एजेंसी से होगा करार, नेफ्रोलॉजिस्ट होंगे मुहैया, मरीजों को मिलेगी डायलिसिस सुविधा

खर्च उठाएगी सरकार, 10 बेड होंगे यूनिट में, दो महीने में डायलिसिस शुरू होने की उम्मीद

BAREILLY:

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में जल्द ही किडनी के इलाज और डायलिसिस की सुविधा पेशेंट्स को एक बार फिर मिलने लगेगी। इसके लिए शासन एक निजी एजेंसी से करार करने जा रहा है, जिनके एक्सपर्ट नेफ्रोलॉजिस्ट हॉस्पिटल के ओपीडी और डायलिसिस यूनिट में पेशेंट्स को अपनी सेवाएं देंगे। इसके अलावा डायलिसिस यूनिट में हाई टेक्नोलॉजी की नई मशीनें भी लगाई जा रही हैं। ताकि, पेशेंट्स को सरकारी फीस पर बेहतर इलाज करा सकें।

10 बेड होंगे डायलिसिस यूनिट में

प्रदेश के तमाम सरकारी हॉस्पिटल्स में नेफ्रोलॉजिस्ट समेत कई एक्सपर्ट डॉक्टर्स की जबरदस्त कमी चल रही है। इस कमी को पूरा करने को सरकार रिटायर्ड हो चुके एक्सपर्ट डॉक्टर्स से करार पर दोबारा सेवाएं ले रही। लेकिन इसके बावजूद कमी की भरपाई नहीं हो पा रही। इसी के चलते डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की डायलिसिस यूनिट के लिए भी नेफ्रोलॉजिस्ट की तैनाती न हो पाने से इसे शुरू नहीं कराया जा सका। निजी एजेंसी से करार के बाद नेफ्रोलॉजिस्ट मिलने से डायलिसिस यूनिट में मरीजों की हीमो डायलिसिस शुरू हो जाएगी। डायलिसिस यूनिट में 10 बेड की सुविधा दी जाएगी। नई मशीन के इंस्टॉलेशन के लिए यूनिट में जगह की पैमाइश करा रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।

6 साल में ठप पड़ गई

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में डायलिसिस की सुविधा 1999 से शुरू हुई। 28 अप्रैल 1999 को आईएएस वीके दीवान, तत्कालीन प्रमुख सचिव स्वास्थ्य व चिकित्सा ने डायलिसिस यूनिट का इनॉग्रेशन किया था। डायलिसिस यूनिट शुरू होने से डायलिसिस कराने वाले मंडल के मरीजों को राहत मिलने की बात कही गई। डायलिसिस यूनिट संभालने के लिए हॉस्पिटल में नेफ्रोलॉजिस्ट न होने के चलते फिजिशियन डॉ। सुनील कुमार को लखनऊ के बलरामपुर हॉस्पिटल में ट्रेनिंग कराई गई। लेकिन साल 2005 में डॉ। सुनील कुमार के मुरादाबाद ट्रांसफर हो जाने के बाद कोई अन्य नेफ्रोलॉजिस्ट एक्सपर्ट और ट्रेंड स्टाफ न होने से यह यूनिट शुरू होने के 6 साल बाद ही बंद पड़ गई।

300 रुपए में होगी डायलिसिस

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में डायलिसिस यूनिट जारी रहने पर मरीजों को इलाज की लागत न के बराबर पड़ती। डायलिसिस यूनिट में इलाज कराने का खर्च महज 300 रुपए पर डायलिसिस है। लेकिन यूनिट के ठप पड़ जाने से सिर्फ बरेली शहर ही नहीं बल्कि पूरे मंडल के मरीजों को शहर के बड़े व नामी निजी हॉस्पिटल्स में महंगी डायलिसिस करानी पड़ती है। एक्सपर्ट के मुताबिक एक दिन का डायलिसिस का खर्च 5 से 10 हजार रुपए तक आता है। कई निजी हॉस्पिटल में यह खर्च 15 हजार रुपए तक आता है। हालांकि नई डायलिसिस मशीन इंस्टॉल होने के बाद मरीजों के इलाज में प्रति डायलिसिस की फीस में बदलाव हो सकता है। लेकिन इस पर शासन ही फैसला लेगा। शासन की गाइडलाइंस के मुताबिक ही फीस से लेकर इलाज को फॉलो किया जाएगा।

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डायलिसिस यूनिट शुरू कराने के लिए नेफ्रोलॉजिस्ट की नियुक्ति एजेंसी के जरिए होगी। शासन ने एजेंसी से करार कर इस दिक्कत को दूर करने का फैसला लिया है। नई मशीन दो महीने में इंस्टॉल होने की उम्मीद है। डायलिसिस यूनिट में 10 बेड होंगे। - डॉ। डीपी शर्मा, सीएमएस

Posted By: Inextlive