-थोक के दामों से चार गुना ज्यादा में बिक रही फुटकर सब्जियां

बरेली: थोक में सब्जियों के दाम भले ही कम हो गए हों, लेकिन फुटकर में बिक रही सब्जियों के दाम ने आम आदमी के बजट में अभी भी आग लगा रहे हैं। सब्जियों के बढ़े रेट ने किचिन का बजट बिगाड़ दिया है। यूं तो हर हफ्ते सब्जियों के दाम घटते बढ़ते रहते हैं लेकिन थोक रेट की तुलना में फुटकर रेट एक दो नहीं बल्कि चार गुना तक अधिक वसूले जा रहे हैं। मंडी के थोक आढ़तियों की मानें तो इस वक्त थोक रेट काफी कम हुए हैं क्योंकि इस समय देहात क्षेत्र से हरी सब्जी की आवक अधिक बढ़ गई है, जिस कारण सभी सब्जियां सस्ती हुई र्है। लेकिन फुटकर विक्रेता मनमाने रेट पर सब्जी बेच रहे हैं।

यहां से आती हैं सब्जियां

मीरगंज, आंवला, फरीदपुर से सब्जियों को लाकर मंडी में थोक में कम दाम पर बेच रहे है। इन जगह सब्जियों की अच्छी पैदावार होती है जिसकी वजह से सब्जियों के दाम भी लागत और मेहनत अनुसार होते हैं लेकिन मंडी से किचिन तक पहुंचने में यह सब्जियां आम आदमी के बजट के बाहर चली जाती हैं। मंडी गेट से निकलने के बाद ही ठेले और शॉप पर बिक रही सब्जियों के रेट में भी दो से तीन गुना तक का अंतर मिल जाएगा।

दुकानदार लगा रहे मनमाने दाम

थोक में सब्जियां खरीदने के बाद फुटकर व्यापारी सब्जियों के दाम बढ़ा देता है। फुटकर विक्रेता दो से चार गुना अधिक दाम वसूल रहे हैं। ऐसा कोई एक या दो दुकानदार नहीं कर रहे बल्कि अधिकांश फुटकर विक्रेता दामों को इतना बढ़ा देते है कि आम आदमी को मजबूरन मंहगी सब्जी लेनी पड़ रही है।

आखिरकैसे खाएं हरी सब्जियां

कोरोना काल में डॉक्टर्स का कहना है कि इम्यूनिटी स्ट्रांग हो तो कोरोना से बचने की संभावना बढ़ जाती है और इम्यूनिटी स्ट्रांग करने का सबसे अच्छा तरीका हरी सब्जियों का सेवन करना। अब ऐसे हालात में अगर सब्जियों के दाम आसमान को छुएंगे तो कैसे किसी की थाली में हरी सब्जी मिल सकती है। साथ ही बिना हरी सब्जियों के सेवन के न्यूट्रीशन में भी कमी आएगी।

मंडी में देहात क्षेत्र से हरी सब्जियों की आवक काफी बढ़ी है। ऐसे में हरी सब्जियों के रेट काफी कम हुए हैं। बाहर से भी हरी सब्जियां आ रही है, मंडी में हरी सब्जी की कोई कमी नहीं हैं।

सलीम, आढ़ती डेलापीर सब्जी मंडी

हरी सब्जियां हो या आलू, प्याज सब बहुत महंगे हो गये हैं। समझ में नहीं आता क्या खरीदें, अब दिन में एक टाइम बिना सब्जी के खाना बनाना पड़ रहा है।

ज्योति, गृहणी

घर का बजट ही बिगड़ गया है सबसे ज्यादा खर्च सब्जियों को खरीदने में हो रहा है, अगर बड़ा परिवार है तो और दिक्कत होती है, रोज-रोज हरी सब्जियां बनाना मुश्किल हो जाता है।

ममता, गृहणी

घर-घर जा कर सब्जी बेचने वाले तो बहुत मंहगी सब्जियां देते हैं, ऊपर से दाम भी बिल्कुल कम नहीं करते हैं। कहते है.ं, लेना हो तो लो, पैसे तो कम नही होंगे फिर मजबूरी में लेनी पड़ती है।

अंजू, गृहणी

सब्जी के रेट

सब्जी थोक रेट फुटकर रेट

आलू 20 40

प्याज 20 40

खीरा 15 50

बैगन 8 30

हरा धनिया 5 50

शिमला मिर्च 10 60

गाजर 5 30

मटर 30 60

टमाटर 20 60

मूली 2 10

गोभी फूल 2 25

पत्ता गोभी 2 30

अदरक 30 100

पालक 10 30

मेंथी 8 25

शलजम 10 20

हरी मिर्च 20 60

वींस 12 40

लौकी 10 50

बथुआ 10 40

Posted By: Inextlive