-गैंगस्टर व दो मुकदमे होने के बावजूद श्याम बाबू को दिया गया शराब का लाइसेंस

-बेदाग चरित्र वाले को ही लाइसेंस दिए जाने का प्राविधान बता रहे विभागीय लोग

PRAYAGRAJ: फूलपुर में देशी शराब से हुई सात की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए सातों आरोपित रविवार को जेल भेजे गए। इनमें फूलपुर अगरापट्टी निवासी ठेकेदार श्याम बाबू जायसवाल व उसकी पत्‍‌नी संगीता जायसवाल भी शामिल है। श्याम बाबू गांजा सप्लाई में दो मर्तबा जेल जा चुका है। पुलिस रेकार्ड के मुताबिक 2016 में उसके खिलाफ गैंगेस्टर के तहत कार्रवाई हुई थी। पिछले वर्ष 2019 में श्याम बाबू दो ठेका अपने नाम लिया। जबकि अमिलिया देशी शराब की दुकान पत्‍‌नी संगीता के नाम से अलॉट करवा लिया। अमिलिया ठेके से खरीद कर शराब पीने वाले सात लोगों की मौत हो शुक्रवार से शनिवार के बीच हो गई है। करीब दस से अधिक गंभीर अब भी हॉस्पिटल में एडमिट हैं। इस घटना के बाद छानबीन में जो तथ्य सामने आए हैं, उससे आबकारी विभाग पर भी सवाल उठने लगे हैं।

गिरफ्तार सातों भेजे गए जेल

शराब की दुकान का ठेका लेने के लिए आबकारी विभाग के नियम बिल्कुल सख्त हैं। महकमे से जुड़े लोग बताते हैं कि किसी भी मुकदमे में विचाराधीन या फिर सजा पा चुके व्यक्ति के नाम शराब की दुकान का ठेका नहीं हो सकता। आपराधिक मुकदमे में कोर्ट से बरी हो चुके व्यक्ति के नाम से शराब का ठेका हो सकता है। यदि इन बातों को सच मान लिया जाय तो आबकारी विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल यह है कि दो बार जेल जा चुके व गैंगस्टर की कार्रवाई के बावजूद श्याम बाबू जायसवाल के नाम विभाग ने देशी शराब की दो दुकान का लाइसेंस कैसे जारी किया। इतना ही नहीं वह अपनी पत्‍‌नी संगीता के नाम से भी अमिलिया शराब की दुकान का ठेका अलॉट करवा लिया।

जांच हुई तो नपेंगे कई

अब अधिकारी पूरी प्रक्रिया की जांच-पड़ताल में जुट गए हैं। श्याम बाबू के द्वारा दुकान लाइसेंस के लिए आवेदन के वक्त दिए गए कागजात की भी जांच की जाएगी। माना यह जा रहा है कि यदि निष्पक्ष जांच हो गई तो विभाग के तमाम लोग कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। फिलहाल शराब से हुई सात लोगों की मौत के मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए श्याम बाबू पुत्री वीरेंद्र जायसवाल व कन्हैया पुत्र वीरेंद्र जायसवाल, संगीता देवी पत्‍‌नी श्याम बाबू जायसवाल निवासीगणी अगरा पट्टी, अजय यादव निवासी पांडेय पुर मुगरा बादशाहपुर जौनपुर, सुरेंद्र कुमार निवासी मनिकापुर सरायइनायत, जगतजीत सिंह निवासी मैलहन फूलपुर सहित कुल सात लोग रविवार को जेल भेज दिए गए।

लाइसेंस में लगते हैं ये डॉक्यूमेंट

-शराब की दुकान का लाइसेंस लेने के आवेदक को कई तरह के कागजात लगाने पड़ते हैं।

-इनमें सबसे पहले आवेदक को अपने नाम का सालवेंसी या वैलुएशन प्रमाण पत्र लगाना होता है।

-इसके साथ ही आवेदक को अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड और आईटीआर संग फोटो भी लगाने होते हैं।

-इसके बाद लाइसेंस इश्यू के समय आवेदक को अपना चरित्र प्रमाण पत्र विभाग में जमा करना होता है।

-यह चरित्र प्रमाण पत्र पुलिस विभाग द्वारा जारी किया होना चाहिए, इसमें थाने से लेकर चौकी तक की रिपोर्ट लगती है।

-पुलिस अपने थाने या चौकी पर आवेदक के विरुद्ध दर्ज मुकदमों का हवाला भी अपनी रिपोर्ट में देने पड़ते हैं।

-चौकी व थाने से रिपोर्ट लगा दी गई कि आवेदक के खिलाफ मुकदमें हैं वह भी गैंगस्टर के तो चरित्र दागी हो जाता है।

-फिर भी यदि दागी का चरित्र प्रमाण पत्र किसी सूरत बन भी गया तो विभाग लाइसेंस होल्डर को नोटिस देता है।

-लाइसेंस होल्डर द्वारा दिए गए जवाब से यदि विभाग संतुष्ट हुआ तो ठीक नहीं दुकान के लाइसेंस निरस्त कर दिए जाते हैं

थाना पुलिस भी संदेह के घेरे में

कहा यह जा रहा है कि श्याम बाबू चरित्र प्रमाण पत्र बनवाते समय जुगाड़ से मुकदमों को दबवा दिया होगा। शायद यही वजह है कि उसके नाम जारी शराब के ठेके का लाइसेंस निरस्त नहीं हुआ। यदि चल रही जांच में ऐसा सच साबित हुआ तो फूलपुर थाने में तैनात कई और जिम्मेदारों पर गाज गिरना तय है। फिलहाल श्याम बाबू के जारी चरित्र प्रमाण पत्र में रिपोर्ट क्या लगाई गई है। यह जांच रिपोर्ट आने के बाद ही क्लियर हो सकेगा।

फूलपुर में शराब से हुई घटना में गिरफ्तार किए गए सातों लोग जेल भेज दिए गए हैं। प्रकाश में आए कई लोगों की तलाश जारी है। ठेकेदार श्यामबाबू पर गैंगेस्टर का मुकदमा है। पड़ताल में मालूम चला है कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को शराब का ठेका नहीं मिल सकता। हर एंगल पर जांच की जा रही है।

-धवल जायसवाल, एसपी गंगापार

Posted By: Inextlive