हमारी सड़क खाली करो।

- स्कूल, अस्पताल और शॉपिंग कांप्लेक्स की पॉर्किग फिर अवैध ठेले और फड़ों का भी बोझ

- चौराहों पर भी सजी है दुकानें, आमने-सामने दो वाहन भी नहीं निकल सकते इकट्ठे

बरेली। शहर में लगातार बढ़ रहा अतिक्रमण सिर्फ सरकारी महकमों की लापरवाही और उदासीनता के कारण ही नहीं बल्कि कुछ रसूखदार व्यापारियों की गर्म जेबें भी इसकी बड़ी वजह हैं। तंग जगहों पर बड़ी-बड़ी दुकानें और कांप्लेक्स खोलने के बाद यह लोग अपने मन मुताबिक सरकारी संपत्ती पर कब्जा करके अपने धंधे चलाते हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी महकमें में इनके आगे दम तोड़ देते हैं।

शहर की एक मुख्य सड़क मैकेनियर रोड की भी इन दिनों हालत खस्ता है। हालात ये हैं कि शहर के दो मुख्य इलाकों को जोड़ने वाली यह सड़क पर चलना भी दूभर है। एक तरफ पॉश कॉलोनियां और दूसरी तरफ थोक मार्केट, लेकिन हालात बद से बदतर। यहां सड़क पर बने स्कूल, शॉपिंग कांप्लेक्स और दोनों तरफ लगे फड़-ठेले आधी से ज्यादा सड़क घेर लेते हैं। ऐसी गंभीर स्थिति के बावजूद नगर निगम व ट्रैफिक पुलिस के अफसर आंखें मूंदे बैठे रहते हैं।

रसूखदारों के आगे थम जाता है डंडा

धर्मकांटा चौराहे से शुरू होकर मूर्ति नर्सिंग चौराहे तक मैकेनियर रोड का यह टुकड़ा करीब दो किलोमीटर लंबा है। इतने में ही यहां तीन शॉपिंग कांप्लेक्स, एक नामी स्कूल, प्रेमनगर थाना समेत अन्य थोक व रिटेक के मार्केट हैं। इन प्रतिष्ठानों को चलाने वाले लोगों का रसूख इतना बड़ा है कि सरकारी महकमें इनकी गैरकानूनी हरकतों को भी नजरअंदाज कर देते हैं। इनकी पार्किग भी सड़क पर होती है और लोडिंग-अनलोडिंग भी, लेकिन कोई ध्यान नहीं देता। ऐसे में सड़क पर चलने की जगह आधी से भी कम रह जाती है।

पार्क तो पार्क, चौराहों पर भी ठेले

इस सड़क पर दो बड़े चौराहे भी हैं। रात में यहां सड़कें चौड़ी नजर आती हैं, लेकिन दिन में सड़क देखने को नहीं मिलती। चौराहों पर दोनों तरफ चाट-पकौड़ी के ठेले लगे रहते हैं। जिनसे कॉलोनियों व मोहल्लों से निकलने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। ठेले हटाने को कहने पर यहां कई बार बवाल भी हो चुके हैं। वहीं यहां स्थित सीआई पार्क भी है। जिसके सामने की सड़क करीब 60 फीट चौड़ी है। लेकिन एक तरफ पार्क की दीवर से लगे ठेले व फड़ और दूसरी तरफ दुकानों का बाहर रखा सामान सड़क को आधी से कम करके छोड़ता है।

थाने के बाहर टूटी सड़कें

यहां प्रेमनगर थाने के बाहर की सड़क खस्ताहाल है। साथ ही धर्मकांटा चौराहे से लेकर मूर्ति नर्सिग होम तक कई गढ्डे भी हैं। जिसके चलते यहां अक्सर हादसे भी होते रहते हैं। लेकिन सरकारी महकमों की इन पर नजर नहीं पड़ती। ऐसे में कई बाहर वाहन अनियंत्रित होकर किनारे खड़े अन्य वाहनों व ठेलों से भी भिड़ चुके हैं।

सुबह-शाम लगता है जाम

शहर की मुख्य सड़क होने के चलते यहां इन हालातों में अक्सर जाम जैसी स्थिति बनी रहती है। सुबह ऑफिस और थोक मार्केट में दुकानें खोलने जाने वाले व्यापारियों की भीड़ के चलते यहां जाम लगता है। वहीं शाम में ऑफिस से लौटने वालों व खरीदारी करने वालों की भीड़ यहां उमड़ पड़ती है। ऐसे में अक्सर यहां घंटों लोग जाम में भी फंसे रहते हैं। लेकिन प्रतिष्ठानों की बाहर सड़क घेरकर की गई अवैध पार्किग से गाडि़यां हटने का नाम नहीं लेतीं।

Posted By: Inextlive