10 संयोगों की दशमी पर गंगा में होगा पुण्य स्नान
मां गंगा का पूजन के साथ ही बटुक भैरव का पूजन कष्टों को करेगा दूर
36 वर्षों बाद बन रहे संयोग पर पूजन से जातक को मिलेगा सौ गुना फल BAREILLY: ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को हस्त नक्षत्र में मनाया जाने वाला दशहरा मेला में इस बार दस योगों का संयोग हो रहा है। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक 36 वर्षो बाद बनने वाला यह संयोग दशहरा मेला पर स्नान और विधि-विधान से पूजन करने पर झोली खुशियों से भरेगी। दस योगों में से दशमी और व्यतीपात योग मुख्य हैं। जिसके साथ ही अमृत सिद्धयोग, सर्वार्थ सिद्धयोग और मानस योग का भी संयोग है। इस दिन पूजापाठ, दान पुण्य का सौ गुना फल श्रद्धालुओं को मां गंगा के आशीर्वाद से मिलता है । यह है अनूठी मान्यतामान्यता है कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को हस्त नक्षत्र में स्वर्ग से गंगा जी का आगमन पृथ्वी पर हुआ था। ऐसे में ज्योतिषाचार्य इसे मां गंगा की जयंती भी मानते हैं। स्कन्द पुराण, वाल्मीकि रामायण समेत अन्य ग्रन्थों में गंगा अवतरण की कथा वर्णित है कि जिस दिन पूर्वाग में दशमी समेत दस योग हों, वह सर्वाधिक श्रेष्ठ दिन माना जाता है। ऐसे में इस वर्ष श्रद्धालुओं को यह शुभ संयोग ि1मला है।
जान लें पूजन विधियह दिन सम्वतसर का मुख माना गया है। संकल्पपूर्वक गंगा जी में दस बार गोते लगाकर, गंगा स्नान कर, दूध, बताशा, जल, रोली, नारियल, धूपदीप से पूजन करें। मां गंगा, शिव, ब्रह्मा, सूर्य, भागीरथी और हिमालय की प्रतिमा बनाकर पूजन करने से पापों से छुटकारा मिलता है। गंगा दशहरा पूजन में दस प्रकार के पुष्प, दशांग धूप, दस दीपक, दस नैवेध, दस ताम्बूल और दस फल होने चाहिए। शिवलिंग का पूजन और रतजगा से अनन्त फल प्राप्त होता है। जातक गंगा जी का मंत्र
आज बटुक भैरव जयंती शनि, राहु की शांति के लिए आज का दिन खास है। बटुक भैरव का प्राकट्य भी ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन माना जाता है। संडे को हस्त नक्षत्र में बनने वाले मानस योग भैरव की पूजा के लिए श्रेष्ठ है। बटुक भैरव की पूजा से वह उस शहर के रक्षक बनकर मौजूद रहते हैं और आपदाओं को दूर करते हैं। बटुक भैरव साधना से आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक शुत्र बाधा व अन्य समस्याओं से मुक्ति मिलती है। ---------------- दस योग 1- ज्येष्ठ मास 2- शुक्ल पक्ष 3- दशमी तिथि 4- अमृत योग 5- हस्त नक्षत्र 6- व्यतीपात योग 7- गरकरण, सर्वार्थ योग 8- आनन्द योग 9- कन्या राशि का चन्द्रमा10- वृष राशि का सूर्य
मुहूर्त अमृत सिद्ध योग - सुबह 5.23 से दोपहर 3.24 बजे तक सर्वाथ सिद्ध योग - सुबह 5.23 से दोपहर 3.24 बजे तक मंत्र जाप बटुक भैरव का मंत्र - 'ऊँ ह्ीं आपद् उद्धारणाय कुरू-कुरू स्वाहा' मां गंगा का मंत्र - 'ऊँ गंगा देव्यै नम:' शुभ संयोग के साथ मां गंगा के अवतरण दिवस पर श्रद्धालु इस वर्ष गंगा स्नान करेंगे। बटुक जयंती पर विधि विधान से पूजन करने पर शनि और राहु दोष से मुक्ति मिलेगी। पं। राजीव शर्मा, ज्योतिषाचार्य, बालाजी ज्योतिष संस्थान