कॉलेज तैयार करेंगे 'कॉबिल'
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से एफीलिएटेड महाविद्यालयों को नए साल में मिलेगा तोहफा
जॉब ओरिएंटेड कोर्सेज चलाने की मिलेगी अनुमति, यूजी, पीजी और डिप्लोमा लेवल के होंगे कोर्स vikash.gupta@inext.co.in ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और उससे एफीलिएटेड कॉलेज अब सिर्फ डिग्री बांटने का केन्द्र नहीं रहेंगे। यहां के एजुकेशन मॉडयूल में बड़ा चेंज करने की तैयारी है। सभी कॉलेजेज को जॉब ओरिएंटेड वोकेशनल कोर्सेज चलाने की अनुमति मिलेगी ताकि वह मार्केट की जरूरतों के अनुसार छात्रों को शिक्षा दें। इसका मकसद छात्रों को मार्केट की जरूरत के अनुसार तैयार करना है। करेंट सेशन में पीजी कोर्सेज की सौगात देने के बाद दूसरी बड़ी सहूलियत नए साल में मिल सकती है। एयू एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से 11 संघटक महाविद्यालयों में वृहद स्तर पर वोकेशनल कोर्सेज संचालित करने की संभावना तलाशने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी के सजेशन के अनुसार कॉलेजेज को कोर्स संचालन की अनुमति मिलेगी।प्रो। एमएम कृष्ण को जिम्मेदारी
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जुड़े डिग्री कॉलेजेस में एकमात्र यूइंग क्रिश्चियन कॉलेज ही ऐसा है, जहां फिलहाल ढेर सारे वोकेशनल कोर्सेज की पढ़ाई का आप्शन मौजूद है। नेक्स्ट सेशन 2017-18 से एयू से जुड़े सभी 11 संघटक महाविद्यालयों में वोकेशनल कोर्सेज की पढ़ाई शुरू होगी। इसके लिए 14 दिसम्बर को हुई एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में डिस्कशन हो चुका है। एयू में इकोनामिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मनमोहन कृष्ण को प्लानिंग की जिम्मेदारी मिली है।
मार्च में होता है एडमिशन प्रॉसेस अच्छी बात ये है कि नेक्स्ट सेशन से वोकेशनल कोर्सेज की पढ़ाई के लिए समय रहते तैयारी की जा रही है। एयू और उससे जुड़े कॉलेजेस में नये सेशन के फॉर्म मार्च में आते हैं। उससे पहले ही प्रो। मनमोहन कृष्ण की अध्यक्षता में गठित टीम कॉलेजेस का दौरा करेगी। कमेटी यह देखेगी कि नये पाठ्यक्रमों की पढ़ाई के लिये कॉलेजेस के पास क्या रिसोर्सेस हैं और उन्हें किन-किन रिसोर्सेस को और एडाप्ट करना होगा? इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, लैब, क्लासेस, फैकेल्टी इत्यादि मुख्य रूप से शामिल होंगे। पढ़ाई के साथ नौकरी पर जोर प्रो। मनमोहन कृष्ण ने बताया कि वोकेशनल कोर्सेज की पढ़ाई यूजी, पीजी के अलावा डिप्लोमा और एडवांस डिप्लोमा की होगी। इसमें योगा, नर्सिग, रंगमंच, फिल्म एंड थियेटर, न्यूट्रिशन, डिफेंस स्टडीज, फूड टेक्नोलॉजी, जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेशन, फूड टेक्नोलॉजी आदि से जुड़े कोर्सेज शामिल होंगे। कॉलेजेस की जैसी डिमांड होगी, उन्हें सुविधानुसार अनुमति प्रदान की जाएगी। पहले से महसूस हो रही थी जरूरतसीएमपी डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। आनंद ने बताया कि अभी इसीसी, हमीदिया डिग्री कॉलेज, जगत तारन गर्ल्स डिग्री कॉलेजेस, ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज और एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कॉलेज में कुछ रोजगारपरक पाठ्यक्रम चल रहे हैं। बाकी कॉलेजेस में भी इनकी जरुरत महसूस की जा रही थी। इन्हें ज्यादा से ज्यादा विस्तार देना है। उन्होंने कहा कि पहले कॉलेजेस में पीजी नहीं था। लेकिन अब पीजी भी मिल गया है। ऐसे में पढ़ाई की शुरुआत के लिए दिक्कत नहीं होगी।
कॉलेजेस में नेक्स्ट सेशन से वोकेशनल कोर्सेज की शुरुआत होनी है। ऐसे में बहुत सारे काम करने होंगे। देखना होगा कि छात्रों को उनकी फीस के मुताबिक पूरी सुविधायें मिल सकें। -प्रो। मनमोहन कृष्ण, नवगठित कमेटी के अध्यक्ष कुछ कॉलेजेस में रोजगारपरक पाठ्यक्रम चल रहे हैं। लेकिन ये छोटे स्तर पर हैं। इन्हें वृहद रूप दिया जाना है। कोशिश है कि वोकेशनल कोर्सेज के मामले में एक भी कॉलेज पीछे न रहे। इसे पूरी गंभीरता से लिया जाये। -डॉ। आनंद, प्रिंसिपल सीएमपी डिग्री कॉलेज