अपडेट नहीं है कॉलेजेज की प्रोफाइल
- स्टूडेंट्स को न तो सीट का पता और न ही कॉलेज में उपलब्ध फैसिलिटीज का
- कॉलेजेज के नाम के अलावा और कोई जानकारी नहीं BAREILLY: इस बार की बीएड काउंसलिंग में एक साथ कई प्रॉब्लम्स खड़ी हो गई हैं। एक तरफ जहां दो वर्ष का कोर्स होने की वजह से स्टूडेंट्स काउंसलिंग सेंटर्स पर नहीं पहुंच रहे हैं। वहीं कॉलेजेज अपडेट नहीं होने से जो स्टूडेंट्स आ भी रहे हैं उन्हें कई तरह की प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ रही है। कॉलेजेज की लिस्ट अपडेट नहीं हो पा रही है, जिस वजह से स्टूडेंट्स को च्वाइस लॉक करने में दिक्कत हो रही है। च्वाइस लॉक हो भी रहे हैं तो उनका रिजल्ट डिक्लेयर नहीं हो पा रहा है। वहीं काउंसलिंग में शामिल सभी कॉलेजेज की इंफॉर्मेशन भी अपडेट नहीं है। जिससे स्टूडेंट्स कॉलेजेज की प्रोफाइल का अंदाजा ही नहीं लगा पा रहे हैं। ऐसे होती है ऑनलाइन काउंसलिंगस्टे्ट के बीएड कॉलेजेज में एडमिशन के लिए ऑन कैंपस ऑनलाइन काउंसलिंग की प्रक्रिया 5 जून से स्टार्ट हो चुकी है। काउंसलिंग सेंटर्स पर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का काम होता है। इसके बाद स्टूडेंट्स के मोबाइल नम्बर पर ओटीपी भेज दिया जाता है। जिसके माध्यम से वे घर बैठकर ही कॉलेजेज की सीट लॉक करते हैं। स्टूडेंट्स एक साथ कई कॉलेजेज की सीट लॉक करते हैं। जिसके बाद मेरिट के अनुसार एनआईसी उन्हें कोई एक कॉलेज अलॉट करती है। इसके बाद स्टूडेंट्स कॉलेज की फीस जमाकर अपनी सीट कंफर्म कराते हैं। इससे पहले काउंसलिंग के समय वे कॉलेज की एडवांस फीस जमा कर देते हैं। यदि किसी स्टूडेंट को अपनी सीट कंफर्म नहीं करानी होती है तो वह एडवांस फीस वापस लेकर सीट विड्रॉ कर लेता है।
ऑन कैंपस से पहले होती है ऑफ कैंपस काउंसलिंग ऑन कैंपस ऑनलाइन काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी करने से पहले ही स्टूडेंट्स ऑफ कैंपस ऑनलाइन काउंसलिंग भी करते हैं। इसके जरिए स्टूडेंट्स स्टेट के सभी कॉलेजेज का प्रोफाइल जानते हैं उनके यहां पर अवेलेबल सीटों की संख्या पता करते हैं। बीएड की काउंसलिंग की वेबसाइट www.ढ्डद्गस्त्र.ठ्ठद्बष्.द्बठ्ठ है। इसी वेबसाइट से ऑन कैंपस और ऑफ कैंपस दोनों तरह की काउंसलिंग होती है। ऑफ कैंपस की काउंसलिंग के तहत स्टूडेंट्स कॉलेजेज का प्रोफाइल जानने के लिए इंस्टीट्यूट प्रोफाइल लिंक पर क्लिक करते हैं। इसके बाद उन्हें यूनिवर्सिटी वाइज, इंस्टीट्यूट वाइज, मेल व फीमेल व को-एजुकेशन वाइज कॉलेजेज की लिस्ट देख सकते हैं। इसके अलावा सीट्स के बारे में जानने के लिए भी अलग से लिंक होता है। नहीं मिल रही इफॉर्मेशनऑफ कैंपस ऑनलाइन काउंसलिंग स्टूडेंट्स के किसी भी काम की नहीं है। स्टूडेंट्स को कॉलेजेज के नाम के अलावा और किसी तरह की इंफॉर्मेशन नहीं मिल रही है। जबकि कॉलेज के नाम के अलावा उन्हें तमाम फैसिलिटीज और इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में जानकारी देनी होती है। इंस्टीट्यूट प्रोफाइल में कॉलेजेज की सीट्स की संख्या नहीं दी गई है। फायर फाइटिंग फैसिलिटीज है कि नहीं, मेडिकल, स्पोर्ट्स व इंडोर गेम्स, जिम, मोबाइल नम्बर पता करने के लिए, अथॉरिटी नेम जिससे पता किया जा सके, वेबसाइट, फैक्स व ऑफिस फोन नम्बर, लाइब्रेरी समेत तमाम जानकारियां नहीं दी गई हैं। काउंसलिंग में आरयू से एफिलिएटेड 108 कॉलेजेज शामिल हैं। इनमें से 13 कॉलेज बरेली डिस्ट्रिक्ट्स की हैं। किसी भी कॉलेजेज की नाम के अलावा और कोई डिटेल नहीं है।
प्रक्रिया में भारी लापरवाहीइस बार एनसीटीई ने बड़े पैमाने पर बीएड कोर्स में बदलाव किया है। पहली बार दो कोर्स दो वर्ष का कर दिया गया है। इसके अनुसार उन्होंने मान्यता के नियमों में भी फेरबदल किया। जिसके चलते कई कॉलेजेज की सीट्स कम हो गई हैं। एनसीटीई ने सभी कॉलेजेज से इसकी रिपोर्ट मांगी थी। काउंसलिंग के समय यूनिवर्सिटी की तरफ से सभी कॉलेजेज का प्रोफाइल कंडक्टिंग यूनिवर्सिटी को भेजा जाता है। इस बार काउंसलिंग लखनऊ यूनिवर्सिटी करा रही है। लखनऊ यूनिवर्सिटी सभी कॉलेजेज का प्रोफाइल एनआईसी को भेजता है, ताकि वे वेबसाइट पर अपलोड व अपडेट कर सकें। लेकिन इस प्रक्रिया में भारी लापरवाही बरती गई है, जिस वजह से कॉलेजेज के बारे में स्टूडेंट्स को कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।