19 मार्च को बदायूं में दो सगे भाइयों की हत्या करने के मामले में फरार 25 हजार रुपए के इनामी आरोपित जावेद ने थर्सडे को नाटकीय अंदाज में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. इसके लिए उसने ऑटो रिक्शा चालकों का सहारा लिया. हुआ यूं कि वेडनेसडे को तडक़े वह सैटेलाइट बस स्टैंड पहुंचा. वहां ऑटो रिक्शा वालों के सामने अपना परिचय देते हुए खुद को उनके हवाले कर दिया. अपने आपको बेकसूर बताते हुए उसने बताया कि बच्चों का मर्डर उसके भाई ने किया है.

बरेली (ब्यूरो)। 19 मार्च को बदायूं में दो सगे भाइयों की हत्या करने के मामले में फरार 25 हजार रुपए के इनामी आरोपित जावेद ने थर्सडे को नाटकीय अंदाज में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। इसके लिए उसने ऑटो रिक्शा चालकों का सहारा लिया। हुआ यूं कि वेडनेसडे को तडक़े वह सैटेलाइट बस स्टैंड पहुंचा। वहां ऑटो रिक्शा वालों के सामने अपना परिचय देते हुए खुद को उनके हवाले कर दिया। अपने आपको बेकसूर बताते हुए उसने बताया कि बच्चों का मर्डर उसके भाई ने किया है। ऑटो रिक्शा चालकों ने उसकी वीडियो बनाई, जिसमें जावेद अपना आधार कार्ड भी दिखा रहा है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उसने कहा कि उसे पुलिस के पास ले चलो। इस पर उन लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस टीम आकर उसे ले गई। पुलिस ने बदायूं पुलिस से कॉन्टेक्ट किया, जिस पर वहां की पुलिस आकर उसे अपने साथ ले गई।


छुरे से किए थे वार
बदायूं में सिविल लाइन क्षेत्र की बाबा कॉलोनी नई बस्ती निवासी विनोद कुमार के दो बेटे आयुष और आहान उर्फ हन्नू की निर्ममता से गला रेतकर हत्या कर दी थी। गर्दन रेतने के बाद भी आरोपित साजिद ने दोनों बच्चों के शरीर पर आठ से ज्यादा वार छुरे से किए थे। इस हत्याकांड के चार घंटे के भीतर ही पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान साजिद को मार दिया था। उसका भाई जावेद घटना के बाद से ही फरार था। इसको पुलिस लगातार तलाश रही थी। जावेद पर एसएसपी बदायूं ने 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था। पुलिस आरोपित की तलाश में बराबर जगह-जगह दबिश दे रही थी।

यह रहा घटनाक्रम
वेडनेसडे में तडक़े जावेद सैटेलाइट चौराहा पर पहुंचा। इस दौरान उसने ऑटो में बैठकर ऑटो चालक को बताया कि वह बदायूं वाला जावेद है और अपनी वीडियो बनवाई। उसने अपना आधार कार्ड भी दिखाया। ऑटो चालक ने रिक्शा रोक लिया। इस दौरान मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। आसपास मौजूद लोगों के पूछने पर उसने कहा कि वह बेगुनाह है, उसके भाई ने बच्चों को मारा था। उसका इसमें कोई हाथ नहीं है। उसने लोगों से कहा कि उसे जल्दी पुलिस के पास ले चलो। इस पर वहां मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। चर्चा है कि जावेद को डर था कि कहीं उसके भाई की तरह उसका भी बदायूं पुलिस एनकाउंटर न कर दे। उसने बताया कि वह दिल्ली से बरेली सरेंडर करने आया था।


हमें इनाम दो, हम बने मददगार
बदायूं कांड के आरोपित 25 हजार के इनामी जावेद के समर्पण के बाद चार घंटे तक यह गहमागहमी रही कि आखिर जावेद बरेली पहुंचा कैसे। वीडियो बनाने वाले लोग कौन थे। तीनों का नाम मददगारों के रूप में जोड़ा गया। इस बीच पता चला कि इस संदेह पर बदायूं पुलिस की टीम जावेद के साथ उन तीनों को भी लेकर गई है और पूछताछ कर रही है। इस बीच पूर्वाह्न 11 बजे दो ऑटो रिक्शा चालक एसएसपी कार्यालय पहुंचे। पता चला कि एसएसपी चुनाव कार्य के संबंध में बाहर हैं। इस पर दोनों एसपी क्राइम मुकेश प्रताप ङ्क्षसह के समक्ष पेश हुए और कहने लगे कि साहब, हमने ही जावेद को पकडक़र पुलिस को सौंपा है। हम पुलिस के मददगार बने हैं इसलिए हमारा इनाम तो बनता है। दोनों की बातें सुनकर एसपी क्राइम भी अचरज में पड़ गए। उन्होंने एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान को जानकारी दी।


आरोपी को हिरासत में लेने के बाद बदायूं पुलिस को सूचना दे दी गई थी। इस पर वहां की पुलिस यहां आकर उसे अपने साथ ले गई है। उनके द्वारा मामले में अब आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-अनीता सिंह, सीओ थर्ड

Posted By: Inextlive