Allahabad : साइलेंड मोड में पड़ा मोबाइल भी कई बार बड़े काम कर जाता है. वैसे तो इस मोड में यूजर इसे तभी डालता है जब वह नहीं चाहता कि रिंग टोन उसे डिस्टर्ब करे. आगरा की एसडीएम ने अपने मोबाइल को साइलेंट मोड में कुछ इसी उद्देश्य से डाला था. लेकिन यह आइडिया उनके साथ स्नैचिंग करने वालों को पता-ठिकाना दे गया. अब सिर्फ उन तक पहुंचना बाकी था. यह काम भी सैटरडे को पूरा हो गया. इस गैंग तक पुलिस के लम्बे हाथ पहुंचे तो पता चला कि मार्डन लाइफ स्टाइफ फॉलो करने के लिए उन्होंने स्नैचिंग के पेशे में कदम रखा था. शुरुआती दौर में उन्होंने इसे पार्ट टाइम जॉब ही माना था लेकिन लत ऐसी लगी कि अपराधी ही बनकर रह गए. तीनों साथी अब पुलिस के फंदे में हैं.

 

काम के होते हैं मोबाइल के function

एसएसपी उमेश श्रीवास्तव ने सैटरडे को स्नैचर्स के एक गैंग का खुलासा किया जिसे क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था। इस गैंग में शामिल कीडगंज का रहने वाला शिव शंकर उर्फ ट्विंकल आजकल रेंट पर रूम लेकर दारागंज में रहता है। उसका साथी कुलदीप उर्फ सोनू नैनी से विलांग करता है। गैंग का तीसरा सदस्य कुंवर सिंह घूरपुर का रहने वाला है। ट्विंकल लूट के मामलों में पहले भी जेल जा चुका है। कुछ समय पहले ही जेल से जमानत पर छूटा तो फिर से स्नेचिंग के धंधे से जुड़ गया। एसएसपी ने कहा कि मोबाइल के सिर्फ एक फंक्शन के चलते पुलिस को यह कामयाबी मिली है। बेसिकली इस फंक्शन के चलते लुटेरों का ध्यान मोबाइल की तरफ गया ही नहीं और जब तक वे इसे नोटिस लेते उनका पता-ठिकाना पुलिस के हाथ लग चुका था.

सर्विलांस की मदद से पकड़ा गया 

ट्विंकल ने स्वीकार किया कि उसने सिविल लाइंस में सात सितंबर को महिला का पर्स छीना था। वह महिला आगरा की एसडीएम थी। पर्स में जरूरी कागजात के साथ 29000 रुपए, ज्वैलरी और मोबाइल रखा था। मोबाइल साइलेंट मोड में था। लूट की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो वह बजती रही। साइलेंट मोड में होने से बदमाशों को पता ही नहीं चला कि मोबाइल बज रहा है। उन्होंने लूट का पैसा अपने बैंक एकाउंट में जमा कराया और ज्वैलरी को बेच दिया। शाम को ट्विंकल अपने कमरे पर पहुंचा तो उसकी नजर मोबाइल पर पड़ी। अपनी तरफ से चालाकी दिखाते हुए उसने सिम निकाल कर फेंक दिया। लेकिन, तब तक क्राइम ब्रांच उसकी लोकेशन ट्रेस कर चुकी थी। इसके आधार पर पुलिस ने छापेमारी और एवीडेंस जुटाने शुरू कर दिए और फाइनली रिजल्ट सामने आ गया. 

पकड़ा गया

-शिवशंकर उर्फ ट्विंकल

-कुलदीप उर्फ सोनू जायसवाल

-कुंवर सिंह पटेल

रिकवरी

-तीन तमंचा और 15 कारतूस

-चोरी की दो बाइक

-17000 रुपए कैश 

-सोने की गली हुई 10 ग्राम ज्वैलरी

-पांच बड़ा और नौ छोटा पर्स 

-18 मोबाइल सेट और 6 बैट्री

-6 फेक ड्राइविंग लाइसेंस

-रोल गोल्ड के 11 चेन, पांच लॉकेट, छह पायल 

Fake driving licence

एक बार जेल जाने के बाद ट्विंकल पुलिस की वर्किंग को काफी हद तक समझ चुका था। उसे पता था कि अपने नाम और पते पर सिम इश्यू कराना खतरे से खाली नहीं है। लेकिन, बिना मोबाइल के वह कैसे रहता। पुलिस को आंखों में धूल झोंकने के लिए ट्विंकल ने अपने नाम से तीन और अपनी वाइफ के नाम से तीन ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लिया था ताकि सिम कार्ड लेने के लिए उसका यूज कर सके। एड्रेस फर्जी होने से पुलिस उसे वेरिफाई नहीं कर सकेगी। पुलिस को शक है कि इन फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस की मदद से उसने और भी फर्जीवाड़ा किया होगा। इसे भी ट्रेस करने की कोशिश हो रही है. 

Posted By: Inextlive