-मलेरिया के सही इलाज के लिए प्रशिक्षित डाक्टरों के पास ही जाएं .डीएमओ

-पिछले साल के मुकाबले इस साल मलेरिया रोगियों में आई कमी

बरेली : मलेरिया संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर ठहरे हुए पानी में जन्म लेते हैं। मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो संक्रमित मच्छर में मौजूद परजीवी की वजह से होती है। यह रोगाणु इतने छोटे होते हैं कि हम इन्हें देख नहीं सकते। मलेरिया बुखार प्लॅस्मोडियम वीवेक्स नामक वायरस के कारण होता है।

सीएमओ डॉ। विनीत कुमार शुक्ल का कहना है कि मच्छरों को पनपने से रोकना और मच्छरों से बचाव करके ही मलेरिया से बचा सकता है। उन्होंने बताया कि जागरूकता के कारण पिछले साल से इस साल मलेरिया रोगियों में कमी आई है। जिला मलेरिया अधिकारी डीआर सिंह ने बताया कि वर्ष 2019 में जनवरी से अगस्त तक 19114 लोग मलेरिया से पीडि़त हुए थे, वहीं 2020 में 3874 मरीज सामने आए। वहीं अगस्त 2019 में 6185 मरीज और 2020 अगस्त में 1314 में मलेरिया के रोगियों की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि गांव वासियों से बातचीत में पता चला कि गांवों में अप्रशिक्षित डॉ। झोलाछाप सक्रिय हैं जोकि मलेरिया उन्मूलन में सबसे बड़ी बाधा है। डीआर सिंह ने बताया कि मलेरिया के इलाज में दी जाने वाली जरूरी दवाएं वह नहीं देते हैं, जबकि सरकारी अस्पताल में सही और उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं ही दी जाती हैं।

ये सावधानियां जरूरी

.मच्छरों को घर के अंदर या बाहर पनपने से रोकें, इसके लिए अपने आस-पास सफाई का ध्यान रखें।

.ठहरे हुए पानी में मच्छर न पनप सकें इसके लिए बारिश शुरू होने से पहले ही घर के पास की नालियों की सफाई और सड़कों के गढ्डे आदि भरवा लें।

.घर के हर कोने पर समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करवाते रहें।

.बारिश के मौसम में मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।

.सामान्य मच्छरदानी या कीट रिपेलेंट परमेथ्रिन के साथ मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।

Posted By: Inextlive