बच्चें है 'लॉक' स्कूल ग्राउंड हो अनलॉक
- बच्चों के फिजिकल एक्टिविटी के लिए स्कूलों के सूने पड़े स्पोर्ट्स ग्राउंड में गेम्स की मिले इजाजत
prayagraj@inext.co.inPRAYAGRAJ: कोरोना महामारी ने बच्चों को पिछले करीब छह माह से घरों में कैद कर दिया है। ऐसे में अनलॉक की शुरुआत होने के बाद भले ही मार्केट से लेकर सभी चीजें नॉर्मल होने लगी है, लेकिन बच्चों की कैद अभी भी जारी है। खासतौर पर बच्चों के पास आउट डोर गेम्स का कोई आप्शन नहीं है। दूसरी और अनलॉक 4 के अन्तर्गत सरकार की ओर से स्कूलों में भी बच्चों को जाकर अपने डाउट्स क्लीयर करने के लिए भी इजाजत मिल गई है। ऐसे में बच्चों के पैरेंट्स और स्पोर्ट्स कोच का कहना है कि जब डाउट्स क्लीयर करने के लिए स्कूल खोले जा सकते है, तो बच्चों के फिजिकल एक्टीविटी के लिए एथलेटिक्स जैसे गेम्स की इजाजत भी मिल जानी चाहिए। जिससे लंबे समय से स्कूलों के सूने पड़े स्पोर्ट्स ग्राउंड में भी रौनक दिखाई पड़ने लगे।
गेम्स में तो 100 से कम चाहिए खिलाड़ीस्कूलों में स्पोर्ट्स इवेंट के आयोजन को लेकर विभिन्न खेलों के कोच ने कहा कि सरकार की ओर से जारी अनलॉक के बाद काफी सहूलित दी गई है। ऐसे में स्पोर्ट्स के कुछ इवेंट के लिए भी इजाजत होनी चाहिए। जिससे स्कूलों के ग्राउंड पर भी पहले जैसी रौनक लौट सके। एथलेटिक्स, ऊंची कूद, लंबी कूद, क्रिकेट, बैडमिंटन जैसे कई गेम्स है। जिनका आयोजन किया जा सकता है। वैसे भी सरकार की ओर से कार्यक्रम के आयोजन पर 100 लोगों के एकत्र होने की इजाजत दी गई है। ऐसे में इस प्रकार के कई अन्य गेम्स, जिसमें 100 से भी कम लोग सिरकत करते है। उनके आयोजन कराए जा सकते है। इससे गेम्स के आयोजन भी शुरू हो जाएंगे और बच्चों के फिजिकल एक्टीविटी भी हो सकेगी। जिससे बच्चों को खुद को फिट रखने में सुविधा होगी।
कई मंथ से बंद है प्रैक्टिसकोरोना महामारी के कारण पहले लॉक डाउन और फिर बाद में अनलॉक के बाद भी ग्राउंड सूने पड़े है। स्कूलों में विभिन्न खेल की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स की प्रैक्टिस बंद पड़ी है। इस बारे में इंटरनेशनल हॉकी प्लेयर दानिस मुर्तजा बताते है कि लॉक डाउन तक को सभी प्रोफेशन खिलाड़ी भी घर में ही थे, लेकिन अनलॉक की शुरुआत होने के बाद प्रोफेशन प्लेयर्स ने तो अपनी रेगूलर प्रैक्टिस शुरू कर दी। हालांकि स्पोर्ट्स कालेज अभी बंद है। जिससे कई प्लेयरर्स को प्रापर गाइडेंस में प्रैक्टिस का मौका नहीं मिल रहा है। ऐसे में स्कूलों में छोटे स्तर पर होने वाले स्पोर्ट्स आयोजन की भी शुरुआत होनी चाहिए। जिससे बच्चों और खिलाडि़यों में स्टेमिना बढ़ सके। साथ ही इम्युनिटी भी बढ़ सके। अभी तक खिलाड़ी भी खुद को फिट रखने के लिए पार्क आदि में प्रैक्टिस कर रहे है।
- अनलॉक के बाद धीरे-धीरे कई चीजें ओपेन हो गई है। ऐसे में स्पोर्ट्स एक्टीविटी को भी ओपेन कर देना चाहिए। हालांकि इस दौरान कोविड से बचाव के लिए सभी कदम उठाए जाने चाहिए। दानिस मुर्तजा इंटरनेशनल हॉकी प्लेयर - स्कूलों में कई ऐसे स्पोर्ट्स होते है, जिसमें भीड़ नहीं होती है। ऐसे स्पोर्ट्स और उसकी प्रैक्टिस के लिए भी अब इजाजत मिलनी चाहिए। स्पोर्ट्स से बच्चों में इम्युनिटी अधिक अच्छी होती है। रवि मौर्या, बास्केटबाल कोच - पिछले 6 मंथ से बच्चे घरों में कैद है। इससे उन्हें भी कई तरह की फिजिकल दिक्कत हो रही है। स्कूलों में छोटे स्पोर्ट्स इवेंट के लिए भी इजाजत मिलनी चाहिए। ऋषि शर्मा