एसआरएन हॉस्पिटल में एक बार फिर मंगलवार को डॉक्टर और तीमारदार के बीच मारपीट की घटना सामने आई. मरीज की मौत से आहत तीमारदार नाराज हुए तो जूनियर डॉक्टर भी धैर्य खो बैठे. सीनियर डॉक्टरों व पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. इसके बाद बॉडी लेकर तीमारदार घर चले गए.



प्रयागराज (ब्यूरो)। प्रतापगढ़ जिले के फतनपुर थाना क्षेत्र स्थित छतनपुर गांव निवासी वृद्ध गंगा प्रसाद दुबे का एसआरएन हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। परिवार वाले उसे यहां 22 अक्टूबर को एडमिट करवाए थे। इलाज के दौरान मंगलवार की देर शाम उसकी मौत हो गई। वृद्ध मरीज की मौत पर उसके तीमारदार आक्रोशित हो गए। उनका कहना था कि जब हालत सीरियस थी तो बताते हम कहीं और एडमिट करवा देते। हॉस्पिटल के सूत्र बताते हैं कि तीमारदारों की यह बातें वहां रहे जूनियर डॉक्टर को नागवार गुजरी। वृद्ध की मौत से गमजदा तीमारदारों से डॉक्टर उलझ पड़े। देखते ही देखते हाथापाई और मारपीट शुरू हो गई। बात सुनते ही पहुंचे सीनियर डॉक्टर्स व एसआरएन हॉस्पिटल चौकी पुलिस के हस्तक्षेप से विवाद बढऩे से रुक गया। तब तक सीओ शाहगंज व कोतवाली प्रभारी फोर्स के साथ हॉस्पिटल पहुंच गए। करीब घंटे भर चली पंचायत के बाद मामला शांत हो गया। इसके बाद वृद्ध की बॉडी लेकर तीमारदार चले गए। पहले भी हो चुकी है घटनाएं

बताते चलें कि इस हॉस्पिटल में तीमारदारों से मारपीट की यह कोई पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी कोरोना कॉल में मरीज की मौत के बाद जमकर मारपीट हुई थी। इस मामले में तो कई डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा तक हो गया था। उस वक्त डीएम रहे भानुचंद्र गोस्वामी ने सभी को समझाकर शांत करवाया था। इसके बाद फिर एक दफा विवाद हुआ था।

मारपीट व विवाद जैसी कोई बात नहीं है। वृद्ध मरीज की मौत के बाद तीमारदार थोड़ा आक्रोश व्यक्त कर रहे थे। सूचना पर पहुंचकर उन्हें शांत करवा दिया गया है। जब कुछ हुआ ही नहीं तो कोई तहरीर क्या देगा?सत्येंद्र प्रसाद तिवारी, सीओ फस्ट शाहगंज

Posted By: Inextlive