भीषण गर्मी ने पूरे जनजीवन को प्रभावित किया है. इससे इंसान ही नहीं पशु-पक्षी भी बेेहाल है. टेंप्रेचर हाई होने से पक्षी भी हीट स्ट्रोक का शिकार होते हैैं. ऐसे में उनकी भी हार्ट अटैक से मौत हो रही है. सीएआरआई के साइंटिस्ट बताते हैैं कि गर्मी अधिक होने से मुर्गियों को भी लू लगने का खतरा रहता है.

बरेली (ब्यूरो)। भीषण गर्मी ने पूरे जनजीवन को प्रभावित किया है। इससे इंसान ही नहीं पशु-पक्षी भी बेेहाल है। टेंप्रेचर हाई होने से पक्षी भी हीट स्ट्रोक का शिकार होते हैैं। ऐसे में उनकी भी हार्ट अटैक से मौत हो रही है। सीएआरआई के साइंटिस्ट बताते हैैं कि गर्मी अधिक होने से मुर्गियों को भी लू लगने का खतरा रहता है। इससे वे भी डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैैं। ऐसे में अगर उनकी सही से देखभाल नहीं की गई तो वो मर भी जाते हैैं। यहीं खतरा दूसरे बड्र्स को भी रहता है।

मुर्गियों के लिए आफत
पोल्ट्री फार्म हाउस जगत सिंह ने बताया कि गर्मी के मौसम में मुर्गियों का खास ख्याल रखना होता है। गर्मी के कारण मुर्गियों आहार में कमी और पानी की खपत बढ़ जाती है। इसीलिए मुर्गियों के आहार में कमी और पानी की खपत भी बढ़ जाती है। इसलिए मुर्गियों को हर दिन साफ-सुथरा और ताजा पानी देना चाहिए। इसके लिए मिट्टी के बर्तन का उपयोग करते हैं ताकि पानी साफ और ठंडा भी रहे। इसके अलावा गर्मी में प्लॉस्टिक आदि के बर्तन प्रयोग में नहीं करते हैँ। गर्मी के मौसम में मुर्गियों को हीट स्ट्रोक और अन्य समस्याओं से बचाव के लिए इलेक्ट्रल पाउडर भी दे देते हैं। जब गर्मी में लू चलती है, तो मुर्गियों में अक्सर डायरिया की समस्या होती है। इस समस्या से बचाव के लिए पानी में मिलाकर दे देता हूं।

हीट स्ट्रोक से प्रॉब्लम
पोल्ट्री फार्म हाउस रियाज अहमद ने बताया कि मुर्गियों को हवा मिल सके इसके लिए वह साइड से पर्दा आदि को हटा देते हैं। जरूरत लगने पर फैन भी लगाते हैं। टीन शेड की जगह फंूस का छप्पर आदि को रखते हैं। ताकि वहां चूजों को समस्या न होने पाए। पोल्ट्री फार्म में चूजों की अपेक्षा बड़ी मुर्गियों में हीट स्ट्रोक की समस्या बहुत अधिक होती है। चूजे 42 डिग्री तक का तापमान सह सकते हैं, लेकिन मुर्गी इस तापमान को सहन नहीं कर सकती। पोल्ट्री फार्म तेज गर्मी में भी गर्म न हो और लू ना लगे। गर्मी के समय में अक्सर मुर्गियों में कई प्रकार की बीमारियां होती हैं और मर जाती हैं। इससे बचाने के लिए चारों तरफ टाट के बोरे लगाकर पानी का छिडक़ाव करते हैं।

टीन का कम करें तापमान
पोल्ट्री फार्म के ऊपर अगर आपने टीन शेड डाल रखा तो उसके ऊपर पराली आदि बिछाकर उस पर पानी का छिडक़ाव करते रहें। इससे भी तापमान कम किया जा सकता है। इससे भी हीट वेव का असर कम होगा और मुर्गियों को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। शेड पर दिन में 3-4 बार पानी छिडक़ने से शेड का तापमान 5 डिग्री से 10 डिग्री तक कम हो जाता है। इससे हीट स्ट्रोक की समस्या कम होगी।

मुर्गियों को अधिक जगह
एक्सपर्ट का कहना है कि गर्मी में आहार सुबह शाम को देना चाहिए। अगर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक है तो सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक दाना नहीं देना चाहिए। गर्मी के समय में मुर्गियों को आहार में अधिक मात्रा में विटामिन और मिनरल दाने देने चाहिए। भोजन में विटामिन ई और सी को शामिल करने से गर्मी में तनाव कम होता है। गर्मियों में मुर्गियों के नीचे बिछा हुआ कम करें। अगर हो सके तो गर्म नहीं होना चाहिए। मुर्गियां को ताजा पानी दें और अधिक गर्मी होने पर मुर्गियों को एक साथ अधिक संख्या में न रखें उन्हें प्रॉपर स्पेश भी दें। उनके आहार में 30 से 40 फीसदी कम कर देना चाहिए। इससे मुर्गियों में फीड कम बनेगी इससे तापमान कम रहेगा। गर्मी में आपको पोल्ट्री के अंदर ओवरक्राउडिंग से बचना चाहिए।

अधिक गर्मी से मुर्गियों को भी कई तरह की प्रॉब्लम होती है। ऐसे में उनके खान पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है ताकि वह स्वस्थ्य रहे और उनका वजन भी कम न हो। पक्षियों की मौत गर्मी में अगर होती है तो उसके लिए और भी कई कारण होते है। जिससे उनकी मौत होती है।
डॉ। गौतम कौल्लुरी, वैज्ञानिक सीएआरआई

Posted By: Inextlive