अनहोनी की आशंका से घिरे लोगों ने फैसले के बाद शहर का माहौल देख ली सुकून की सांस

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PRAYAGRAJ: राजापुर के रहने वाले पूर्व पार्षद अहमद अली शुक्रवार की दोपहर अपनी फैमिली के साथ ट्रेन से रूड़की के लिए निकले। लखनऊ पहुंचने वाले थे कि पता चला शनिवार को फैसला आने वाला है। फिर क्या था, पूरी फैमिली दहशत में आ गई। प्रयागराज में मौजूद परिवार के लोग भी यात्रा कैंसिल कर वापस आने का सुझाव देने लगे। दबाव और डर को देखते हुए आखिर कार अहमद अली अपनी आगे की यात्रा को कैंसिल कर लखनऊ से ही वापस लौट आए।

अन्य दिनों की अपेक्षा ट्रेनों में दिखी कम भीड़

अहमद अली और उनका परिवार तो बस केवल एक उदाहरण है, डर और आशंकाओं की वजह से ऐसे हजारों लोग शनिवार को सफर पर नहीं निकले। किसी ने प्लान कैंसिल किया तो किसी ने प्लान को कुछ दिन के लिए ड्रॉप कर दिया। डर और आशंकाओं के कारण ही शनिवार को ट्रेनों में पर-डे की अपेक्षा भीड़ कम दिखाई दी। जिसके दो कारण थे, एक तरफ राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का फैसला आना था, वहीं दूसरी तरफ सेकेंड सैटरडे की छुट्टी थी। इलाहाबाद जंक्शन के साथ ही अन्य स्टेशनों पर वैसे तो पर-डे कई कनफर्म टिकट भी कैंसिल हो जाते हैं, लेकिन शनिवार को कैंसिल होने वाले टिकट की संख्या कुछ ज्यादा थी। शनिवार को गंगा गोमती एक्सप्रेस, जौनपुर पैसेंजर, मनवर संगम एक्सप्रेस की 60 से 70 प्रतिशत सीटें खाली रही। वहीं सारनाथ एक्सप्रेस, ऊंचाहार एक्सप्रेस, लखनऊ इंटरसिटी में भी भीड़ कम रही।

एक्टिव रहे आरपीएफ व जीआरपी के जवान

फैसले को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर इलाहाबाद जंक्शन, इलाहाबाद सिटी स्टेशन, इलाहाबाद छिवकी स्टेशन, नैनी, प्रयागघाट, प्रयाग जंक्शन, फाफामऊ स्टेशन पर जीआरपी व आरपीएफ के जवान सुरक्षा में तैनात रहे। वहीं बम डिस्पोजल टीम के साथ ही डॉग स्क्वायड की टीम भी पैसेंजर्स के सामानों की तलाशी लेती रही।

राम मंदिर फैसले को लेकर ट्रेनों के साथ ही स्टेशनों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। ताकि पैसेंजर बिना किसी डर के सफर कर सकें। सामान्य दिनों के अनुसार ही टिकट कैंसिल हुए।

सुनील गुप्ता

पीआरओ, इलाहाबाद मंडल

Posted By: Inextlive