पूर्व बाहुबली सांसद के जेल जाने के बाद आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हुए प्रयागराज में

इशारों पर आज भी काम निबटाते हैं गुर्गे, प्रयागराज के व्यापारी के साथ भी हुई थी लखनऊ के व्यापारी जैसी घटना

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शुआट्स के वीसी से पंगा लेकर विधानसभा चुनाव से पहले जेल पहुंचे बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद का दबदबा आज भी जस का तस है। कानून के लम्बे हाथ इनामी घोषित होने के बाद भी न तो उनके भाई अशरफ तक पहुंच सके और न ही उनकी दबंगई पर कोई असर पड़ा। चुनाव ने पब्लिक ने उन्हें जरूर बुरी तरह से नकार दिया लेकिन उनके आतंक के बलबूते फलने-फूलने वाले कारोबार पर कोई आंच नहीं आयी। लखनऊ के कारोबारी के साथ जो कुछ भी हुआ वह इकलौता मामला नहीं है। प्रयागराज के कारोबारी यह झेल चुके हैं। अलग बात है कि लखनऊ का व्यापारी पुलिस के पास जाने की हिम्मत बटोरने में कामयाब हो गया जबकि प्रयागराज का कारोबारी यह हौसला नहीं जुटा सका। करीब पौने दो साल से जेल में बंद चल रहे अतीक के खिलाफ अकेले प्रयागराज के विभिन्न थानो में इस दौरान भी आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं।

वायरल मैसेज से खुला गुंडा टैक्स मांगना

आसिफ सिद्दीकी मुम्बई के एक बड़े कारोबारी हैं। वह प्रतापगढ़ से सांसद का चुनाव भी लड़ चुके हैं। उन्हें भी टारगेट करने से पूर्व सांसद अतीक अहमद नहीं चूके थे। फोन करके दस करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी थी। कारोबारी ने अतीक के रुतबे के आगे झुकने से इंकार कर दिया। नतीजा अतीक और उनके बीच हुई बातचीत का आडियो सोशल मीडिया पर वायल हो गया। इसके बाद प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी हरकत में आये और इस मामले में पूर्व सांसद के खिलाफ मामला दर्ज किया।

बुलाकर पीटने का मामला दब गया

लखनऊ जैसी घटना नवम्बर महीने में प्रयागराज के कारोबारी के साथ भी सामने आयी थी। पूर्व सांसद के गुर्गो ने धूमनगंज एरिया के रहने वाले तीन लोगों को जेल में मिलने के लिए बुलाया था। इनकी भी जेल के भीतर जमकर पिटायी गयी थी। पिटाई से एक का तो हाथ भी टूट गया था। हालांकि, यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी और इसकी सूचना जेल के उच्चाधिकारियों तक पहुंच गयी थी। इस पर इंटरनल जांच बैठायी गयी लेकिन फाइनली मामला डिब्बा बंद हो गया। पिटने वाले एफआईआर लिखवाने का साहस नहीं बटोर सके तो जांच के बाद फाइल क्लोज कर दी गयी।

फोन पर बोला बंद करो गवाही

अतीक और उनके भाई पूर्व विधायक अशरफ का नाम तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की हत्या में सामने आया था। इस घटना की जांच सीबीआई से कराने का आदेश हो चुका है। सीबीआई साक्ष्य जुटाने के चक्कर में प्रयागराज का चक्कर लगा चुकी है। लेकिन क्या मिला? इस पर अभी कुछ भी क्लीयर नहीं है। इस मामले में एक मात्र चश्मदीद गवाह हैं अधिवक्ता धूमनगंज के रहने वाले उमेश पाल। उनका एक बार अपहरण हो चुका है। दिसंबर महीने में ही उन्होंने एक मुकदमा धूमनगंज थाने में दर्ज कराया है। इसमें उन्होंने कहा है कि वह एक समारोह में शामिल होने के लिए अपने दोस्त के यहां गए थे। वहां अतीक के गुर्गो ने उन्हें घेर लिया और धमकाया। उन्हीं में से एक ने अतीक को फोन मिला लिया और सीधे धमकी दी गयी कि राजू पाल हत्याकांड और अपने अपहरण के मामले में पैरवी करना बंद कर दो, वरना जान से हाथ धो बैठोगे। इस मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद के अलावा फरहान, मो तालिब, अशरफ, अकबर समेत दो अन्य को नामजद किया गया है।

Posted By: Inextlive