बेली अस्पताल में बैठेंगे प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले स्पेशलिस्ट डॉक्टर

सप्ताह में चार दिन होगी ओपीडी, सर्जरी की सुविधा भी सेम पर्चे पर मिलेगी

पहले दिन देखे गए दस मरीज, एक का होगा आपरेशन

गंभीर रोगों से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स से इलाज के लिए भटकना नहीं होगा। इलाज का खर्च कहां से आएगा? इस पर सोच-विचार नहीं करना होगा? सब कुछ एक छत के नीचे मिलेगा वह भी सिर्फ एक रुपये के सरकारी पर्चे पर। यह संभव होगा सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट डॉक्टर्स द्वारा ओपीडी और सर्जरी की फेसेलिटी शुरू होने से। बेली उत्तर प्रदेश का दूसरा अस्पताल है जहां पायलेट प्रोजेक्ट के तहत यह सुविधा मंगलवार से शुरू हुई है। मरीजों का महज एक रुपए का ओपीडी पर्चा बनवाना होगा। इसके बाद इलाज, दवा और सर्जरी सब निशुल्क होगी। पहले दिन प्लास्टिक सर्जन डॉ। संजय तिवारी ने दस मरीजों को देखा और एक मरीज का आपरेशन के लिए चयन भी किया।

हर दिन नया स्पेशलिस्ट

आमतौर पर मार्केट में प्राइवेट क्लीनिक में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखाने में एक से दो हजार रुपए तक फीस देनी होती है।

इसके बाद दवाओं और जांच पर मोटा खर्च। सर्जरी हुई तो लाखों देने पड़ते हैं।

ऐसे कई मरीज हैं जो इस खर्च का अदा नही कर पाने पर बिना इलाज जीने को मजबूर हैं।

सरकार ने यूपी के दो हॉस्पिटल में ऐसे गरीब और मजबूर मरीजों के लिए महत्वपूर्ण योजना शुरू की है।

इसमें बलरामपुर हॉस्पिटल और प्रयागराज का बेली हॉस्पिटल शामिल हैं।

इन दोनों हॉस्पिटल में सप्ताह के चार दिन तक प्रत्येक दिवस एक नया सुपर स्पेशलिस्ट अपनी ओपीडी करेगा।

केवल पर्चे पर करना होगा खर्च

सुपर स्पेशलिटी क्लीनिक का खर्च महज एक रुपए होगा।

यह रकम पर्चा बनवाने पर देनी होगी।

इसके बाद दवाएं और जांच हॉस्पिटल में निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।

जरूरत पड़ी तो डॉक्टर द्वारा सर्जरी भी नि:शुल्क ही की जाएगी।

इसकी शुरुआत मंगलवार से हो गई है।

आज मरीजों को देखेंगे यूरोलाजिस्ट

बेली हॉस्पिटल में सुपर स्पेशलिटी क्लीनिक के तहत बुधवार को यूरोलाजिस्ट डॉ। तनय सिंह मरीजों को देखेंगे। उनकी नि:शुल्क ओपीडी दोपहर 12 से 2 बजे के बीच होगी। इसी तरह गुरुवार को पीडियाट्रिक सर्जन डॉ। अंजू गुप्ता दोपहर 12 से 1 बजे और शुक्रवार को यूरोलाजिस्ट डॉ। दीपक गुप्ता दोपहर 12 से 2 बजे के बीच मरीजों को देखेंगे।

डॉक्टर्स को मिलेगा मानदेय

बता दें कि सरकार यह सुविधा मरीजों को भले ही नि:शुल्क मुहैया करा रही हो लेकिन सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स को इसके बदले में मानदेय भी उपलब्ध कराएगी। जानकारी के मुताबिक डॉक्टर्स को एक घंटे की ओपीडी के लिए दो और दो घंटे ओपीडी करने पर चार हजार रुपए मानदेय के तौर पर देगी। इसी तरह आपरेशन करने पर प्रति सर्जरी उन्हें दस हजार रुपए दिया जाएगा।

कार्डियक के लिए चल रही बात

प्लास्टिक सर्जन, पीडियाट्रिक सर्जन और यूरोलाजिस्ट मिलने के बाद कार्डियक सर्जन की तलाश की जा रही है। हॉस्पिटल की ओर से कुछ डॉक्टर्स से इस संबंध में बातचीत चल रही है। हास्पिटल प्रशासन का कहना है कि कार्डियक सर्जन की जरूरत है। कई मरीज दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं और उनको सस्ता और उचित इलाज नही मिल पा रहा है। जल्द ही सुपर स्पेशलिटी क्लीनिक में कार्डियक सर्जन भी उपलब्ध होंगे।

नही मिलते सुपर स्पेशलिस्ट

बता दें कि सरकारी सेवा में सुपर स्पेशलिस्ट जल्द आना नहीं चाहते हैं क्योंकि एमसीएच और डीएम जैसी डिग्री लेने के बाद यह डॉक्टर्स अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस पर फोकस करते हैं। इसमें उनको मोटी कमाई होती है। वही सरकारी हॉस्पिटल में अधिक कमाई करने का सपना अधूरा रह जाता है। यही कारण है कि प्रदेश के सरकारी हॉस्पिटल्स में गिने चुने सुपर स्पेशलिस्ट ही मौजूद हैं। कई जगह तो एक भी सुपर स्पेशलिस्ट ढूंढे नही मिलता है।

मरीजों के लिए बेहतर सुविधा है। मंगलवार से सुपर स्पेशलिटी क्लीनिकी शुरुआत हो गई है। अब यह सिलसिला जारी रहेगा। जल्द ही कार्डियक स्पेशलिस्ट भी उपलब्ध होगा।

डॉ। एमके अखौरी

अधीक्षक, बेली हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive