स्मार्ट मीटर की स्मार्टनेस पर खड़े हुए सवाल
-एक गलत कमांड से हजारों घरों में त्योहार के दिन छाया अंधेरा
-गलती पता चलते ही अधिकारियों ने स्विच ऑफ कर कर दिया था फोन PRAYAGRAJ: स्मार्ट मीटर के स्मार्टनेस पर अब सवाल उठने लगा है। स्मार्ट मीटर में गड़बडी के चलते जिले में बुधवार शाम पांच बजे से ही हजारों कंज्यूमर्स के घरों में फेस्टिवल के दिन अंधेरा छा गया। अचानक बिजली कटी तो लोगों ने इसे रूटीन कटौती समझा। लेकिन जब उन्हें पता चला कि यह स्मार्ट मीटर के सॉफ्टवेयर में हुई गड़बड़ी से हुआ है सभी हैरान-परेशान हो उठे। हजारों घर रहे अंधेरे मेंगौरतलब है कि प्रयागराज के 37 हजार घरों में जीनस कंपनी का स्मार्ट मीटर लगा हुआ है। इसमें अचानक फॉल्ट आने से इन घरों में अंधेरा छा गया। गुरुवार शाम तक भी करीब पांच हजार घरों में बिजली नहीं आई थी। इसके चलते उपभोक्ताओं में आक्रोश रहा। वहीं विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने फोन तक स्विच ऑफ कर दिया। उनको जवाब देता नहीं बन रहा। उपभोक्ताओं का आरोप है कि कमांड की गलती कंपनी के कर्मचारियों द्वारा की गई। लेकिन इसका खामियाजा जिले के लोगों को भुगतना पड़ा है। एक तरफ विभाग सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का निर्देश देता है। वहीं दूसरी तरफ स्मार्ट मीटर को लेकर इतनी बड़ी लापरवाही सामने आ रही है।
डिवीजन - टोटल स्मार्ट मीटर - जीनस कंपनी स्मार्ट रामबाग - 21 हजार - 15 हजार नैनी - 19 हजार - 7 हजार करेलाबाग - 18 हजार - 10 हजार कल्याणी देवी - 08 हजार - 15 सौ म्योहॉल - 07 हजार - 01 हजार टैगोर टाउन - 07 सौ - 04 सौ बमरौली - 48 हजार - 12 सौ टोटल - 36100 हाई लाइट स्मार्ट मीटर की शिकायत के लिए जारी हुआ हेल्पलाइन नंबर 9119930006 9511113105 इन कंपनियों के लगे है स्मार्ट मीटर - सिक्योर - जीनस - आईटीआई अधिकारियों की मांग एसडीओ विजय तिवारी ने बताया कि यह कंट्रोलिंग सीधे लखनऊ से होती है। जबकि इस कंट्रोलिंग की पॉवर जोन या डिवीजन लेवल पर होना चाहिए। डिवीजन वाइज एक इंजीनियर को बैठा देना चाहिये। अगर भविष्य में ऐसा कई बार हुई तो लोग स्मार्ट मीटर से भी परेशान हो जाएंगे। पॉइंटर -बुधवार शाम पांच बजे के आसपास कटी थी बिजली -बुधवार देर रात दस बजे के बाद सही हो सका था फॉल्ट-गुरुवार को भी जिले में पांच हजार से अधिक उपभोक्ता के यहां नहीं आई बिजली
-गलत कमांड के चलते बिजली गुल होने से जांच का दिया गया आदेश -लखनऊ से सर्वर द्वारा स्मार्ट मीटर की होती है कंट्रोलिंग -अधिकारियों के हाथ में कंट्रोलिंग न होने से बिजली आते हुए भी कुछ नहीं कर सके -उपभोक्ताओं को जवाब देते-देते विभाग के अफसर हो गए परेशान -विभाग के अफसरों की मानें तो मजबूरन करना पड़ा फोन स्विच ऑफ -गर्मी में कई घंटे रहने पर विभाग के अफसरों से उलझते रहे उपभोक्ता कंज्यूमर्स को हुई परेशानी के लिए निजी कंपनियां जिम्मेदार हैं। जीनस कंपनी के 90 प्रतिशत से अधिक स्मार्ट मीटर सॉफ्टवेयर की तकनीकी गड़बड़ी के चलते अचानक बिजली कट गई थी। विभाग चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा था। -आलोक सिंह यादव, एसडीओ