100वार्ड हैं नगर निगम सीमा क्षेत्र के अंदर80वार्डों में ही अभी वसूला जाता है गृहकर2.32हजार भवन सम्पत्ति 80 वार्डों में हैं मौजूद92 हजार खामी जीआईएस सर्वे में आई सामने60000से ज्यादा जीआईएस सर्वे की खामी हुई दूर30000 भवनों में अभी है जीआईएस सर्वे में खामी66248भवन स्वामी किए हाउस टैक्स किए जमा41करोड़ 61 लाख 97 हजार राजस्व वसूले भवनों के मालिक अब 31 जुलाई तक स्वकर निर्धारण का कर सकते हैं आवेदन सदन के द्वारा स्वकर निर्धारण के लिए निर्धारित की गई डेट 31 मार्च को हो गई थी समाप्तपब्लिक की परेशानी व पार्षदों की मांग को देखते हुए महापौर के द्वारा बढ़ा दी गई है आवेदन की डेट

प्रयागराज ब्यूरो । जियोग्राफिक इन्फार्मेंशन सिस्टम यानी जीआईएस सर्वे के बाद बढ़े हुए हाउस टैक्स में विसंगति है और आप स्वकर निर्धारण के लिए आवेदन नहीं कर पाए हैं तो खुश हो जाइए। क्योंकि स्वकर निर्धारण आवेदन की समय सीमा बढ़ा कर 31 जुलाई कर दी गई है। इसके पूर्व आवेदन की समय सीमा सदन के जरिए 31 मार्च तक ही रखी गई थी, जो समाप्त हो चुकी है। समय सीमा समाप्त होने के बावजूद बढ़े हुए बिल को लेकर परेशान तमाम लोगों को देखते हुए डेट बढ़ा दी गई है। बढ़ी हुई डेट का लाभ अब बचे हुए वे 30 हजार भवन स्वामी उठा सकते हैं, जिन्हें लगता है कि उनका हाउस टैक्स सर्वे में गलत बढ़ गया है।

हजारों लोगों को मिलेगा इसका लाभ
सर्व विदित है कि जीआईएस सर्वे के बाद हजारों भवन स्वामियों के मकान का हाउस टैक्स बढ़ गया था। इस बढ़े हुए हाउस टैक्स को लेकर पूरे शहर में भवन स्वामी हलकान हो गए थे। तमाम ऐसे लोगों का इस सर्वे में हाउस टैक्स बढ़ गया था जिनके मकान का निर्मित एरिया काफी छोटा था। परेशान लोग इस बढ़े हुए हाउस टैक्स को लेकर नगर निगम की परिक्रमा शुरू कर दिए। पब्लिक की परेशानी को देखते हुए नगर निगम सदन की बैठक में पार्षदों के जरिए जमकर हंगामा किया गया था। पब्लिक समस्या को देखते हुए सदन की सहमति पर महापौर के द्वारा 31 मार्च तक स्वकर निर्धारण व्यवस्था को लागू किया गया। इस व्यवस्था के तहत कहा गया कि जिनके भी भवन का हाउस टैक्स सर्वे में बढ़ा है वे खुद स्वकर निर्धारण फार्म भरकर जमा विभाग में जमा कर दें। इसके बाद जमा किए गए स्वकर निर्धारण फार्म के आधार पर जांच के बाद जो सही होगा वही हाउस टैक्स लिया जाएगा। सदन के इस आदेश के बाद लोगों को थोड़ी राहत महसूस हुई। इस शहर के 80 वार्डों में स्थित टैक्स देने वाले 2.32 हजार भवन सम्पत्ति हैं। जिनमें सर्वे के बाद भवन स्वामियों के द्वारा भरे गए स्वकर निर्धारण फार्म के अनुसार 92 हजार विसंगतियां पाई गईं। यह देखते हुए प्राप्त आवेदित इन विसंगतियों में से 60 हजार का नगर निगम के द्वारा निस्तारण किया गया। करीब 30 हजार लोग ऐसे बचे हुए हैं जो किन्हीं कारणों से स्वकर निर्धारण का फार्म भर कर जमा नहीं कर सके। ऐसे लोगों के पास सर्वे में बढ़े हुए हाउस टैक्स को जमा करने के लिए विभाग के कंट्रोल रूम से फोन अब भी घनघना रहे हैं। ऐसी स्थिति में परेशान इन हजारों को देखते हुए स्वकर निर्धारण व्यवस्था की डेट बढ़ाने को लेकर आवाज तेज हो गई।

पार्षदों ने डेट बढ़ाने की उठाई थी आवाज
नगर निगम कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष सहित तमाम पार्षदों के द्वारा लिखित रूप से स्वकर निर्धारण डेट बढ़ाने की मांग की गई। पार्षदों की मांग और लोगों की परेशानी को देखते हुए महापौर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी के द्वारा बोल्ड कदम उठाया गया। उन्होंने 31 मार्च को समाप्त हो चुकी स्वकर निर्धारण की डेट को बढ़ा कर 31 जुलाई कर दिया है। मतलब यह कि अब लोग 31 जुलाई तक खुद से अपने भवन का हाउस टैक्स निर्धारित करके विभाग द्वारा दिए गए फार्म पर स्टेपवार भरकर जमा कर सकते हैं।


15 हजार आवेदन जल्द होंगे निस्तारित
जीआईएस से कराए गए सर्वे के बाद पंद्रह हजार लोग ऐसे हैं जो स्वकर निर्धारण प्रणाली के तहत 31 मार्च डेट समाप्त होने से पहले आवेदन कर रखे हैं। अब उनके आवेदन यानी सर्र्वें में प्राप्त विसंगतियों का भी नगर निगम हाउस टैक्स विभाग के अफसरों द्वारा निस्तारित किया जाएगा। बताते चलें कि 92 हजार से अधिक भवन मालिकों के गृहकर में सर्वे के बाद विसंगतियां पाई गई थीं। जिनमें से 60 हजार विसंगतियों का निस्तारण विभाग के द्वारा किया जा चुका है।

बढ़ी हुई डेट भवन स्वामियों के लिए एक सुनहरा अवसर है। वह खुद स्वकर निर्धारण प्रणाली के तहत अपने भवन के हाउस टैक्स का निर्धारण फार्म जमा करके लाभ उठा सकते हैं। विसंगतियों को लेकर परेशान लोगों की समस्या को देखते हुए डेट बढ़ाई गई है।
पीके द्विवेदी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम

Posted By: Inextlive