व‌र्ल्ड अल्जाइमर्स डे स्पेशल

-कम उम्र में लोगों को हो रही भूलने की बीमारी

-अनियमित लाइफ स्टाइल बन रहा है बड़ा कारण

-ब्रेन एक्सरसाइज से बचते हैं लोग

केस वन- पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर की पोस्ट पर तैनात चालीस वर्षीय अमित (काल्पनिक नाम) की याददाश्त पिछले कुछ महीनों से उनका साथ नहीं दे रही है। धीरे-धीरे भूलने की बीमारी बढ़ी तो उन्होंने डॉक्टर से संपर्क किया। डायग्नोसिस के दौरान पता चला कि उन्हें अल्जाइमर की शिकायत है। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है।

केस टू- ज्वैलरी व्यापारी दिनेश (काल्पनिक नाम) की उम्र 45 साल है। उनकी शिकायत है कि उन्हें चीजें भूल जाने की बीमारी है। इससे वह बहुत ज्यादा परेशान हैं। इसको लेकर उनका परिवार के लोगों से झगड़ा भी होता है। डॉक्टर के पास गए तो पता चला कि वह अल्जाइमर की चपेट में आ चुके हैं। उन्हें आराम करने की सलाह दी गई है।

ALLAHABAD: अगर आप ये सोच रहे हैं कि अल्जाइमर सिर्फ बुढ़ापे में होता है तो ये गलत है। अनियमित जीवनशैली के चलते अब कम उम्र के लोग भी इस घातक बीमारी के शिकार हो रहे हैं। हाल ही में आए नए केसेज में पता चला कि 35 से 50 साल की एज के लोगों में भी भूलने की आदत तेजी से बढ़ रही है। इससे उनके पारिवारिक और सामाजिक जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ा है। डॉक्टर्स की माने तो बुरी आदतों के चलते युवा वर्ग तेजी से इस बीमारी की चपेट में आ रहा है।

तेजी से बढ़ रहे हैं मरीज

आंकड़ों पर जाए तो 60 साल की उम्र के बाद 65 फीसदी पुरुष और 67 फीसदी महिलाओं पर अल्जाइमर का खतरा मंडराने लगता है। लेकिन, वर्तमान में यह बीमारी युवाओं को अपना शिकार तेजी से बना रही है। साइकायट्रिस्ट डॉ। अभिनव टंडन कहते हैं कि लोगों की आधुनिक जीवनशैली में ब्रेन एक्सरसाइज की आदत घटती जा रही है। उन्होंने पढ़ना-लिखना बंद कर दिया है। इसके अलावा आनुवांशिकता, मोटापा, स्मोकिंग भी इसका बड़ा कारण है। अल्जाइमर के मरीजों की घटती उम्र समाज के लिए चिंता का सबब बनती जा रही है।

45 फीसदी तक अधिक खतरा

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक तीस साल की उम्र के मोटापे के शिकार लोगों में डिमेंशिया या अल्जाइमर की आशंका तीन गुना बढ़ जाती है। जबकि स्मोकिंग करने वालों 45 फीसदी तक याद्दाश्त कमजोर होने की संभावना होती है। साइकायट्रिस्ट पुष्कर निगम बताते हैं कि अल्जाइमर के मरीजों को शुरुआत लक्षणों के आधार पर डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए। अधिक बीमार होने पर मरीज की रीसेंट मेमोरी लॉस होने लगती है। जिससे उसका घर-परिवार और संबंधियों से मनमुटाव होने लगता है। उन्हे यह तक याद नहीं रहता कि उन्होंने एक घंटे पहले भोजन किया भी था या नहीं।

प्वाइंटर्स

-कम उम्र में हो सकता है अल्जाइमर रोग

-धूम्रपान और आनुवांशिकता है बड़ा कारण

-भ्रम होना और व्यवहार परिवर्तन इसके मेन लक्षण हैं

-इस बीमारी से हृदय रोग की संभावना भी बढ़ जाती है।

-डिप्रेशन या अधिक तनाव होने पर अल्जाइमर की आशंका बढ़ जाती है

-इससे बचने के लिए ब्रेन एक्सरसाइज यानी पढ़ने-लिखने की आदत पर विशेष ध्यान देना चाहिए

बॉक्स

झाड़फूक से बिगड़ जाता है केस

डॉक्टर्स कहते हैं कि कई बार अल्जाइमर के मरीजों को ऊपरी फेर (भूत-प्रेत का चक्करर) मानकर परिजन झाड़फूंक करवाते हैं, जिससे केस बिगड़ जाता है। ऐसे में मरीज की हालत ज्यादा खराब होने पर उसका इलाज मुश्किल हो जाता है। डॉ। टंडन कहते हैं कि बार-बार भूलने की आदत का दोहराया जाना ही खतरे की घंटी है। इसलिए शुरुआती इलाज से इस रोग से बचा जा सकता है।

Posted By: Inextlive