एक वर्ष से अपनी मांगों को लेकर अंदोलनरत कर्मचारियों ने 4 जनवरी से प्राचार्य ऑफिस और लाइब्रेरी में तलाबंदी कर दी


(बरेली ब्यूरो)। बरेली कॉलेज में अस्थायी कर्मचारियों और प्रबंध समिति की लड़ाई स्टूडेंट्स के लिए मुसीबत बन गई है। एक वर्ष से अपनी मांगों को लेकर अंदोलनरत कर्मचारियों ने 4 जनवरी से प्राचार्य ऑफिस और लाइब्रेरी में तलाबंदी कर दी। इससे कॉलेज आने वाले स्टूडेंट्स का कार्यालय का काम और लाइब्रेरी का काम चौपट हो गया है। कॉलेज प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच चल रही खींचतान का खामियाजा स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है। दूर दराज से आने वाले स्टूडेंट्स को कॉलेज आकर पता चलता है कि कॉलेज में तालाबंदी है और ऑफिसेस के साथ लाइब्रेरी का काम नहीं होगा तो वह मायूस होकर कॉलेज से लौट जाते हैं। वेडनसडे को दूसरे दिन तालाबंदी के बाद कर्मचारियों ने बीसीबी प्राचार्य का पुतला दहन के लिए तैयारी कर ली लेकिन जानकारी मिलते ही पुलिस पहुंच गई और पुतला फूंकने से रोक दिया। इसके बाद एसीएम फस्र्ट प्रदीप कुमार रमन कर्मचारियों के पास पहुंचे और उनका ज्ञापन लेकर समझाकर चले गए।

पुलिस से हुई नोकझोंक
बरेली कॉलेज के 140 अस्थाई कर्मचारियों ने दूसरे दिन भी कॉलेज लाइब्रेरी और ऑफिसेस में ताला बंद कर दिया.कर्मचारी नेताओं ने कहा कि हमारी जायज मांगों को अभी तक सुना क्यों नहीं जा रहा है। प्राचार्य कुछ भी लिखकर देने से इनकार कर देते हैं। कोई भी चीज लिखित में नहीं दे रहे हैं ईपीएफ में घोटाला हो रहा है इसकी भी ठीक जानकारी नहीं है बरेली कॉलेज में सब कुछ गड़बड़ चल रहा है। कर्मचारी नेता जितेंद्र मिश्रा ने कहा हम अपनी मांगों के लिए आंदोलित हैं।

1 वर्ष से हैं आंदोलनरत
कर्मचारी नेता जितेन्द्र मिश्रा का कहना है कि वह कर्मचारियों का शोषण उत्पीडऩ न हो हम लोग 4 जनवरी 2020 से आंदोलनरत हैं। एक वर्ष से अधिक समय हो गया लेकिन कॉलेज प्रबंधन और जिला प्रशासन उनकी मांगों को नहीं सुन रहा है। जिसके बाद उन्होंने कॉलेज में कार्यालय और लाइब्रेरी में तालाबंदी कर दी है। धरने पर बच्ची देवी, क्रांति गंगवार, ममता, राघव, देवबती, आशा पांडे, माया पांडे, माया देवी, नन्ही देवी, सावित्री, सुनील कुमार, संजीव पटेल, चंद्र प्रकाश, जय प्रकाश पाठक, जय वीर गंगवार व राम आदि मौजूद रहे।


बोले जिम्मेदार
-पढ़ाई जारी है, तालाबंदी से सिर्फ पेपर वर्क में असर पड़ा है। स्टूडेंट्स को माक्र्सशीट लेने में दिक्कत हो रही है। तालाबंदी बंदी की वजह से मेरा ऑफिस भी बंद है इसीलिए मैं कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट में बैठा हूं। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण लैब का काम बंद है।
डॉ। अनुराग मोहन, प्राचार्य बीसीबी
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बोले स्टूडेंट्स
-लाइब्रेरी में आकर कुछ प्रोजेक्ट फाइल तैयार करनी थी लेकिन कॉलेज आई तो पता चला कि लाइब्रेरी में कर्मचारियों ने तालाबंदी कर रखी है। ऐसे में स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है।


-कॉलेज लाइब्रेरी में बैठकर बुक्स आदि भी मिल जाती थी। लाइब्रेरी में खाली समय स्टडी भी कर सकते हैं लेकिन कॉलेज प्रबंधन और कर्मचारियों की लड़ाई स्टूडेंट्स अब परेशानी झेल रहे हैं।
उपासना, बीकॉम

-कॉलेज प्रबंधन को कर्मचारियों से वार्ता कर ताला खुलवाना चाहिए। क्योंकि प्राचार्य ऑफिस के साथ ऑफिस में भी तालाबंदी है। इससे कोई भी स्टूडेंट्स अपना काम नहीं करा पा रहा है।
खुशवती, एमए


-बुक्स लेने लाइब्रेरी आई थी लेकिन लाइब्रेरी में अब तालाबंदी है। इससे मुझे बुक्स नहीं मिली है अब ऐसे में मेरी स्टडी भी प्रभावित होगी।
आरती

-चौबारी से आई हूं, इतना किराया लगाकर कॉलेज तो आ जाती हूं लेकिन अब कॉलेज का कार्यालय भी हड़ताल के चलते बंद है। कर्मचारियों ने तालाबंदी कर रखी है। अब ऐसे में कालेज में आना बेकार हो गया।
मोनी

-ड्राइंग के लिए आए थे लेकिन कर्मचारी हड़ताल पर हैं इस कारण ड्रांइग ओपन नहीं हुई अब वापस लौटकर जाना पड़ रहा है। कर्मचारियों की हड़ताल अब खत्म होनी चाहिए।
सुशील

आरयू कर्मचारी करेंगे असहयोग.
एजेपीआरयू की मिनिस्टियल स्टाफ एसोसिएशन ने वेडनसडे को एक आम सभा मुख्य द्वार पर की। जिसमें विवि के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने निर्णय लिया कि प्रधान सहायक मोहन लाल का अनियमित ट्रांसफर जो संघटक महाविद्यालय बिजनौर किया गया है उसको 6 जनवरी दोपहर 3 बजे तक रोका नहीं गया तो सभी कर्मचारी विवि के नकारात्मक निर्णय से असहयोग करने का बाध्य होंगे। इसके अतिरिक्त बीफार्मा, एमफार्मा, बीटेक, एलएलएम, एमबीए एवं एमएससी पाठयक्रमों सहित सभी पाठयक्रमों में थर्ड व फोर्थ क्लास कर्मचारियों के पाल्यों के प्रवेश कोटा अंतर्गत प्रवेश पूर्व की भांति सुनिश्चित किया जाए। इस मौके पर महासचिव हितेश तिक्खा, अध्यक्ष सौरभ सिंह, उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार सैनी, संयुक्त महामंत्री नरेश चन्द्र, उपाध्यक्ष मुकेश कुमार यादव, अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सहित स्टाफ मौजूद रहा।

Posted By: Inextlive