शिशु मृत्यु दर चार फीसदी और बाल मृत्यु दर हुई शून्य

बरेली(ब्यूरो)। प्रसव के दौरान शिशु, बाल और मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जननी सुरक्षा योजना शुरू की गई। जिले में तीन साल में करीब 1,10,853 संस्थागत प्रसव हुए। बेहतर चिकित्सा व्यवस्था और सुरक्षित प्रसव के कारण बाल मृत्यु दर पिछले वर्षों से घटकर शून्य हो गई है। शिशु मृत्यु दर में 96 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि मातृ मृत्यु दर में भी 60 फीसदी की कमी हुई है। डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने सीएमओ डॉ। बलवीर सिंह के साथ बैठक कर हाल ही में जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा की। उन्होंने लाभार्थियों के खातों में जल्द धनराशि भेजने के निर्देश दिये। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव कराने को लेकर जागरूकता अभियान चलाने को कहा। जिससे कि बाल, शिशु और मातृ मृत्यु दर को और घटाया जा सके।

11000 संस्थागत प्रसव बढ़े
सीएमओ डॉ। बलबीर सिंह ने बताया कि 2021 मार्च तक 34,138 संस्थागत प्रसव कराये गये थे। सुरक्षित तरीके से जननी सुरक्षा योजना में कराये गये प्रसव के लाभार्थियों के खातों में पैसे भी भेजे गए। 2022 मार्च तक संस्थागत प्रसव की संख्या बढक़र 35,630 हो गई है। हालांकि 2020 में कोरोना संक्रमण की वजह से संस्थागत प्रसव अधिक हुये थे। 2020 में 41,112 प्रसव सरकारी अस्पतालों में कराये गये थे।

मिली धमराशि
शहर में एक हजार और ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के खाते में 1400 रुपये जननी सुरक्षा योजना में ट्रांसफर किए जाते हैैं। वहीं शहरी क्षेत्र में संस्थागत प्रसव कराने पर महिलाओं को एक हजार की धनराशि उनके खाते में भेजी जाती है। इससे वह अपने और अपने नवजात बच्चों की शुरुआती देखभाल कर सकें। हालांकि सरकारी अस्पताल की दवाएं व अन्य चीजें निशुल्क है।

शिशु मृत्यु दर 195 से अब हुई सात
जननी सुरक्षा योजना में सुरक्षित प्रसव और चिकित्सा व्यवस्था बेहतर होने के कारण शिशु मृत्यु दर में काफी कमी हुई है। 2020-21 में शिशु मृत्यु दर 195, 2021-22 में घटकर 47 रह गई। 2022 23 में मात्र सात शिशुओं की प्रसव के दौरान मृत्यु हुई है। बाल मृत्युदर 2020-21 में 35 2021-22 में नौ रह गई और 2022- 23 में अभी तक एक भी बच्चे की मृत्यु नहीं हुई है। मातृ मृत्यु दर में भी काफी कमी आई है। 2020-21 में मातृ मृत्यु दर 55, 2021-22 में 40 रह गई। 2022-23 में घटकर 19 रह गई है।

Posted By: Inextlive