.. तो यहां भी बन सकते हैं गुरदासपुर जैसे हालात
- बड़े पैमाने पर शहर में हो रहा अवैध पटाखों का कारोबार
- पिछले साल शहर के कुछ बाजारों से पकड़ी गई थी पटाखों की भारी खेप - 10 दिन बाद प्रशासन और फायर विभाग चलाएगा संयुक्त अभियान 90 कुंतल अवैध पटाखे पिछले साल हुए थे जब्त 35 दुकानों को शहर में पटाखे बेचने के लिए मिला है लाइसेंस 1 करोड़ के पटाखों का हर साल होता है कारोबारबरेली : पंजाब के गुरदासपुर के बटाला में वेडनसडे को एक पटाखा फैक्ट्री में आग लग जाने के बाद जोरदार धमाका हुआ जिसमें 21 लोगों की जान चली गई। मामले की जांच में जिस फैक्ट्री में आग वह अवैध निकली। ऐसे ही हालात बरेली में भी बन सकते हैं। वजह है कि यहां भी पटाखों का अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर पनप रहा है। पिछले सालों में पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में पटाखों के अवैध कारोबार के मामले सामने आते रहे हैं, बावजूद इस पर रोक नहीं लग पा रही है। पिछले साल पुलिस ने शहर के पांच इलाकों में छापेमारी कर दो गोदामों को सील किया था। वहीं शहर के पांच इलाकों से करीब 90 कुंतल पटाखे जब्त किए थे।
कहां हो रहा है अवैध पटाखा कारोबारपिछले वर्ष फायर विभाग ने आग से सुरक्षा के मद्देनजर शहर के श्यामगंज, सिठौरा, सीबीगंज, परसाखेड़ा में छापेमारी की थी, इस दौरान यहां गोदाम पटाखों से भरे मिले थे, ओनर्स के पास एनओसी नहीं मिली थी, जिसके बाद गोदाम को सील करने के लिए फायर विभाग ने प्रशासन को पत्र लिखा था, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब दीपावली नजदीक आते ही इन फैक्ट्रियों में पटाखे बनाने का काम चोरी छिपे शुरू हो गया है।
घनी आबादी के बीच बारुद का कारोबार शहर के सौ फुटा रोड पर 35 बड़ी लाइसेंसी दुकाने हैं। करीब 20 साल पहले यह दुकानें यहां लगी थीं। उस दौरान यहां दूर-दूर तक कोई घर नही था लेकिन वर्तमान समय की बात करें तो यहां दुकानों के आसपास 10 कॉलोनी बस गई जिसमें करीब 10,000 लोग रहते हैं। ऐसे में अगर थोड़ी सी चूक होती है तो बड़ी जनहानि हो सकती है। प्रशासन ने दी अनुमति6 माह पहले फायर विभाग ने सौ फुटा रोड की दुकानों का औचक निरीक्षण किया तो 26 दुकानों से आग से निपटने के इंतजाम गायब मिले थे, वहीं कई सालों से एनओसी तक रिन्यूवल नहीं कराई थी। जिसके बाद फायर विभाग ने सभी दुकानों की एनओसी निरस्त कर दुकानें सील करने को प्रशासन को रिपोर्ट भेजी थी। लेकिन दुकानदारों ने दबाव बनाकर प्रशासन से दुकानें संचालित करने की अनुमति ले ली।
हर साल शहर में 1 करोड़ का कारोबार लाइसेंसी दुकानदारों का कहना है कि पटाखों के अवैध कारोबार के कारण उन्हें लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। दो साल पहले सौ फुटा रोड की दुकानों से करीब 70 लाख रुपए का कारोबार दीपावली पर हुआ जबकि पिछली साल 44 लाख का ही कारोबार हुआ। बावजूद इसके प्रशासन के अफसर हर साल करीब एक करोड़ रुपए के पटाखों का कारोबार करने की बात कह रहे हैं, इससे साफ है कि शहर में अवैध पटाखों का कारोबार पनप रहा है। पहले भी हो चुके हैं हादसे करीब डेढ़ साल पहले बहेड़ी में घनी आबादी के बीच बने पटाखा गोदाम में आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई थी, वहीं शहर के सौ फुटा रोड पर पिछले साल जनवरी माह में एक पटाखे की दुकान में आग लग गई थी आग इतनी भीषण थी कि दुकान के ठीक पीछे मकान को भी अपने आगोश में ले लिया गनीमत रही थी कि कोई जानमाल की हानि नहीं हुई थी। यह हैं मानक- भीड़भाड़ वाले इलाकों में पटाखे का गोदाम तो दूर दुकानें भी नहीं खुल सकती।
- गोदाम में पटाखे रखने और बेचने के लिए प्रशासन की अनुमति जरूरी। - आबादी से करीब दो किलोमीटर दूर खुले मैदान में ही परमिशन के बाद पटाखे बेच सकते हैं। - दिवाली पर पटाखा बिक्री के लिए जारी होते हैं अस्थाई लाइसेंस - दुकानों पर फायर फाइटिंग उपकरण होना जरूरी। दुकानदारों की बात शहर में कुछ बाजारों में ही बिना परमीशन के पटाखे बनाए और बेचे जा रहे हैं। इससे लाइसेंस धारक पटाखा कारोबारियों का बिजनेस प्रभावित हो रहा है। दुजेंद्र गुप्ता, पटाखा व्यापारी। पिछले साल अभियान चलाकर प्रशासन ने कई अवैध पटाखों के गोदाम सील किए थे, लेकिन साठगांठ के बाद फिर वह संचालित हो गए हैं। गोविंद, पटाखा व्यापारी। वर्जन पटाखे के अवैध कारोबार पर रोक के लिए अभियान चलाया जाएगा। वहीं सौ फुटा रोड पर लगी दुकानें इस साल ही लगेंगी अगले वर्ष इन्हें आबादी से हटाकर शहर से बाहर शिफ्ट किया जाएगा। वीरेंद्र कुमार सिंह, डीएम