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करोड़ से ज्यादा है जिले में नशे का कारोबार

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से 50 रुपए में बेची जाती है यहां पर नशे की पुडि़या

-जिले में भी काफी तेजी से फल-फूल रहा है नशे का कारोबार

-नशे के सामान की सप्लाई के लिए बनी हुई चेन

mukesh.chaturvedi@inext.co.in

PRAYAGRAJ: इन दिनों बॉलीवुड में नशे के कारोबार की जबर्दस्त ढंग से जांच हो रही है। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी ने फिल्मी दुनिया में चल रहे नशे के काले कारोबार का काफी हद तक खुलासा किया है। अब तो जांच की आंच दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान, रकुलप्रीत सिंह जैसी हाई-प्रोफाइल सितारों तक पहुंचने लगी है। वहीं प्रयागराज की बात करें तो यह भी नशे के शिकंजे में जकड़ा हुआ है। पिछले तीन से चार साल में यहां पर नशे के कारोबार का टर्नओवर 20 करोड़ पार कर चुका है। पेश है दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की खास रिपोर्ट

हाई सोसायटी तक पहुंच

नशे के कारोबार ने प्रयागराज को जबर्दस्त ढंग से अपनी गिरफ्त में ले लिया है। आलम यह है कि स्कूल, कॉलेज के स्टूडेंट्स से लेकर हाई सोसायटी के युवा इसका इस्तेमाल करने लगे हैं। सबसे हैरानी की बात है कि उच्च तबके में नशा करना स्टेटस सिंबल बन चुका है। जिले में हुक्का बार के चलन ने नशे के कारोबार को और आंच दी। इसके बाद तो युवाओं में इसकी और पैठ बनने लगी। यदि जिले में नशे के चलन पर गौर करें तो यहां नशेडि़यों की पहली पसंद गांजा और स्मैक है। इसके सस्ते विकल्प के रूप में व्हाइटनर और नशीली व प्रतिबंधित दवाइयां भरपूर चलन में हैं। अफीम और डायजापाम के शौकीनों की संख्या भी कम नहीं है।

बेअसर है चेकिंग और सख्ती

तमाम रोक और चेकिंग व जांच एवं सख्ती के बावजूद प्रयागराज की धरती पर नशे का कारोबार दिन रात फल-फूल रहा है। पुलिस और सौदागरों के गठजोड़ से नशे का यह सामान चोरी-छिपे गली कूचे तक में बेचे जा रहे हैं। जिले में फैले सौदागरों के मकड़जाल एसटीएफ व एसओजी द्वारा की जाने वाली चंद कार्रवाइयां नाकाफी हैं। कार्रवाई करने वालों से ज्यादा महकमें में सौदागरों के सपोर्टर मौजूद हैं। यही वजह है कि जिले में इसके शौकीनों की संख्या बढ़ती जा रही है।

यहां से आती है नशे की खेप

नशे से दूर और धर्म के रास्ते की सीख देने वाली इस संगम नगरी में नशीले पदार्थो की खेप गैर प्रांतों से सप्लाई होती है। अब तक पकड़े गए चंद नशीले पदार्थो पर गौर करें तो विभिन्न मादक पदार्थो की सप्लाई चेन कुछ इस तरह से है

हेरोइन

जिले में हेरोइन की सप्लाई पंजाब और हरियाणा तो गांजा विशाखापत्तनम, उड़ीसाऔर मध्य प्रदेश से होती है।

स्मैक

स्मैक की आवक यहां नेपाल, बाराबंकी सहित पूर्वी राज्यों से सप्लाई की जाती है।

व्हाइटनर

व्हाइटनर और नशीली दवाइयां यहां केमिस्ट व कॉपी किताब की दुकानों पर आसानी से उपलब्ध होते हैं।

सीरप और व्हाइटनर बने पसंद

इधर बीच देखा जा रहा है कि वयस्क ही नहीं किशोर भी नशे के दलदल में फंसते जा रहे हैं। चूंकि किशोरों व गरीब यानी लेबर तबके के नशेडि़यों के पास आर्थिक तंगी होती है। लिहाजा वे महंगे नशे का शार्टकट फॉर्मूला नशा करने वाले सीरप पीकर, व्हाइटनर कागज पर रखने के बाद सूंघकर तलब पूरा कर लेते हैं। बताते हैं कि चंद पुलिस वाले बताते हैं कि व्हाइटनर अफीम जैसे नशे का अहसास कराता है और आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है। यह किसी भी जगह आसानी से मिल जाते हैं और पुलिस के द्वारा पकड़े जाने का खतरा भी नहीं होता।

यहां इसकी है ज्यादा डिमांड

नंबर नाम

01 गांजा

02 स्मैक

03 अफीम

04 ह्वाइटनर

05 कफ सीरम

06 डायजापाम गोली

2020 में अब तक हुई बरामदगी

पदार्थ मात्रा

गांजा 800 कुंतल

स्मैक 1.798 ग्राम

अफीम 15 किलो ग्राम

कफ सीरप 3000 लीटर

डायजापाम 770 गोली

इन स्थानों पर होती है ज्यादा खपत

-जिले में इस धुएं के नशे की ज्यादातर खपत माघ मेले में होती है

-इसके अलावा मेडिकल व डिग्री कॉलेजों के आसपास होती है बिक्री

-चुनिंदा हॉस्टलों, रेलवे स्टेशन व रोडवेज बस अड्डों के पास भी गुर्गे सक्रिय

-कुछ भांग की दुकानों के आसपास भी बैठते हैं सप्लायर गैंग के मेंबर

-पिछले वर्ष कार में बैठकर बेचते हुए पकड़ा गया था एक शख्स

-सिविल लाइंस, सलोरी, अलोपीबाग, दारागंज, जैसे स्थानों पर हैं सप्लायर

-झोपड़पट्यिों में भी रहते हैं नशे के इस सामान के सौदागर

Posted By: Inextlive