700 टीमें लगाई गई हैं सर्वे के लिए

02 ही सदस्य हैं हर टीम में

14.5 लाख है शहर की आबादी

-सर्वे के लिए लगाई गई हैं टीमें, आशा, आंगनबाड़ी और टीचर्स को दी गई है जिम्मेदारी

-घर के भीतर जाने की है मनाही, बाहर से पूछकर लौट आते हैं सर्वेयर

PRAYAGRAJ: शहर में कोरोना कंट्रोल के लिए तमाम कवायदें चल रही हैं। इसी के तहत हर मोहल्ले में कोरोना संदिग्धों की जांच के लिए सर्वे कराया जा रहा है। लेकिन मुश्किल यह है कि इसके लिए टीम इतनी छोटी है कि सर्वे की सफलता पर संदेह जताया जाने लगा है।

घर-घर जाकर करना है सर्वे

सरकार का दबाव है कि घर-घर जाकर कोरोना संदिग्धों का पता लगाया जाए। मिलते जुलते लक्षण वालों की हर हाल में जांच कराई जानी जरूरी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को आशा, आंगनबाड़ी और टीचर्स की ड्यूटी लगाने को कहा गया है। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग को 700 टीचर्स, 350 आशा और 400 आंगनबाडुी कार्यकर्ता दिए गए हैं। इनको मिलाकर कुल सात सौ टीमें बनाई गई है। हर टीम में दो सदस्य हैं। इसमें एक टीचर और साथ में आशा या आंगनबाड़ी को रखा जाता है। यह दोनों घर-घर जाकर सर्वे करते हैं।

आबादी के हिसाब से कम हैं संसाधन

-स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक तो शहर की आबादी 14.50 लाख है।

-इस आबादी के सर्वे के लिए सात सौ टीमें बनाई गई हैं।

-लेकिन हर टीम में सदस्यों की संख्या केवल दो है।

-ऐसे में देखा जाए तो हर टीम के कंधों पर 2071 लोगों की जांच की जिम्मेदारी है।

-वहीं सर्वे को पूरा करने के लिए 9 से 11 दिन का समय दिया जाता है।

-यानी प्रत्येक टीम को इतने दिन में 2000 से अधिक लोगों का सर्वे करना है।

-ऐसे में यह सर्वे कितना विश्वसनीय हो सकेगा इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है।

फिर भी लोग नहीं बताते सच

सोर्सेज का कहना है कि टीमों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। एक दिन में बहुत अधिक घरों का सर्वे करना मुश्किल होता है। क्योंकि इसमें टाइम बहुत लगता है। हर घर के एक-एक सदस्य की जांच की जाती है। उनका फीवर और ऑक्सीजन लेवल लिया जाता है। अगर कोई संदिग्ध है तो उसकी हिस्ट्री नोट की जाती है। फिर इसकी जानकारी आरआरटी टीम को दी जानी होती है। जिसके आधार पर संदिग्ध की जांच की जाती है। ऐसे में टीमों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। सोर्सेज का कहना है कि कई बार लोग घर में रह रहे संदिग्ध के बारे में नही बताते हैं। इसकी रेकी के लिए आसपास के लोगों से पूछताछ करनी पड़ती है।

लगातार चलेगा सर्वे

बता दें कि सर्वे की कार्रवाई शहर में लगातार जारी रहेगी। एक बार किसी इलाके में सर्वे करने के बाद फिर से दूसरी टीम को यहां लगाया जाता है। क्योंकि लक्षण आते-जाते रहते हैं। इसलिए सरकार का आदेश है कि इलाकों में लगातार सर्वे किया जाता रहेगा। अगर किसी को भी लक्षण है तो उसकी हर हाल में जांच कराई जाएगी।

हमारे पास वर्कर की संख्या थोड़ी कम है। फिर भी उनका काम ठीक है। प्रत्येक इलाके में कई राउंड सर्वे कराया जा रहा है। अगर सूचना मिलती है तो टीम दोबारा पूछताछ करने जाती है।

-डॉ। सत्येंद्र राय, नोडल सर्वे

Posted By: Inextlive