- कोरोना के कहर से बेखौफ धड़ल्ले से कोतवाली क्षेत्र में सट्टे की खाईबाड़ी करा रहे हैं सट्टेबाज

- एक कमरे में बैठकर सट्टेबाज के गुर्गे लिखवाते हैं नंबर, वीडियो में कैद हुआ हुआ सारा मामला

बरेली। कोरोना महामारी के चलते पूरे शहर ही नहीं देश-प्रदेश में भी खौफ है। विभागों के साथ ही बाजार तक बंद हैं, लेकिन जुआरी और सट्टेबाज बेखौफ होकर अब भी अपनी किस्मत आजमाने से बाज नहीं आ रहे। शहर में कई जगह जमकर सट्टे की खाईबाड़ी चल रही है। ऐसा नहीं कि पुलिस को इस गोरखधंधे की जानकारी नहीं, लेकिन नजरें घुमाकर सब काम मिलीभगत से कराया जा रहा है। ऐसे ही कोतवाली क्षेत्र के आजमनगर इलाके में धड़ल्ले से चलाई जा रही एक सट्टे की फड़ की हकीकत जानने की कोशिश की गई मामला सही पाया गया। यहां एक बंद कमरे में एक हिस्ट्रीशीटर के गुर्गे हार जीत की बाजी लगवाते मिले। आसपास लोगों से पुलिस की गश्त और सख्ती की भी जानकारी ली गई, लेकिन लोगों ने बेखौफ और बेबाक अंदाज में कह दिया, कि कुछ नहीं होता साहब।

बंद कमरे में गुर्गे, बाहर पहरा

आजमनगर के ही एक हिस्ट्रीशीटर के अड्डे पर सट्टे की फड़ पूरी निगरानी के साथ चलाया जाता है। एक मकान के नीचे वाले कमरे में खिड़की दरवाजे बंद कर पíचयों पर लोगों के नंबर लिखे जाते हैं। इसके साथ ही दरवाजे पर पुलिस या कोई अंजान व्यक्ति आने पर चौकन्ना करने के लिए भी गुर्गे पहरा देते हैं। पहरे का हाल ये है कि अड्डे के आसपास करीब एक किलोमीटर के दायरे में हिस्ट्री शीटर के कई गुर्गे घूमते रहते हैं। जोकि पुलिस देखकर भागते नहीं, बल्कि कुछ ही दूर खड़े दूसरे गुर्गे को फोन या इशारा करके चौकन्ना कर देते हैं। चेन के माध्यम से सूचना अड्डे तक पहुंचती है और सब काम छोड़कर भाग निकलते हैं। सूत्रों के मुताबिक हिस्ट्रीशीटर इन गुर्गो को रोजाना के हिसाब से पांच सौ से एक हजार रुपए तक देता है।

महिलाएं भी पहुंचती हैं किस्मत आजमाने

हिस्ट्रीशीटर के अड्डे की बनाई गई एक वीडियो में एक महिला भी कमरे में नजर आ रही है। महिला के एक हाथ में एक पर्ची है, जोकि वह रजिस्टर में नंबर चढ़ा रहे युवक को दे रही है। महिला बोल रही है, ले ये चार नंबर र्ह, शाम वाली में डाल दे। आसपास जानकारी करने पर सामने आया कि इलाके की महिलाएं भी वहा नंबर लगाने आती हैं।

गुर्गे से हुई बातचीत।

गुर्गा - कहां घुसे जा रहे हो।

युवक - नंबर लगाना है।

गुर्गा - कहां से आए हो, पहले तो कभी नहीं देखा।

युवक - गंगापुर से आया हूं, छुट्टन ने भेजा है।

कमरे में अंदर पहुंचकर।

युवक - भाई ये दो नंबर 14 और 39 लगा देना।

गुर्गा - पहले रुपए दो।

युवक - हां लो, शाम वाली में लगाना। रुपए कब तक आ जायेंगे

गुर्गा - पहले नंबर तो आने दे, पहली बार आया है क्या।

युवक - नहीं नहीं, ठीक है।

दस रुपए से हजारों के लगते हैं नंबर

शहर के हर इलाके में सट्टे की खाईबाड़ी बेखौफ ढंग से की जाती है। फड़ों कर सुबह शाम दोनों ही वक्त नंबर लगाए जाते हैं। ये नंबर दिल्ली, गाजियाबाद व अन्य जगहों के बड़े अड्डों पर खोले जाते हैं और फिर वहीं से इनका रुपया आता है। वहीं लगभग सात तरह के अलग-अलग अड्डों से नंबर लगता है। शहर में रोजाना लाखों रुपयों का सट्टे का कारोबार होता है। अक्सर पुलिस इन पर कार्रवाई भी करती है, लेकिन महज खानापूíत के कारण ये धंधे फिर से शुरू हो जाते हैं। वहीं पुलिस की साठगांठ के चलते धड़ल्ले से ये फडें चलती रहती हैं। हिस्ट्रीशीटर के इस अड्डे पर आने जाने और यहां अवैध वसूली के चलते कई पुलिसकíमयों पर पहले भी कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन अड्डा अभी भी चल रहा है।

लॉकडाउन के दौरान पुलिस को सख्ती करने के आदेश दिए गए हैं। कोतवाली क्षेत्र में सट्टा होने का मामला जानकारी में नहीं है। अगर ऐसा है तो मामले की जांच कराकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। थाना पुलिस की मिलीभगत हुई तो उन कर भी विभागीय कार्रवाई होगी।

रोहित सिंह सजवान, एसएसपी

Posted By: Inextlive