डाक्यूमेंट सत्यापन में फंसी नवनियुक्त शिक्षकों की सैलरी

चार माह बाद भी नहीं हो सका शिक्षकों की सैलरी का भुगतान

prayagaraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: पहले नौकरी के लिए सालों से संघर्ष कर रहे प्रतियोगियों को सूबे के परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक के पदों पर नियुक्ति का मौका मिला। युवाओं को लगा कि उनका करियर सेटल हो गया, लेकिन अभी परीक्षा बाकी थी। नौकरी मिलने के करीब चार माह बीतने के बाद भी सैलरी मिलने को लेकर फिलहाल संशय बना हुआ है। ये हाल है बीते साल परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के पदों पर हुई 68500 शिक्षक भर्ती की। इसमें महज 41,556 अभ्यर्थियों को ही सफलता मिली थी।

आदेश के बाद भी फंसा है मामला

चार माह से लगातार सहायक अध्यापक के पदों पर कार्यरत नवनियुक्त शिक्षकों की सैलरी का भुगतान करने के लिए शासन की ओर से निर्देश जारी किया गया। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों को दसवीं व 12वीं के डाक्यूमेंट की जांच ऑनलाइन कराने का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही ग्रेजूएशन आदि की डिग्री की जांच के लिए 100 रुपए के स्टांप पर यह लिखकर लेने का आदेश हुआ था कि यदि उनके द्वारा किसी भी प्रकार की फर्जी डिग्री आदि का प्रयोग किया गया है तो उनकी सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए उनसे दिए गए वेतन की रिकवरी की जाएगी। शासन के निर्देश पर जहां कई जिलों में सत्यापन प्रक्रिया पूरी हो गई। वहीं प्रयागराज मंडल समेत कई जिलों में अभी तक सत्यापन नहीं हो सका। इससे हजारों की संख्या में नवनियुक्त सहायक अध्यापकों की सैलरी पर संकट बना हुआ है।

बोर्ड की गड़बड़ी ने बढ़ाई टेंशन

जहां एक ओर सत्यापन प्रक्रिया अटकी हुई है तो वहीं कई जिलों के नवनियुक्त सहायक अध्यापकों के सत्यापन में बोर्ड की लापरवाही बड़ी टेंशन दे रही है। अमेठी में नियुक्त शशांक शुक्ला ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में कम अंक आने पर स्क्रूटनिंग के लिए आवेदन किया था। इसके बाद उनके तीन अंक एक विषय में बढ़ गए, लेकिन यूपी बोर्ड की ओर से अभी तक बढ़े हुए अंक को अपलोड नहीं किया गया। ऐसे में सत्यापन के दौरान अंकों में मिली असमानता के कारण उनका सत्यापन नहीं हो सका। ऐसे ही कई अन्य केस भी हैं, जहां बोर्ड की लापरवाही का खामियाजा नव नियुक्त शिक्षकों को सत्यापन के दौरान उठाना पड़ रहा है।

आदेश के बाद कई जिलों में सत्यापन के बाद सैलरी निर्गत हो गई, लेकिन प्रयागराज मंडल के कई जिलों में अभी तक ऐसा नहीं हुआ। फतेहपुर जिले में टीचर्स ने डीएम से 100 रुपए के स्टांप पर सत्यापन कराने की बात कही। इसे उन्होंने खारिज कर दिया।

आशीष शुक्ला

जब दूसरे जिलों में ऑनलाइन सत्यापन या 100 रुपए के स्टांप पर सत्यापन की व्यवस्था है तो हमारे जिले में ऐसा क्यों नहीं है। सभी जिलों में एक समान व्यवस्था होनी चाहिए।

जय सिंह

Posted By: Inextlive