-होम आईसोलेशन वाले कोरोना पेशेंट नहीं खरीद रहे हैं ऑक्सीमीटर

-पल्स की जांच न होने से जान का खतरा, डीएम ने दिखाई सख्ती

बरेली- कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। मरीजों का आंकड़ा करीब 3 हजार पहुंच गया है और 70 मौत हो चुकी हैं। बीते 10 दिनों से 100 से अधिक रोजाना मरीज आ रहे हैं। यही वजह है कि लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उन्हें होम आईसोलेट किया जा रहा है। जिन मरीजों को होम आईसोलेट किया जा रहा है, उन्हें होम आईसोलेशन के नियमों का पालन करना होगा, जिसके तहत लोगों को आक्सीमीटर भी रखना है लेकिन लोग आक्सीमीटर नहीं खरीद हैं। ऐसे में पल्स की जांच न होना उनकी सेहत के लिए खतरनाक है। इसको लेकर डीएम ने नाराजगी जाहिर की और संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं जिनके पास आक्सीमीटर नहीं है, उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट किया जाए, क्योंकि उनकी जान से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है। यही नहीं ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करायी जाएगी।

आरआरटी की जांच में हो रहा खुलासा

बता दें कि कुछ दिनों पहले अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने भी कंट्रोल रूम से कुछ मरीजों से फोन किया था तो पता चला था कि लोगों के पास आक्सीमीटर था ही नहीं। जब इस बारे में अधिकारियों से पूछा गया था तो बताया गया था कि सिर्फ 10 परसेंट के पास ही ऑक्सीमीटर है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने भी इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है। होम आईसोलेट किए गए मरीजों की चेकिंग करने के लिए रैपिड रेस्पांस टीम जाती हैं और वह घर में सबसे पहले सेप्रेट टॉयलेट व रूम चेक करती हैं। इसके अलावा थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर, ग्लब्स, पीपीई किट की भी जांच करती हैं, देखने में आया है कि लोग होम आईसोलेट तो हो जा रहे हैं लेकिन ऑक्सीमीटर नहीं खरीद रहे हैं। जबकि आक्सीमीटर से पल्स चेक की जाती है। आक्सीजन की मात्रा 94 परसेंट से नीचे जाने पर हेल्थ के लिए खतरा हो सकता है। ऐसे में अचानक आक्सीजन लेवल अधिक कम हो गया तो मरीज की जान को खतरा हो सकता है।

होम आईसोलेट लेकिन घूम रहे बाहर

देखने में यह भी आया है कि होम आईसोलेट मरीज घरों से बाहर भी निकल रहे हैं, जिसको लेकर पड़ोसी परेशान हो रहे हैं। वेडनेसडे को सिंधु नगर के भी दो कोरोना मरीज अपने घर से बाहर निकल रहे थे, जिसकी लोगों ने शिकायत इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में कर दी। इसपर एडीएम सिटी ने नाराजगी जाहिर की और उन्होंने निर्देश दिए कि यदि होम आईसोलेशन का पालन नहीं कर रहे हैं तो उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया जाए।

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सिर्फ 177 ने ही किया एप इंस्टॉल

होम आइसोलेट किए मरीजों को मोबाइल पर होम आइसोलेशन एप डाउनलोड कर इनस्टॉल करना जरूरी है, लेकिन देखने में आया है कि लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं, बरेली जिले की बात करें तो अब तक जिले में 1000 से अधिक लोगों को हो म आइसोलेट किया जा चुका है, जिसमें से 3 अगस्त तक सिर्फ अभी तक 177 लोगों ने ही ऐप इंस्टॉल किया है। शासन ने इसको लेकर नाराजगी जाहिर की है और सभी जिलों को इसको लेकर सख्त निर्देश दिए, इसी संबंध में सभी एसडीएम को अपने एरिया में होम आइसोलेट किए गए मरीजों के मोबाइल पर ऐप्स इंस्टाल कराने के निर्देश दिए गए हैं

