कड़ाके की सर्दी में ठिठुरने को मजबूर बरेलियंस
-दिन में भी जलते रहे अलाव, जरूरी काम से ही बाहर निकले लोग
- निगम के दावे हुए फेल, चुनिंदा स्थानों पर ही अलाव जलाकर पूरा हो रहा कोरम बरेली : पिछले सप्ताह से पड़ रही कड़ाके की ठंड से बरेलियंस ठिठुरने को मजबूर हैं। पिछले दस सालों का रिकॉर्ड भी ठंड ने तोड़ दिया। वहीं लगातार बढ़ रही गलन से लोगों का जीना दूभर हो गया है। संडे को मैक्सिमम टेम्प्रेचर 12.6 तो मिनीमम टेम्प्रेचर 5.6 रिकॉर्ड किया गया। आज हो सकती रिमझिम बारिश मौसम विभाग की माने तो मंडे से मिनीमम टेम्प्रेचर में भारी गिरावट के साथ हल्की बारिश होने की भी संभावना है वहीं आने वाले आठ दिनों तक शीतलहर का प्रकोप बना रहेगा। जब चली ठंडी हवामौसम विभाग की मानें तो दिसंबर सबसे ठंडा महीना रिकॉर्ड किया गया था लेकिन जनवरी में जारी शीतलहर से लग रहा है कि दिसंबर का रिकॉर्ड भी टूटने के कगार पर है। सुबह से चल रही बर्फीली हवा और आसमान में बादल छाए रहने के चलते दिन भर सूरज देवता ने दर्शन नहीं दिए। पहाड़ी इलाकों में कुछ दिन पहले हुई बर्फबारी की वजह से आ रही ठंडी हवाओं ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया।
तेज हुई हवाएंसैटरडे को जहां चार किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड थी। वहीं, संडे को इससे दोगुनी यानी आठ किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड ठंडी हवाओं की रही।
स्कूली बच्चे भी ठिठुरने पर मजबूर हालांकि दिसंबर माह की शुरुआत से ठंड का भीषण प्रकोप जारी है इसके चलते डीएम ने स्कूलों में अवकाश घोषित किया था। इसके बाद स्कूल खुले लेकिन पिछले सप्ताह हुई बारिश के बाद डीएम ने आठवीं तक के स्कूलों में तो अवकाश घोषित कर दिया, लेकिन बाकी स्कूल खुल रहे हैं, ऐसे में बच्चे ठिठुरते हुए स्कूल आने जाने को मजबूर हैं। घरों में दुबके, बाहर निकले तो पूरा ढंके अचानक बढ़ी ठंड की वजह से लोग जरूरी काम से ही घरों से बाहर निकले। घर में ही गर्म पकवान का आनंद लिया। जिन्हें बाहर निकलना भी पड़ा, वो सिर से पैर तक खुद को पूरी तरह कवर (ढंककर) ही निकले। कागजों में निगम के अलाव दिन में ही शाम जैसे नजारे की वजह से कई जगह सुबह से ही अलाव जल गए। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि यह अलाव निगम ने नहीं बल्कि खुद लोगों ने अपने निजी इंतजाम से जलवाए। वहीं, अधिकांश घरों में ब्लोअर वगैरह चलाए गए।