शोरूम ओनर्स नाबालिग को बेच रहे मौत का वाहन
- नाबालिग के नाम फाइनेंस एग्रीमेंट कर रहे ऑटोमोबाइल्स एजेंसी ओनर
- नाबालिग के नाम पर बिके वाहनों का आरटीओ में हो रहा रजिस्ट्रेशन BAREILLY: श्चद्म.ह्यद्बठ्ठद्दद्ध@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ (24 न्ह्वद्द): शहर के ऑटोमोबाइल्स ओनर्स नाबालिगों को व्हीकल्स बेच रहे हैं और आरटीओ इस पर मुहर लगा रहा है। हैरत की बात है कि वाहनों की बिक्री से मुनाफे के लालच में कुछ वाहन डीलर्स तो माइनर्स के नाम फाइनेंस तक करा रहे हैं। वाहन डीलर्स के इस लालच का खामियाजा भुगत रहा है शहर का बचपन। इसकी वजह से कम उम्र के बच्चे सड़क हादसों के शिकार हो रहे हैं। एक नाबालिग बच्चे सुशांत के नाम पर हुए बाइक रजिस्ट्रेशन और फायनेंस के दस्तावेज आई नेक्स्ट के हाथ लगे तो स्टिंग ऑपरेशन किया जिसमें इस खेल का खुलासा हुआ। तीन डीलर्स का खेल उजागरवाहन डीलर्स के अवयस्कों को वाहन बेचने की शिकायत मिलने पर आई नेक्स्ट ने स्टिंग ऑपरेशन किया। शहर के तीन ऑटो डीलर्स के यहां आई नेक्स्ट टीम बच्चों के नाम पर वाहन खरीदने पहुंची। यामाहा के डीलर ऑटो व्हील्स पर आई नेक्स्ट टीम ने सेल्समेन से बच्चे के नाम पर गाड़ी लेने की बात शुरू की.तभी ओनर एचएस चुघ आ गए। उन्हाेंने कहा कि कैश लाओ, बच्चे के नाम गाड़ी ले जाओ। एक अन्य डीलर टीवीएस ग्रोवर भी कैश पर बच्चों के नाम गाड़ी बेचने का तैयार हुए।
कैश लाओ, बच्चे के नाम पावर बाइक ले जाओ यामाहा डीलर ऑटो व्हील्स का सेल्समैन एक साल के बच्चे के नाम पर बाइक बेचने पर सहमति हो गया। पढि़ए रिकार्डिग में बातचीत के अंश रिपोर्टर- मुझे 1 वर्ष के बेटे के नाम बाइक लेनी है। कर्मचारी - कौन सी बाइक चाहिए। रिपोर्टर - यमाहा एसजेड आरआर। कर्मचारी - ओके, 82,210 हजार की पड़ेगी। रिपोर्टर - फाइनेंस करने पर कितना पड़ेगा। कर्मचारी - 24 महीने की किस्त पर 17,000ब्याज रिपोर्टर - लेकिन बेटा 1 साल का है फाइनेंस कैसे। कर्मचारी - फिर कैश पेमेंट पर ही बाइक मिलेगी। रिपोर्टर - 17 वर्षीय भाई को फायनेंस हो जाएगा। कर्मचारी - हो जाएगा,डॉक्यूमेंट ले आइए। बुझ रहे चिराग दस जुलाई को ही बहेड़ी में ट्यूशन पढ़कर लौट रहे बाइक सवार 11 वीं के तीन छात्रों को बरेली-नैनीताल हाइवे पर रोडवेज बस ने कुचल दिया था।