाम पांच बजे परीक्षा समाप्त होने के बाद परीक्षाíथयों को ले जाने के लिए लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी और अयोध्या रूटों पर चलाया गया। अन्य रूटों की तुलना में कानपुर रूट पर करीब आठ-10 बसें ज्यादा चलानी पड़ीं।

बीएड अभ्यर्थियों के लिए कुल 200 बसों की व्यवस्था की गई थी। लेकिन, कोविड-19 के कारण ज्यादातर परीक्षार्थी अपने निजी साधनों से आए थे। इसलिए 100 बसें ही चलानी पड़ीं।

-सीबी राम

एआरएम, सिविल लाइंस

Posted By: Inextlive