रिकॉर्ड में भी अंतर मिला

प्रदेश की बात करें तो 21 जुलाई से 28 जुलाई तक कोराना के 7198 मरीजों को होम आइसोलेट किया गया लेकिन इनमें से सिर्फ 1574 व्यक्तियों का ही रजिस्ट्रेशन होम आइसोलेशन एप पर किया गया, इसी के चलते सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया गया है कि वह होम आइसोलेट किए गए मरीजों के मोबाइल में ऐप्स इनस्टॉल कर उनका रजिस्ट्रेशन कराया जाए, इसके अलावा निर्देश दिए गए हैं विदेश से आए नागरिकों को एस ओ पी के तहत क्वारेंटाइन किया जाए और इसकी रिपोर्ट भी भेजी जाए, इसके अलावा निर्देश दिए गए हैं कि होम आइसोलेट किए गए मरीजों की समय-समय पर निगरानी की जाए, एडीएम ई ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि होम आईसोलेशन का सही से पालन किया जाए।

गलत नंबर से सर्विलांस में दिक्कत

कोरोना की सैंपलिंग के दौरान लोगों से उनका नाम, पता व मोबाइल नंबर लिया जाता है लेकिन लोग अपना सही और पूरा पता नहीं लिखा रहे हैं और मोबाइल नंबर भी गलत दे रहे हैं, जिसके चलते अभी तक सही से सर्विलांस नहीं हो पा रही है। यही नहीं कंट्रोल रूम से भी इन लोगों को फोन किया जाता है लेकिन इन लोगों से बात नहीं हो पा रही है। सíवलांस के काम में भी जो रिपोर्ट जिला और तहसील स्तर पर भेजी जा रही है उसमें अंतर है, इसमें भी सुधार के निर्देश दिए गए हैं, यह भी देखने में आया है कि अब कांटेक्ट ट्रैकिंग भी सही से नहीं की जा रही है,

हॉटस्पॉट में नहीं हो रही सख्ती

कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते हॉटस्पॉट की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। अब तक 134 हॉटस्पॉट एक्टिव हैं। यहां सख्ती के लिए क्लस्टर भी बनाए गए लेकिन एक-दो दिन की सख्ती के बाद फिर से वही हाल हो गया है। न तो मजिस्ट्रेट यहां विजिट कर रहे हैं और न ही सीओ व थाना प्रभारी चक्कर लगा रहे हैं, जिसके चलते लोग बल्लियां तोड़कर निकल रहे हैं। राजेंद्र नगर में वेडनसडे को पुलिस ने सख्ती की तो लोग पुलिस से उलझते रहे। महिलाएं भी पुलिस से उलझ गई तो एसपी सिटी को मौके पर पहुंचना पड़ गया। इसी तरह से लाल फाटक के पास भी कोरोना मरीज के चलते हॉटस्पॉट बनाया गया लेकिन लोग यहां से बल्लियां तोड़कर निकल रहे हैं। इसके अलावा कई जगह से ऐसे ही तस्वीरें सामने आ रही हैं। ट्यूजडे रात में कमिश्नर व डीएम के साथ मीटिंग के बाद एडीएम ई वीके सिंह ने सभी एसडीएम व एसीएम को निर्देश दिए हैं कि वह हॉटस्पॉट एरिया में दिन में कम से कम तीन बार विजिट करेंगे।

फिगर स्पीक

सैंपलिंग -

घरों का सíवलांस -

सस्पेक्टेड केस -

होम आइसोलेशन

एप डाउनलोड

होम आईसोलेशन वाले मरीजों को नियमों का पालन करना होगा। जिनके पास ऑक्सीमीटर नहीं होगा, उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट किया जाएगा और उनके खिलाफ एफआईआर भी करायी जाएगी। हॉटस्पॉट में और सख्ती की जाएगी।

नितीश कुमार, डीएम बरेली

Posted By: Inextlive