दिल्ली की तरह इलाहाबाद में लगातार बढ़ रहा स्मॉगहर साल बढ़ जाती है वाहनों की संख्या पॉल्यूशन पर नहीं लग रही रोकहालिया रिपोर्ट में पॉल्यूशन के मामले में दिल्ली से अव्वल रही थी प्रयाग नगरी

ALLAHABAD: धीरे-धीरे इलाहाबाद भी स्मॉग की चपेट में आ रहा है। हालात यह हैं कि दोपहर में धुंध के चलते सूरज की रोशनी शहर तक नहीं पहुंच पाती। इसकी बड़ी वजहों में से एक शहर में वाहनों की बढ़ती संख्या है। एग्जाम्पल के तौर पर दीवाली पर बारह हजार से अधिक नए वाहनों की बिक्री हुई है। इनसे निकलने वाला जहरीला धुआं शहर की हवा को जहरीला बना रहा है।

 

हर साल बढ़ जाते हैं वाहन

वाहनों से निकलने वाले खतरनाक धुएं में कार्बन, नाइट्रोजन सहित तमाम हानिकारक गैसे मौजूद रहती हैं। यह सेहत के साथ पर्यावरण को भी दूषित कर रही हैं। बता दें कि इलाहाबाद में हर साल दस से बारह फीसदी वाहनों की संख्या बढ़ जाती है। यही कारण है कि पॉल्यूशन का लेवल काफी तेजी से बढ़ रहा है।

 

वाहनों की संख्या

 

स्कूटर 131037

मोपेड 56846

बाइक 796529

कार 18720

जीप 11406

ट्रक 8000

बस 125

ट्रैक्टर 3953

ट्रेलर्स 53

अन्य 4016

 

पॉल्यूशन को लग गए हैं पंख

पिछले साल मई में डब्ल्यूएचओ ने इलाहाबाद को दुनिया के सर्वाधिक पॉल्यूटेड शहरों में दूसरे नंबर पर रखा था। इसको लेकर पूरे देश में हड़कंप मच गया था। वहीं इसी साल अक्टूबर में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा जारी रिपोर्ट में इलाहाबाद को देश के सर्वाधिक पॉल्यूटेड शहरों में दूसरे नंबर पर रखा गया है। यह दोनों रिपोर्ट बताती है कि किस कदर शहर का पॉल्यूशन लेवल बढ़ा हुआ है। आइए जानते हैं शहर में क्या है पाल्यूशन की स्थिति।

- सेंट्रल पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक इलाहाबाद में 2010 से लेकर 2017 के बीच हवा में पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा में जबरदस्त बढ़ोतरी की गई।

- हवा में पीएम की अधिकतम मात्रा 100 और पीएम 2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक होनी चाहिए।

- शहर में पीएम 10 मात्रा 320 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक और पीएम 2.5 की मात्रा 190 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक दर्ज की गई है।

 

हॉस्पिटल में दस्तक दे रहे सांस के मरीज

हवा में हानिकारक गैसों और धूल के कणों की सांद्रता बढ़ने से सांस के मरीजों की संख्या में भी आठ से दस फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। खासकर दमा और सीओपीडी के मरीजों की दिक्कते अधिक हुई है तो सामान्यत: एलर्जी के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो गई है। अधिक पाल्यूशन के चलते फेफड़े और श्वास नली में इंफेक्शन भी बढ़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को घर से निकलते समय मास्क का यूज करना चाहिए।

 

वाहनों की संख्या हर साल बढ़ रही है। दीवाली में बारह हजार से अधिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। लोगों को वाहनों को मेंटेन रखना चाहिए जिससे धुएं से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके।

-सगीर अहमद, आरटीओ

 

हर माह एयर पॉल्यूशन की मॉनीटरिंग की जा रही है। पॉल्यूशन लेवल पहले के मुकाबले बढ़ा है। लेकिन अभी भी स्थिति को संभाला जा सकता है। इसके लिए आम जनता को जागरुक होना होगा।

-एसके मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड

 

सांस के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। धूल और हानिकारक गैसों की वजह से इंफेक्शन मामले बढ़ रहे हैं। स्मॉग को देखते हुए लोगों को वाहन चलाते समय मास्क का उपयोग करना चाहिए। दमा और सीओपीडी के मरीजों को होशियार रहना होगा।

-डॉ। आशुतोष गुप्ता, चेस्ट फिजीशियन

Posted By: Inextlive