यदि आप की उम्र 35 वर्ष के ऊपर की है तो अभी से ही सेहत के प्रति सतर्क हो जाइए. क्योंकि मौत का दिल पर साइलेंट अटैक बढ़ता जा रहा है. इसके अटैक से सीने व हार्ट में पेन शुरू हो जाता है. जब तक लोग कुछ समझ पाते हैं हालत बिगड़ जाती है.


प्रयागराज ब्यूरो । संभलने तक का लोगों को मौका नहीं मिल रहा। यह बातें हम आप को डराने के लिए नहीं बता रहे हैं। दरअसल ऐसे ही क्षणिक दर्द से शहर के अंदर अब कई लोगों की मौत हो चुकी है। उनकी इस मौत की वजह डॉक्टर्स हार्ट अटैक बता रहे हैं। इस हार्टअटैक के पीछे भी कई तरह के कारण बताए जा रहे हैं। जिन्हें नजरंदाज करना ही ऐसी बीमारी के साथ मौत का कारण बन रहा है। इससे बचाव के लिए डॉक्टरों के जरिए बताए जा रहे तरीकों पर अमल करने की जरूरत है।

सबसे बड़ी पंूजी सेहत है जरूरी
बदलते दौर में लोगों के पास खुद के लिए समय नहीं रहा। समय का अभाव होने के कारण लोगों का लिविंग स्टाइल भी काफी प्रभावित हुआ है। लोग दूसरों का तो दूर खुद की सेहत पर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। काम करने और नोट कमाने के चक्कर में आदमी मशीन बनता जा रहा है। वर्क का प्रेशर और तमाम तरह के दिमागी टेंशन के बीच खान पान भी काफी प्रभावित हो गया है। व्यस्तता भरी लाइफ स्टाइल में ज्यादा


तर लोग तैलीय व फास्ट फूड से आईटम पर अधिक डिपेंड हो गए हैं। तनाव कम करने के इरादे से लोग धूम्रपान व लीकर यानी शराब जैसी चीजों का सेवन अधिक करने लगे हैं। एक तो दिमागी तनाव ऊपर से यह नशा लोगों के नींद की दुश्मन बन जाती है। इन सब के बावजूद समय के अभाव में व्यायाम व योगा तक करने के लिए समय नहीं निकाल पाते। डॉक्टर्स कहते हैं यह तमाम स्थितियां हार्टअटैक को बढ़ावा दे रही है। यही वह कारण है कि धीरे-धीरे हार्ट की दीवारें या वाल्व डिस्टर्ब होने लगता है। जानकारी के अभाव में लोग ध्यान नहीं देते और अचानक ज्यादादिमागी टेंशन बढऩे या कसरत अथवा गेम की प्रैक्टिस करने से हार्ट पर प्रेशर बढ़ जाता है। जिसकी वह से सीने यानी हार्ट में पेन शरू हो जाता है। इस दर्द के चलते लोग अक्सर बेसुध होकर गिर जाते हैं। जब तक लोग हॉस्पिटल लेकर पहुंचते हैं पीडि़त व्यक्ति की मौत हो चुकी होती है, या फिर डॉक्टर को इलाज के लिए पर्याप्त वक्त नहीं मिल पाता और डेथ हो जाती है।

Posted By: Inextlive